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ब्लॉग जगत का नायक बना देती है ‘क्रिएट ए विलेन तकनीक‘ Hindi Blogging Guide (29)

इसमें एक ब्लॉगर को विलेन घोषित करना एक बुनियादी तत्व है। जिसे विलेन घोषित किया जा रहा है, उसका सचमुच विलेन होना ज़रूरी नहीं है।
इसे आम तौर पर पुराने ब्लॉगर इस्तेमाल करते हैं और इसके ज़रिये वे ब्लॉग जगत में अपना क़द ऊंचा करना और उसकी बागडोर अपने हाथों में लेना चाहते हैं। बिल्कुल नया ब्लॉगर प्रायः इसे इस्तेमाल नहीं कर पाता क्योंकि इसके लिए ब्लॉग जगत में बहुसंख्यकों की जनभावनाओं का ज्ञान बहुत ज़रूरी है।
इस तकनीक के तहत पहले से स्थापित एक ब्लॉगर पहले यह जायज़ा लेता है कि किस ब्लॉगर को हिंदी ब्लागर्स के कौन कौन से गुट कितना ज़्यादा नापसंद करते हैं ?
जिस ब्लॉगर को ज़्यादातर गुट नापसंद करते हों, डिज़ायनर ब्लॉगर उसी के विरूद्ध उठ खड़ा होता है और पहले उसे नर्मी से समझाने का दिखावा करता है और इन्कार की दशा में उसे उखाड़ फेंकने के लिए कटिबद्ध हो जाता है। वह उसके सामूहिक बहिष्कार के लिए अपील करता है। इससे बहुत सारे गुटों का समर्थन उसे तुरंत ही मिल जाता है और उन गुटों के सदस्यों की टिप्पणियां भी उसके ब्लॉग पर आने लगती हैं और उसे मार्गदर्शक मान लिया जाता है।
इस तकनीक से एक ब्लॉगर तुरंत ही एक शासक का सा आभासी आनंद पा सकता है। इसके अंतर्गत उसे बहुत से ब्लॉगर्स को टिप्पणियां और ईमेल्स करनी पड़ती है और उन्हें बताना पड़ता है कि वे उसके द्वारा घोषित विलेन ब्लॉगर को टिप्पणी रूपी दाना पानी बिल्कुल भी न दें और लोग तुरंत ही मान लेते हैं क्योंकि वह तो वही बात कह रहा है जो कि वे पहले से ही कर रहे होते हैं। इस तरह ब्लॉग जगत में यह संदेश जाता है कि यह ब्लॉगर बहुसंख्यकों के हितों के लिए आवाज़ उठाता है और इसकी बात में दम है। लोग इसकी बात को मानते हैं।

Magic Tricks With Animals

यह एक तरह का इल्यूज़न और भ्रम होता है। कोई उसकी बात नहीं मानता है बल्कि वह कहता ही ऐसी बात है जिसे लोग उसके कहे बिना भी मानते हैं। जादूगरों की सारी कला ‘इल्यूज़न‘ पर ही टिकी होती है और जो जादूगर जितना बड़ा ‘इल्यूज़न‘ और भ्रम पैदा करता है, वह उतना ही बड़ा जादूगर मान लिया जाता है और उतनी ही ज़्यादा उसकी वाह वाह होती है।
यही इल्यूज़न जब एक डिज़ायनर ब्लॉगर पैदा करता है तो वाह वाह उसके ब्लॉग पर टिप्पणियों की शक्ल में बरसती हैं।
हिंदी ब्लॉगिंग में कई ब्लॉगर्स ने इस तकनीक को आज़माया और अपनी छवि एक मसीहा और नायक की बना ली।
कामयाबी की सौ फ़ी सद गारंटी के बावजूद इस तकनीक का नकारात्मक पक्ष यह है कि इस तकनीक के तहत आदमी को अपने ज़मीर के खि़लाफ़ जाकर बहुसंख्यकों की भावनाओं का साथ देना पड़ता है। कई बार बहुसंख्यक लोग किसी से इसलिए भी ख़फ़ा हो जाते हैं कि वे अपनी कमी, कमज़ोरी और कुरीतियों पर चोट सहन नहीं कर पाते और वे सत्य के लिए प्रतिबद्ध सत्कर्मी ब्लॉगर के विरूद्ध खड़े हो जाते हैं।
ऐसी कोशिशों में डिज़ायनर ब्लॉगर को निजी लाभ तो बेशक मिल जाता है लेकिन पूरे समूह को अंततः नुक्सान ही होता है।
ब्लॉगवाणी के संचालकों ने ब्लॉगवाणी को बंद (अपडेट न) करने का जो निर्णय लिया है। उसके पीछे वास्तव में डिज़ायनर ब्लॉगर्स की महत्वाकांक्षा ही ज़िम्मेदार है। इस नुक्सान की भरपाई के लिए बाद में उन्होंने कई पोस्ट्स लिखकर वापसी के लिए ब्लॉगवाणी की मिन्नतें भी कीं लेकिन उनकी बदतमीज़ियों से आजिज़ ब्लॉगवाणी संचालकों ने उनकी राय को ठकुरा दिया और इस तरह हिंदी ब्लॉगिंग को वे जो नुक्सान पहुंचा चुके थे, वह स्थायी बनकर रह गया। 

‘क्रिएट ए विलेन‘ के बजाय अगर ‘सर्च ए विलेन तकनीक‘ पर काम किया जाए तो वह ज़्यादा बेहतर है और उसे एक नया ब्लॉगर भी आसानी से अंजाम दे सकता है और उसमें भी इसी तकनीक की तरह कामयाबी सौ फ़ी सद ही यक़ीनी है।

‘सर्च ए विलेन तकनीक‘
इस तकनीक के अंतर्गत हम दो तकनीकों का संयुक्त अध्ययन करेंगे।
इसमें पहली तकनीक का नाम है ‘हातिम ताई तकनीक‘
और दूसरी का नाम है ‘अवतार तकनीक‘
आगामी पोस्ट में इन दोनों तकनीकों के बारे में विस्तृत चर्चा की जाएगी, इंशा अल्लाह !
इस विषय में ये दो पोस्ट भी फायदेमंद हैं :
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डिज़ायनर ब्लॉगिंग के ज़रिये अपने ब्लॉग को सुपर हिट बनाईये Hindi Blogging Guide (26)

