कल मंगलवार दिनांक 8 जनवरी 2013 को मेंढर सेक्टर में हुई गोलीबारी में 2 भारतीय सैनिकों को पाकिस्तानी फ़ौजियों ने मार दिया। वे 1 सैनिक का सिर काटकर भी ले गए हैं।
इस तरह की हिंसक घटनाएं राजनैतिक उददेश्य से की जाती हैं।
इनके ज़रिये देश की जनता का ध्यान असल समस्या से हटाने के लिए फ़र्ज़ी दुश्मन का हौवा खड़ा किया जाता है।
यह घटना बेशक उकसाने के लिए की गई है। सैनिकों के सिर काटना युद्ध के नियमों के भी खि़लाफ़ है।
पाकिस्तान के हुक्मरानों को जिस वक्त में भारत से दोस्ती बढ़ाने की ज़रूरत है। वह उस समय में उससे दुश्मनी बढ़ा रहा है। यह संदेह पैदा करता है।
पाकिस्तान की अपनी कोई सोच नहीं है। वह अमेरिका और चीन से पॉलिसी इम्पोर्ट करता है। इस मामले में अमेरिका का कोई हाथ नहीं है और चीन ?
चीन के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।
इसलिए भड़कने के बजाय होशियार रहने की ज़रूरत है और इस समस्या के पीछे छिपे असली कारणों की जाँच-पड़ताल करने की ज़रूरत है। इस समस्या को कूटनीतिक स्तर पर हल करना चाहिए।
हालाँकि जो गहरी सोच नहीं रखते वे तुरंत भड़क जाएंगे। उन्हें लगता है कि भड़काऊ बातें करके वे लोगों पर साबित कर देंगे कि देश की चिंता दूसरों से ज़्यादा उन्हें है। पाकिस्तान के सैनिकों ने 1 का सिर काटा है, ये लोग दंगे भड़का कर लाखों को कटवा देते हैं। दुश्मनों से ज़्यादा नुक्सान पहुंचाने वाले यही हैं, जो एक वर्ग को दूसरे के खि़लाफ़ भड़काते हैं।
देखिए इस ताज़ा घटना पर हिंदी ब्लॉगर प्रमोद जोशी जी की पोस्ट-
2 comments:
सटीक विश्लेषण ||
पाकी दो सैनिक हते, इत नक्सल इक्कीस ।
रविकर इन पर रीस है, उन पर दारुण रीस ।
उन पर दारुण रीस, देह क्षत-विक्षत कर दी ।
सो के सत्ताधीश, गुजारे घर में सर्दी ।
बाह्य-व्यवस्था फेल, नहीं अन्दर भी बाकी ।
सीमोलंघन खेल, बाज नहिं आते पाकी ।।
सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
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