अपने मन के विचारों को या अपनी रचनाओं को बिना किसी योजना के सहज भाव से ब्लॉग पर लिख देना सहज ब्लॉगिंग कहलाता है।
इसके विपरीत डिज़ायनर ब्लॉगिंग एक जटिल प्रक्रिया है। जिसमें ब्लॉगर किसी वांछित लक्ष्य के लिए योजनाबद्ध तरीक़े से पोस्ट लिखता है और उस पर आने वाली टिप्पणियों के जवाब देता है और जब वह दूसरे ब्लॉग पर टिप्पणी देता है तब भी वह अपने निहित उद्देश्य की पूर्ति ही कर रहा होता है।
यह वांछित लक्ष्य और निहित उद्देश्य किसी के लिए केवल निजी हित हो सकता है तो किसी के लिए मानव मात्र की भलाई। किसी का वांछित लक्ष्य और निहित उद्देश्य नकारात्मक हो सकता है और किसी का सकारात्मक। इसके स्तर और इसकी प्रकृति में अंतर के बावजूद इसका लक्ष्य और इसका उद्देश्य सुनिश्चित होता है और इसके भले बुरे नतीजों से ब्लॉगर अच्छी तरह परिचित भी होता है। इसका एक बड़ा लक्षण यह भी है कि डिज़ायनर ब्लॉगर बहुत कम समय में ही अपने ब्लॉग पर बहुत से ब्लॉगर्स को जोड़ लेता है।
अच्छे और बुरे, दोनों ही मक़सद के लिए डिज़ायनर ब्लॉगिंग आज हिंदी ब्लॉगिंग में धड़ल्ले से प्रचलित है। इसके अच्छे और बुरे नतीजे भी सामने आ रहे हैं लेकिन फिर भी यह निर्बाध रूप से चल रही है और चलती रहेगी क्योंकि ब्लॉगिंग की प्रकृति ही कुछ ऐसी है कि इसमें किसी भी ब्लॉगर को उसकी योजना, विचार और शैली बदलने पर मजबूर नहीं किया जा सकता।
डिज़ायनर ब्लॉगिंग का एक लक्षण यह भी है कि इसके अंतर्गत लिखी गई कोई भी पोस्ट प्रायः कमेंट से ख़ाली नहीं पाई जाती। प्रायः 10 कमेंट से लेकर 60 कमेंट तक इस तरह की पोस्ट पर अनिवार्य रूप से मिलते हैं। कभी कभी इन पर कमेंट की संख्या 100 से लेकर 400 तक भी पाई जाती है।
ऐसे हालात में जब एक नया ब्लॉगर हिंदी ब्लॉगिंग की दुनिया में अपना क़दम रखता है और ‘सहज ब्लॉगिंग‘ करता है तो कुछ समय बाद ही वह पाता है कि जहां दूसरों की पोस्ट्स पर 10 से लेकर 100 तक कमेंट मौजूद हैं वहीं उसकी पोस्ट पर एक दो कमेंट आना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे में वह समझता है कि शायद उसके लेखन में ही कोई कमी है और वह ग़लत जगह आ गया है। ऐसा समझकर वह निराश हो जाता है और हिंदी ब्लॉगिंग को अलविदा कह देता है या फिर हीन भावना का शिकार होकर रह जाता है।
हिंदी ब्लॉगिंग से इस पलायन को रोकने के लिए यह ज़रूरी है कि उन्हें सही सूरते हाल से आगाह किया जाए और उन्हें कुछ ऐसी बातें बताई जाएं जिन्हें अपनाने के बाद उनके ब्लॉग तक न केवल पाठक पहुंचें बल्कि वे वहां अपनी राय दर्ज करने पर भी मजबूर हो जाएं।
कोई भी ब्लॉगर अपनी रचना केवल इसीलिए सार्वजनिक करता है कि उसे ज़्यादा से ज़्यादा पाठक मिलें। पाठकों के सुझाव भी उसकी परफ़ॉर्मेंस को बेहतर बनाते हैं और उनकी सराहना भी उसका जोश बढ़ाती है। टिप्पणियों का कुल हासिल यही है। इस मक़सद के लिए अगर कोई समूह बन जाए तो उसमें भी कोई बुराई नहीं है लेकिन जब यह समूह किसी को उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हो जाए तो वह  देर सवेर निंदा और जगहंसाई का पात्र बनकर रह जाता है।
‘आदमी लाभ के लिए ही काम करता है।‘
यह इंसान की प्रवृत्ति है।
अगर आप एक नए ब्लॉगर हैं और आप विदेश में रहते हैं या आप मोटी सैलरी वाली नौकरी या बड़े टर्न ओवर वाला बिज़नेस करते हैं तो आपको टिप्पणियों की क़िल्लत का सामना कभी नहीं करना पड़ेगा। वास्तविक जगत की तरह यहां ब्लॉग जगत में भी आपका स्वागत गर्मजोशी से किया जाएगा।
हिंदी ब्लॉगिंग में डिज़ायनर ब्लॉगिंग का श्रेय भी इसी वर्ग को जाता है।
लेकिन अगर आपमें ये ख़ूबियां नहीं हैं और आप कम आमदनी पर संतोष करते हुए अपनी मातृभूमि की सेवा कर रहे हैं तो आपके लिए इस मार्ग में कठिनाईयां कम नहीं हैं।
ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना आपके लिए अनिवार्य है जिससे आपको भरपूर पाठक भी मिलेंगे और टिप्पणियां भी इतनी तो ज़रूर ही मिल जाएंगी जितनी कि आपको हिंदी ब्लॉगिंग में स्थापित करने के लिए ज़रूरी हैं।
इस सिलसिले में हमने एक लंबे समय तक डिज़ायनर ब्लॉगिंग का अध्ययन किया और गहन अनुसंधान के बाद कुछ ऐसे अचूक टोटके भी खोज निकाले हैं, जिन पर बड़े ब्लॉगर्स की ब्लॉगिंग फल फूल रही है और जिनका इस्तेमाल करने के बाद आपका नाम भी निश्चय ही बुलंदी पर चमकने लगेगा।
इस विषय पर हमारे अलावा दूसरे हिंदी ब्लॉगर्स ने भी काम किया है और हम चाहते हैं कि अपने शोध परिणाम को सामने लाने से पहले उन भाईयों की मेहनत को भी सामने लाया जाए ताकि उनकी जो मेहनत भुला दी गई है। उसका उचित सम्मान किया जा सके और उनकी पुरानी पोस्ट को भी हमारे ज़रिये कुछ नए पाठक मिल सकें।
इस क्रम में हम भाई युगल मेहरा जी का नाम लेना चाहेंगे। अंग्रेज़ी के ब्लॉग्स पर घूमते हुए उन्हें कुछ काम की बातें पसंद आईं तो उन्होंने एक पोस्ट के माध्यम से वे बातें हिंदी ब्लॉगर्स तक पहुंचाना अपना फ़र्ज़ समझा और उनकी आवाज़ को आप तक पहुंचाना अब हम ज़रूरी मानते हैं क्योंकि उनकी बातें सभी हिंदी ब्लॉगर्स के लिए फ़ायदेमंद हैं और हमारे द्वारा खोजे गए कुछ तरीक़े भी उनकी सूची में दर्ज हैं।
...तो क्लिक कीजिए युगल मेहरा जी की पोस्ट के शीर्षक पर 
ब्लॉग पोस्टिंग के 76 तरीक़े जो आपके ब्लॉग को चमका देंगे

इन तरीक़ों को इस्तेमाल करने के बाद आपके ब्लॉग की वैल्यू बढ़ना यक़ीनी है।
अभी हालात चाहे जो हों लेकिन आने वाला समय वह है जबकि हिंदी ब्लॉग केवल अपने मन की तसल्ली के लिए ही न लिखे जाएंगे बल्कि उनसे आमदनी भी होगी और दूसरी प्रॉपर्टी की तरह उन्हें ख़रीदा और बेचा भी जाएगा।
यह बात हिंदी ब्लॉगिंग के लिए अभी भले ही सपना हो लेकिन इंग्लिश ब्लॉगिंग में यह एक सामान्य व्यवहार है। निम्न लिंक पर जाकर आप हमारी बात की तस्दीक़ भी कर सकते हैं :

Sell Your Blog: How Much is Your Blog Worth?

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टिप्पणी को बोल्ड और इटालिक दिखाने के लिए कोड Hindi Blogging Guide (25)

टिप्पणी में किसी बात पर विशेष ध्यान दिलाने के लिए उसे बोल्ड यानि कि मोटा भी किया जा सकता है। इसके लिए एक एचटीएमएल कोड की ज़रूरत पड़ती है। 
इस कोड का इस्तेमाल कैसे किया जाता है ?, 
इसे आप नीचे के उदाहरण से समझ सकते हैं।

<b>वाक्य</b>

जिस वाक्य को बोल्ड दिखाना चाहें तो उसके शुरू और बाद में विशेष चिन्हों के साथ अंग्रेज़ी का अक्षर b लिख दीजिए। टिप्पणी का प्रीव्यू लेकर पहले चेक कर लीजिए और संतुष्ट होने के बाद उसे पब्लिश कर दीजिए। कोड छिप जाएगा और अपनी टिप्पणी के जिस वाक्य को आप बोल्ड दिखाना चाहते हैं वह बोल्ड नज़र आएगा।
इसी तरह आप अपने वाक्य को इटालिक यानि तिरछा भी दिखा सकते हैं। इसके लिए आपको अंग्रज़ी में b के बजाय i लिखना होगा।
देखिए -
<i>वाक्य</i>

अगर आप किसी वाक्य को इटालिक करने के साथ साथ उसे बोल्ड भी करना चाहते हैं तो आपको एचटीएमएल के दो कोड एक साथ इस्तेमाल करने होंगे और उनके इस्तेमाल का तरीक़ा यह होगा :

 <b><i>वाक्य</i></b>
इस कोड विधि का इस्तेमाल करके आप अपनी बात को ज़्यादा बेहतर तरीक़े से कह सकते हैं।
अपनी टिप्पणी को आकर्षक बनाने के लिए आप कुछ और कोड भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हरेक चिन्ह के सामने उसका कोड लिखा हुआ है। आप जो कोड अपनी टिप्पणी में लिखेंगे, पब्लिश होने के बाद वही चिन्ह प्रकट हो जाएगा।
है न मज़ेदार ?
इन्हें आज़माइये और अपनी टिप्पणी को दूसरी टिप्पणियों से ज़्यादा आकर्षक बनाइये ! 

यही सब जानकारी आप इस वीडियो के ज़रिये भी हासिल कर सकते हैं  


और देखिए हिंदी ब्लॉगिंग गाइड की एक और यादगार पोस्ट

डिज़ायनर ब्लॉगिंग के ज़रिये अपने ब्लॉग को सुपर हिट बनाईये Hindi Blogging Guide (26)

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टिप्पणी देते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ? Hindi Blogging Guide (23)



कई मित्र टिप्पणियाँ अक्सर, सब रचनाओं पर देते हैं।
सुन्दर-बढ़िया लिख करके, निज जान छुड़ा भर लेते हैं।।

कुछ तो बिना पढ़े ही, केवल कॉपी-पेस्ट किया करते हैं।
खुश करने को बदले में, हमको प्रतिदान दिया करते हैं।।

रचना के बारे में भी तो, कुछ ना कुछ लिख दिया करो।
आँख मूँद कर, एक तरह की, नहीं टिप्पणी किया करो।।

पोस्ट अगर मन को ना भाये, पढ़ो और आगे बढ़ जाओ।
बिल्कुल नहीं जरूरी, तुम बदले में उसको टिपियाओ।।

यदि ज्ञानी, विद्वान-सुभट हो, प्रेम-भाव से समझाओ।
अपमानित करने वाली, दूजों को सीख न सिखलाओ।।

श्रेष्ठ लेख या रचनाओं को, टिप्पणियों से मत मापो।
सत्संग और प्रवचनों को, घटिया गानों से मत नापो।।

जालजगत पर जबसे आये, तबसे ही यह मान रहे हैं।
टिप्पणियों के भूखे गुणवानों को भी पहचान रहे हैं।।

दुर्बल पौधों को ही ज्यादा, पानी खाद मिला करती है।
चालू शेरों पर ही अक्सर, ज्यादा दाद मिला करती है।।

 -डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
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इस पोस्ट को आप उच्चारण पर भी देख सकते हैं :

"टिप्पणियों से मत मापो" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

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नवभारत टाइम्स की प्रतिष्ठित वेबसाइट पर अपना ब्लॉग बनाने का तरीक़ा Hindi Blogging Guide (19)


नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर इसके संपादकों और कॉलम लेखकों के ब्लॉग तो काफ़ी पहले से हैं लेकिन अब इसके पाठकों को भी यहां अपना ब्लॉग बनाने की इजाज़त दे दी गई है। यह एक बेहतरीन साइट है। यहां आपको अच्छे ब्लॉग मिलेंगे और अपने ब्लॉग को किसी एग्रीगेटर में रजिस्टर कराने के झंझट में भी आपको नहीं पड़ना होगा।
नवभारत टाइम्स के रीडर्स ब्लॉग मंच में अपना ब्लॉग बनाने का सबसे आसान तरीक़ा यह है कि आप ‘नवभारत टाइम्स‘ पर क्लिक कीजिए और वेबसाइट पर पहुंच जाइये। वहां आपको बायीं तरफ़ ऊपर लिखा हुआ मिलेगा ‘अपना ब्लॉग रजिस्टर करें‘
आप इस पर क्लिक करेंगे तो आपको 3 स्टेप्स में ब्लॉग बनाने के बारे में जानकारी दी जाएगी जो कि नीचे दी जा रही है। यहां ब्लॉग बनाने के लिए आपके पास फ़ेसबुक का या ट्विटर का अकाउंट होना चाहिए। इंडियाटाइम्स डॉट कॉम की ईमेल आई डी से भी आप यहां अपना ब्लॉग बना सकते हैं और यह आई डी बनाने का आॅप्शन भी आपको यहीं तीसरे स्टेप में मिल जाएगा।
ब्लॉग बनाने के बाद एक या दो दिन बाद आपको मेल द्वारा ख़बर दी जाएगी कि आपका ब्लॉग अप्रूव हो गया है। उसके बाद आप वहां अपने ब्लॉग में पोस्ट डालने के लिए वेबसाइट पर ‘मौजूदा ब्लॉगर्स लॉग इन करें‘ पर करेंगे तो आप अपने ब्लॉग पर लिख पाएंगे।
शुरू में आपको अपनी पोस्ट लिखकर अप्रूवल के लिए सबमिट करनी होगी और उसे अप्रूव करने के बाद वेबसाइट के प्रबंधन की ओर प्रकाशित कर दिया जाएगा। आपकी ओर से संतुष्ट होने के बाद वेबसाइट आपके ब्लॉग पर आपको नियंत्रण दे देगी।
देखिए अपना ब्लॉग रजिस्टर करें के शुरूआती 2 चरणों की जानकारी
 
नवभारत टाइम्स के रीडर्स ब्लॉग मंच में आपका स्वागत है
नवभारत टाइम्स का रीडर्स ब्लॉग मंच आपके लिए है। आप यहां अपनी लिखी कोई भी रचना पाठकों के साथ शेयर कर सकते हैं – चाहे वह राजनीतिक-सामाजिक-आर्थिक घटनाक्रम पर टिप्पणी हो या अपनी लिखी कविता, कहानी या व्यंग्य हो। आप अपने इलाके के पाठक पत्रकार भी बन सकते हैं और ‘मेरी खबर’ के तहत अपने इलाके की खबरें भी दे सकते हैं। हम देश भर में नवभारत टाइम्स के पाठक पत्रकारों की एक फौज खड़ी करना चाहते हैं ताकि कोई भी ज़रूरी खबर दुनिया के सामने आने से छूटे नहीं। इन खबरों के स्तर, तेज़ी और शैली के आधार पर हम छह महीनों के बाद हर शहर से एक पाठक पत्रकार को मान्यता देंगे।
आइए देखें, अपना ब्लॉग शुरू करने के लिए और क्या-क्या चाहिए।
इंडियाटाइम्स नेटवर्क में आपका रजिस्ट्रेशन
आप फेसबुक, ट्विटर या इंडियाटाइम्स की किसी भी आईडी से लॉग-इन कर सकते हैं। लॉग-इन करने के बाद आपको अपने और अपने ब्लॉग के बारे में कुछ सूचनाएं देनी होंगी।
अपना नाम/ब्लॉग के लिए नाम
आप ब्लॉग के लिए अपना वास्तविक नाम या उसका छोटा रूप या कोई दूसरा नाम भी चुन सकते हैं।
ब्लॉग का नाम
आप अपने ब्लॉग के लिए दो-तीन अच्छे-से नाम सोच कर रखिए। ख्याल रहे कि ये नाम किसी और पाठक के ब्लॉग के नाम से मिलते-जुलते न हों।
अपना संक्षिप्त परिचय
करीब 100-150 शब्दों में अपना परिचय पहले से तैयार करके रखिए। उसे आप परिचय पृष्ठ पर कॉपी पेस्ट कर सकते हैं। यदि आप हिंदी टाइपिंग नहीं जानते तो पेज पर ही अपना परिचय अंग्रेज़ी में लिखकर हिंदी में भी टाइप कर सकते हैं।
एक तस्वीर
वर्गाकार साइज़ की अपनी एक तस्वीर (जिसकी लंबाई और चौड़ाई बराबर हो) तैयार रखिए।
यूनिकोड फॉन्ट में टाइप करने की क्षमता
आपके ब्लॉग में सिर्फ यूनिकोड (मंगल) फॉन्ट चलेगा। अगर आप इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड पर हिंदी टाइप कर सकते हैं तो बहुत ही बढ़िया। अगर नहीं भी कर सकते तो आपको हर लेवल पर ट्रांसलिटेरेशन की सुविधा दी गई है। आप अंग्रेज़ी अक्षरों में लिखकर हिंदी में टाइप कर सकते हैं।

अगर आपने ब्लॉग का नाम सोच लिया है और वर्गाकार तस्वीर तैयार हो तो यहां क्लिक करें।
नियम और शर्तें – कुछ मोटी-मोटी बातें

1. ब्लॉग लिखते समय शब्द सीमा का ध्यान रखें। आम तौर पर 600-1000 शब्दों की पोस्ट ज्यादा पढ़ी जाती हैं। ज़्यादा लंबी पोस्ट लिखने में जहां आप अपना कीमती समय देंगे, वहीं अगर ज़्यादा पाठकों ने उसे नहीं पढ़ा तो आपका मकसद भी पूरा नहीं होगा। यदि आप किसी ऐसे विषय पर लिखना चाहें जो कम शब्दों में पूरा नहीं होता हो तो उसे हिस्सों में लिखें।

2. पोस्ट लिखते समय मौलिकता का ख्याल रखें। जो भी लिखें, वह आपकी निजी रचना/विचार हों। यदि ‘अ’ ने कोई बात कही है और आप भी वही बात कह रहे हैं तो पाठक को नया कुछ नहीं मिलेगा। यदि विषय और विचार समान हों तो भी नई शैली और/या नए तर्कों का इस्तेमाल करें। अगर कभी किसी और की रचना/विचार/उद्धरण का इस्तेमाल करना ज़रूरी लगे तो उस व्यक्ति का वहां उल्लेख करें। कॉपी राइट वाली सामग्री का उपयोग उसके स्वामी की अनुमति से ही करें।

3. अपने ब्लॉग में किसी व्यक्ति, संस्था-संगठन या प्रॉडक्ट का प्रचार करने से बचें। यह मुमकिन है कि आप किसी संस्था, संगठन या विचारधारा से प्रभावित हों और आपकी लेखनी में उसकी झलक मिले। इसमें कोई बुराई नहीं है। लेकिन यह अंध-समर्थन जैसा नहीं लगना चाहिए। यदि कोई पाठक आपके विचारों से सहमत न हो तो उसके तर्कों को भी समुचित सम्मान दें।

4.अपनी पोस्ट में गाली-गलौज या अनर्गल आरोपों का इस्तेमाल न करें। चाहे प्रधानमंत्री हो या सड़क पर काम करता हुआ मजदूर, सभी के लिए सम्मानजनक भाषा का प्रयोग करें।

4. नवभारत टाइम्स रीडर्स ब्लॉग पर प्रकाशित किसी भी रचना का उपयोग आप उसके प्रकाशन के 48 घंटों के बाद किसी निजी या सार्वजनिक वेबसाइट पर कर सकते हैं। लेकिन हमारी प्रतिस्पर्धी वेबसाइटों पर उसका उपयोग नहीं कर पाएंगे।आप अपनी पोस्ट में टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड या टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप की प्रतिष्ठा और हितों को नुकसान पहुंचाने वाली कोई सामग्री नहीं डालेंगे।

5. नवभारत टाइम्स रीडर्स ब्लॉग में प्रकाशित सामग्री के लिए ब्लॉगर स्वयं जिम्मेदार होंगे। पोस्ट के कॉन्टेंट के लिए टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं होगा। यदि किसी ब्लॉगर ने ऐसी पोस्ट डाली जो देश के संविधान के खिलाफ है या कानून की नज़र में आपत्तिजनक है तो उसे तुंरत हटा दिया जाएगा।

6.नवभारत टाइम्स रीडर्स ब्लॉग में प्रकाशित रचनाओं के लिए कोई पारिश्रमिक नहीं दिया जाएगा। इसका एकमात्र मकसद हमारे रचनाशील और विचारशील पाठकों को एक मंच देना है ताकि वे अपने विचारों को सार्वजनिक कर सकें और समाज उससे लाभान्वित हो सके।

ये थे कुछ मोटे-मोटे बिंदु जो ब्लॉग शुरू करने से पहले आपके लिए जानना आवश्यक था। लेकिन यदि आप विस्तृत नियमों और शर्तों को पढ़ना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।

स्टेप 3 (लॉग-इन करने) के लिए यहां क्लिक करें।
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जानिए सोशल नेटवर्किंग की ताक़त के बारे में Hindi Blogging Guide (16)

इंटरनेट ने फ़ासलों को ख़त्म कर दिया है और सोशल नेटवर्किंग ने राजनैतिक बंटवारे के बावजूद पूरी दुनिया को एक मंच पर ला खड़ा है। सोशल नेटवर्किंग हमारे रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर भी असर डाल रहा है, उसे बदल रहा है। ऐसे में जागरूकता बहुत बहुत ज़रूरी है ताकि बदलाव की दिशा सकारात्मक हो।
सोशल नेटवर्किं के असर का जायज़ा लेती हुई सरोज मल्होत्रा की यह रिपोर्ट संक्षेप में बहुत कुछ जानकारी दे रही है :
तेरह जुलाई को मुंबई में बम धमाकों के बाद ट्विटर पर संदेशों की बाढ़ आ गई। धमाकों के बाद सोशल मीडिया न सिर्फ लोगों से जुड़ने का एक जरिया बना, बल्कि सैकड़ों की तादाद में लोग इस मंच पर मदद के लिए आगे आए। अपनों की खैर-खबर लेने के लिए लोगों ने फेसबुक और ट्विटर का सहारा लिया।
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पासवर्ड की सुरक्षा के लिए सावधानियां Hindi Blogging Guide (6)

डा. अयाज़ अहमद साहब एक समाज सेवी के रूप में जाने जाते हैं। रोज़ाना 100 से भी अधिक पेशेंट देखना उनका रोज़ का काम है। इसी व्यस्तता के चलते वे ब्लॉगिंग में पहले जितने सक्रिय आजकल नहीं हैं लेकिन हमारी दरख्वास्त पर उन्होंने ‘हिंदी ब्लॉगिंग गाइड‘ के लिए एक लेख लिखा है और बताया है कि अपने ईमेल अकाउंट को बुरी नज़र से बचाने के लिए क्या क्या उपाय करने चाहिएं ? 
पेश है एक ऐसा लेख जिसके उसूलों को अपना कर आपका अकाउंट हो जाएगा बिल्कुल बुलेट प्रूफ़ !
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भाई एजाज़ उल हक़ द्वारा भेजा  गया नया टाइटिल 
 जीमेल पर या किसी भी साइट पर अपना अकाउंट इस्तेमाल करने के लिए एक पासवर्ड अनिवार्य होता है। पासवर्ड निश्चित करने में आम तौर पर लोग अपने नाम का कोई हिस्सा या जन्मदिन की डेट या अपना मोबाइल नंबर या अपने स्कूल आदि का नाम इस्तेमाल करते हैं। इंटरनेट हैकर यह बात जानते हैं और इसी तरह के अनुमान से वे लोगों का अकाउंट हैक करके लोगों को तरह तरह के नुक्सान पहुंचा देते हैं। कई बार तो ये हैकर अफ़वाह फैलाकर देश की सुरक्षा तक को ख़तरे में डाल देते हैं।
अभी 4 जुलाई 2011 को जब अमेरिका के लोग आज़ादी का जश्न मनाने में जुटे थे तभी किसी हैकर ने मीडिया जगत के बेताज बादशाह रूपर्ट मर्डोक का ट्विटर अकाउंट हैक कर लिया और उनके अकाउंट से यह सूचना जारी कर दी कि राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा की गोली मार कर हत्या कर दी गई है। इस खाते से जुड़े सभी विशिष्ट 33 हज़ार लोगों को यह सूचना तुरंत ही पहुंच गई और सभी लोग सन्न रह गए। इसके बाद तफ़्तीश की गई तो पता चला कि यह सूचना ग़लत है।
  • इंटरनेट पर हैकर्स सक्रिय हैं और ये लोग आए दिन किसी न किसी को अपना शिकार बनाते रहते हैं। आप इनके शिकार न बन जाएं, इसके लिए आपको अपने पासवर्ड को ऐसा बनाना होगा जिसे बारे में दूसरे लोग अंदाज़ा न लगा सकें।
  • ऐसा पासवर्ड केवल वह होता है जिसमें आप अक्षर और संख्या दोनों का इस्तेमाल करते हैं और अंग्रेज़ी के अक्षरों में भी आप एक-दो अक्षरों को कैपिटल लिख देंगे तो आपका पासवर्ड ‘खुल जा सिम सिम‘ से भी ज़्यादा पॉवरफ़ुल हो जाएगा।
  • एक उदाहरण देखिये : dh8RP7k3
  • अगर आप केवल अक्षर ही इस्तेमाल करना चाहते हैं तब भी ये किसी व्यक्ति, स्थान और देश आदि का नाम हरगिज़ नहीं होना चाहिए और अपना नाम तो किसी भी हाल में नहीं होना चाहिए।
  • अपने पासवर्ड को कभी किसी को न बताएं और न ही अपनी डायरी में लिखें और न ही अपने किसी दोस्त या परिचित को बताएं। अगर आपको अपने ब्लॉग में किसी की मदद लेनी ही पड़े तो आप उसे अपने ब्लॉग का सदस्य बनाकर उसे एडमिन पॉवर दे सकते हैं। 
नए ब्लॉगर इंटरनेट की दुनिया में इधर उधर घूम कर रोज़ाना ही नई नई वेबसाइट देखते रहते हैं और उनके सदस्य भी बनते रहते हैं। हरेक जगह उनसे उनका ईमेल पता और पासवर्ड मांगा जाता है। नए ब्लॉगर समझ नहीं पाते और हरेक जगह अपना पासवर्ड देते रहते हैं। इन साइट्स में ही कुछ साइट्स पर हैकर बैठे हुए होते हैं और इस तरह उनका पासवर्ड हैकर्स के पास पहुंच जाता है।
आप यह ग़लती कभी न करें।
  • जब भी आप किसी नई साइट के सदस्य बनें तो आप उसकी विश्वसनीयता ज़रूर जांच लें और उसके बाद भी वहां हमेशा कोई बिल्कुल ही नया पासवर्ड इस्तेमाल करें।
  • हरेक साइट के लिए पासवर्ड बनाने से लोग इसलिए बचते हैं कि इतने पासवर्ड कौन याद रखेगा ?
  • पासवर्ड याद रखना बहुत आसान है। इसके लिए आपको मात्र फ़ॉर्मूला याद रखना होगा।
  • आप एक नियम बना लीजिए कि हम जिस भी वेबसाइट पर पासवर्ड बनाएंगे तो हम उसी वेबसाइट के नाम के शुरू या अंत के पांच अक्षर के साथ उसके शुरू या अंत में अपनी तरफ़ से  3 अंक मिला देंगे। यह 3 अंक आप निश्चित कर लीजिए। इनमें भी एक दो अक्षर कैपिटल में लिख दीजिये । 
  • एक उदाहरण  देखिये :  वेबसाइटका नाम है   www.cpsglobal.org  अब आपको अपना पासवर्ड बनाना है तो आप बना सकती हैं 518cpsGL
इस तरह आप हरेक वेबसाइट के लिए एक नया पासवर्ड बना सकेंगे और वेबसाइट पर कोई हैकर भी बैठा होगा तो भी आपका अकाउंट उसकी पहुंच से बाहर ही रहेगा।    
  • डा.अयाज़ अहमद
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ब्लॉगिंग के साइड इफ़ेक्ट (नकारात्मक प्रभाव) Hindi Blogging Guide (3)

शिखा कौशिक जी एक रिसर्च स्कॉलर हैं। इसीलिए उनकी नज़र में भी उनके दिल की तरह गहराई बहुत है। वह हरेक चीज़ के उजले पक्ष के साथ उसके काले पहलू पर भी पूरी तवज्जो देती हैं। यही वह तरीक़ा है जिसके ज़रिए इंसान ख़ुद को नुक्सान से बचा सकता है। नए ब्लॉगर्स को नुक्सान से बचाने के लिए ही उन्होंने ‘हिंदी ब्लॉगिंग गाइड‘ के लिए यह लेख लिखा है। इसके ज़रिए उन्होंने संक्षेप में यह बता दिया है कि ब्लॉगिंग को नशे की लत की तरह न अपनाया जाए बल्कि इसे होशमंदी के साथ बरता जाए और भलाई के लिए इसका इस्तेमाल किया जाए।
पेश है शिखा कौशिक जी का लेख :
आज सम्पूर्ण विश्व कंप्यूटरमय होने की दिशा में  प्रयासरत है . बैंकिंग क्षेत्र, तकनीकी संस्थान और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान कंप्यूटर के मशीनी दिमाग़ से लाभ उठा रहे हैं ; वहीं लाइफ़  लाइन बने इंटरनेट ने दुनिया भर के कम्प्यूटर्स को जोड़कर सम्पूर्ण विश्व को ग्लोबल फ़ैमिली में बदल दिया है . इसी क्रम में 'वर्ड प्रेस' व 'ब्लॉगर' आदि ने इंटरनेट यूज़र्स को जो सुविधाएंदी हैं उन से लाभ उठाते हुए  आज अंग्रेज़ी  व हिंदी सहित अनेक भाषाओं  में करोड़ों ब्लॉग स्थापित किये जा चुके हैं . ये ब्लॉग साहित्य; तकनीक; कला; राजनीति आदि अनेक क्षेत्रों से सम्बंधित सामग्री उपलब्ध कराते  हैं .
'ब्लॉग' को हिंदी भाषी लोग 'चिट्ठा' भी कहते हैं. सरल शब्दों में यह चिट्ठाकार की निजी डायरी का ही ऑनलाइन  रूप है . चिट्ठाकारी ने जहाँ प्रत्येक व्यक्ति को यह सुअवसर प्रदान किया है कि वह अपनी रचनाओं को स्वयं प्रकाशित कर पाठकों से उनकी प्रतिक्रियाएं तुरंत प्राप्त कर सकें वहीं दूसरी ओर प्रकाशकों की मनमानी को भी ठेंगा दिखा दिया है .आज हर ब्लॉगर स्वयं ही लेखक है और स्वयं ही प्रकाशक भी .ये है ब्लॉगिंग के सिक्के का एक पहलू . अब ज़रा दूसरे पहलू पर भी विचार करते हैं .  इसके नकारात्मक प्रभाव भी हमारी नज़र के सामने रहने चाहिएं .
क्या हैं ये नकारात्मक प्रभाव ?
इन पर निम्न बिन्दुओं के अंतर्गत विचार किया जा सकता है -

(1) स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव - सबसे पहले ब्लॉगिंग के उन प्रभावों पर विचार करें जो कि स्वास्थ्य पर पड़ते हैं  तो यह तथ्य प्रकट होता है कि ब्लॉगर को ब्लॉगिंग का नशा इस तरह अपनी गिरफ़्त में ले लेता है कि वह अपना ज़्यादा से ज़्यादा समय पी.सी., लैपटौप और मोबाईल पर ख़र्च करने लगता है .ब्लॉगिंग न कर पाए तो वह थकान  महसूस करता है , अनमना सा और चिड़चिड़ा भी हो जाता है . ज़्यादा ब्लॉगिंग करने के कारण उसे  पीठ दर्द, सिरदर्द और थकान जैसी अनेक शारीरिक समस्याएं परेशान करने लगती हैं . ब्लॉगिंग न करने पर आदमी में बेचैनी व  तनाव बढ़ता है, यहाँ तक कि दिमाग़ी गतिविधियों  और ब्लड प्रेशर तक में परिवर्तन होता देखा गया है . ब्लॉगिंग के चक्कर में व्यक्ति खाने व  सोने जैसे अनिवार्य  कामों की  उपेक्षा करता है . जिसका अंजाम  ख़राब स्वास्थ्य के रूप में उसे भुगतना पड़ता है .

(2) परिवार की अनदेखी -   ब्लॉगिंग करने वाला व्यक्ति परिवार की अनदेखी भी करने लगता है .वह अपना ख़ाली समय बच्चों, पत्नी व अन्य परिजनों  के साथ बिताने में ख़र्च  न करके ब्लॉग-पोस्ट लिखने में लगा देता है .जाहिर है कि इससे परिवार के लोगों के आपसी संबंधों में खिचाव आने लगता है .

(3) आउटडोर  गतिविधियों की अनदेखी - ब्लॉगिंग के आदी लोग ब्लॉग-जगत की दुनिया में इतना मग्न हो जाते हैं कि जरूरी काम निपटाकर तुरंत कंप्यूटर पर ब्लॉग गतिविधियों में रम जाते है .इसके चक्कर में वे अपने आस-पास के लोगों से कट जाते हैं और बाहरी गतिविधियों में रुचि लेना बंद कर देते हैं .एक ओर ब्लॉगिंग जहाँ संसार भर के लोगों के बीच दूरियां काम कर रही है वहीं आदमी को उसके सामाजिक दायरे से काट कर एकाकी और तन्हा भी बना रही है -
फ़ासलों की दुनिया में दूरियां नहीं बाक़ी
आदमी जहां भी है दायरों में है
(4) फ़र्ज़ी और काल्पनिक प्रोफ़ाइल  वाले  ब्लॉग भी ढेरों हैं ब्लॉग-जगत में. जिनसे हर पल यह भय बना रहता है कि आपकी रचनाओं की कॉपी कर कोई अन्य इनके लेखन का श्रेय न ले उड़े .कई बार असली परिचय छिपाकर कुछ ब्लौगर अपनी धार्मिक , राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए नफरत फैलाने वाले लेख भी लिखते हैं, जिनसे वे तनाव पैदा करने का कुत्सित प्रयास भी करते हैं .

(5) वर्चस्व की लड़ाई से ब्लॉग जगत भी अछूता नहीं है .कुछ ब्लॉगर  धन-बल से समस्त ब्लॉग जगत को अपनी निजी  संपत्ति  बनाने में लगे रहते हैं .वे एक पसंदीदा ब्लॉगर-समूह बना लेते हैं और फिर उन्हें सम्मानित करने के लिए भव्य आयोजन करते हैं . सम्पूर्ण ब्लॉग जगत में वे इसका प्रचार प्रसार भी करते हैं .  स्वयं द्वारा सम्मानित ब्लोगर्स को अन्य ब्लोगर्स कि तुलना में श्रेष्ठ घोषित कर देते हैं, जिससे अच्छा लेखन करने वाले ब्लोगर्स हतोत्साहित होते हैं .

(6) महिला ब्लॉगर्स और भी अधिक सजग रहकर ब्लॉग पोस्ट डालनी होती है .कई बार महिला ब्लोगर्स को ज्वलंत मुद्दे उठाने के लिए वास्तविक पहचान छिपाकर ब्लोगिंग करने के लिए मजबूर होना पड़ता है .यहाँ एक महिला ब्लोगर द्वारा अपने प्रोफ़ाइल में उद्धृत ये पंक्तियाँ उल्लेखनीय हैं -
'मैं द्रौपदी हूँ और चीर-हरण से डरती हूँ .'

                             ब्लॉगिंग  के नकारात्मक प्रभावों से डरकर ब्लोगिंग छोड़ देना तो उचित नहीं है और न ही संभव है . ज़रुरत है संयमित ,सजग  व  सटीक ब्लॉगिंग की .वास्तव में यह आज के हरेक रचनाशील व्यक्ति के लिए एक वरदान है . आज ब्लॉगिंग ने हमें यह सुअवसर दिया  है कि हम अपने निजी अनुभवों , स्थानीय और  राष्ट्रीय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं पर निर्भीक होकर विचार प्रस्तुत कर सकें . जहाँ तक मैंने महसूस किया है, महिला ब्लॉगर्स  को प्रोत्साहित ही किया जाता है और यदि कोई अभद्र  टिप्पणियों के द्वारा उन्हें परेशान करता है, तब  मॉडरेशन लागू करने की सुविधा भी मौजूद है. इसके ज़रिये  टिप्पणियों का निरिक्षण  पहले ब्लॉगर स्वयं करता है . बेहूदा  टिप्पणियों को हटाया जा सकता है.
            हरेक ब्लॉगर को यह भी ध्यान रखना चाहिये कि वह ब्लॉगिंग के चक्कर में न तो अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करे और न ही परिवार की ज़रूरतों को नज़र अंदाज़ करे . समय-सीमा का ध्यान रखते हुए ब्लॉगिंग का शौक़ पूरा करें.
                   जो ब्लॉग  धार्मिक कट्टरता, राजनैतिक विद्वेष और अशालीन सामग्री से युक्त हैं, उन्हें  उपेक्षित कर देना ही मुनासिब हैं. ऐसा करके हम सभी ब्लॉग जगत की गरिमा बनाये रखने में अपना  योगदान दे सकते हैं . आने वाले समय में ब्लॉगिंग  का भविष्य सुनहरा है क्योंकि ब्लॉगर दिल से लिखता है दबाव में नहीं .
                                    जय हिंद 
                                - शिखा कौशिक
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हिंदी ब्लॉगिंग गाइड का मक़सद Hindi Blogging guide Sereis (1)



हिंदी ब्लॉगिंग गाइड के तक़रीबन सभी लेख हमें प्राप्त हो चुके हैं। अब हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल पर वे सभी लेख इस आशय से पेश किए जाएंगे कि नए हिंदी ब्लॉगर तो उनके ज़रिए से कुछ हासिल कर लें और पुराने हिंदी ब्लॉगर्स कुछ ऐसे सुझाव दें कि उन्हें और ज़्यादा उपयोगी बनाया जा सके।
हिंदी ब्लॉगिंग गाइड की रचना मक़सद यह है कि जो हिंदी पाठक अभी तक ब्लॉगिंग से अनजान हैं, उन्हें ब्लॉगिंग के बारे में मुकम्मल जानकारी दी जाए।
इस तरह नए लोग ब्लॉगिंग से जुडेंगे और जिस काम से लगातार नए लोग जुड़ते रहें, उसका विकास ख़ुद ब ख़ुद होता चला जाता है।
आज लगभग 40 हज़ार हिंदी ब्लॉग मौजूद हैं। जो लोग हिंदी जानते हैं और नेट यूज़ करते हैं, उनकी तादाद करोड़ों में है। इन करोड़ों लोगों को हिंदी ब्लॉगिंग से जोड़ना ही हमारा मक़सद है।
कुछ देशों में इंटरनेट को बिजली और पानी की तरह नागरिकों की बुनियादी ज़रूरतों की सूची में शामिल कर लिया गया है और देर-सवेर अपने देश में भी यही होकर रहेगा।
हिंदी एक उन्नत भाषा है। हिंदी भाषियों का एक वर्ग भी काफ़ी उन्नत है। तरह तरह की प्रतिभाएं हिंदी बोलने वालों में मौजूद हैं। ये सभी प्रतिभाएं ब्लॉगिंग से जुड़ेंगी तो सभी एक दूसरे की योग्यताओं से लाभ उठाएंगे और इस तरह सभी की क़ाबिलियत में कई गुना इज़ाफ़ा होगा।
इस गाइड का मक़सद यह भी है कि जो पुराने ब्लॉगर हैं, उन्हें नए ब्लॉगर की मदद के लिए तैयार किया जा सके। अक्सर ब्लॉगर कुछ परेशानियों से घबराकर ब्लॉगिंग छोड़ बैठते हैं। अगर उन्हें समय पर मदद मिल जाती तो वे हमारे दरम्यान बने रह सकते थे। इस गाइड को तैयार करने वाले सभी ब्लॉगर अपने तजर्बे की बुनियाद पर नए ब्लॉगर्स की मदद भी करेंगे।
हरेक हिंदी ब्लॉगर इस टीम में शामिल होने के लिए आमंत्रित है।
इस तरह हिंदी ब्लॉगिंग गाइड अपने पूरे अर्थों में सचमुच एक गाइड ही है। यह किताब भी मदद करेगी और इसके लेखकों की टीम भी। इस गाइड का मक़सद हिंदी की सेवा और हिंदी पाठकों की मदद करना है।
यह भी देखने में आया है कि नए लोग ब्लॉगिंग के बारे में जानना चाहते हैं और पुराने ब्लॉगर उन्हें सिखाना भी चाहते हैं लेकिन उन्हें सिखाने के लिए वे समय कहां से लाएं ?
ऐसे में यह ब्लॉगिंग गाइड पुराने ब्लॉगर्स की भी मदद करेगी। नए जानने वालों को वे इस गाइड का पता दे सकते हैं।
इसके सभी लेख आज से हिंदी पाठकों को समर्पित किए जा रहे हैं। लेखमाला पूरी होने के बाद कोई भी व्यक्ति / संस्था / पत्र / पत्रिका या ब्लॉग संपादक की अनुमति लेकर बिना किसी काट-छांट के इसे प्रकाशित कर सकता है।
किसी से आर्थिक सहयोग अपेक्षित नहीं है और कोई देता है तो इन्कार भी नहीं है।
इस गाइड का एक संक्षिप्त रूप जल्दी ही प्रकाशित किया जा रहा है। जिसे इंटरनेट की शिक्षा देने वाले संस्थानों को देश के हर कोने में निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए ज़रूर सीनियर हिंदी ब्लॉगर्स से सहयोग अपेक्षित है।
‘हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल‘ के सभी सदस्यों से अनुरोध है कि जब हिंदी ब्लॉगिंग गाइड की श्रृंखला का कोई लेख इस मंच पर पेश किया जाए तो वे उसके 8 घंटे बाद ही कोई लेख प्रकाशित करें ताकि उस लेख को मुनासिब तवज्जो मिल सके और लेखक मंडल का मक़सद पूरा हो सके।
यह एक महान परियोजना है। हिंदी ब्लॉग जगत के लिए यह एक यादगार तोहफ़ा है। यह वाक़ई एक ख़ुशी की बात है। किसी एक के लिए नहीं बल्कि हम सबके लिए यह एक ख़ुशी की बात है। इस कोशिश को ज़्यादा से ज़्यादा बांटना है ताकि यह और ज़्यादा बढ़े। इसके लिए इस फ़ोरम का लिंक अपने ब्लॉग पर लगायें। यह भी आपके द्वारा एक सहयोग होगा।
...तो पेश है दुनिया की पहली ‘हिंदी ब्लॉगिंग गाइड‘ आपके लिए ऑनलाइन पहली पहली बार।
आपके सुझाव और आपकी सलाह सादर आमंत्रित है। 
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‘हिंदी ब्लॉगिंग गाइड‘ की विषय-वस्तु के संबंध में सभी ब्लॉगर्स से सलाह Advice


‘हिंदी ब्लॉगिंग गाइड‘ के संबंध में जब हम विचार करते हैं तो पाते हैं कि इसके दो संस्करण होने चाहिएं।
एक संक्षिप्त संस्करण और दूसरा विस्तृत
संक्षिप्त संस्करण में वह सब जानकारी होनी चाहिए जो एक अनाड़ी आदमी को ब्लॉग बनाने और पोस्ट लिखने के बारे में सारी ज़रूरी जानकारी दे, दूसरे ब्लॉग को पढ़कर उन पर कमेंट कैसे दिया जाए ?
इसकी जानकारी भी दी जाए।
उसे प्रेरणा देने के लिए उसे यह भी बताया जाए कि ब्लॉग बनाकर उसे क्या फ़ायदा होगा ?
और साथ ही उसे यह भी बताया जाए कि ब्लॉग बनाने वाले को किन बातों से बचना चाहिए ताकि वह किसी तरह का नुक्सान न उठाए ?
उसे बेनामी ब्लॉगर्स के बारे में भी बताया जाए ताकि वह ब्लॉग लेखन के बारे में ग़लत नज़रिया न बना बैठे।
अगर ब्लॉग बनाकर किसी तरह से उसे आमदनी हो सकती है, तो उसे उसकी जानकारी भी देनी चाहिए।
उसे उन साइट्स की जानकारी भी देनी चाहिए जहां वह ब्लॉग बना सकता है।
उसे उन एग्रीगेटर्स की जानकारी भी देनी चाहिए जहां वह अपना ब्लॉग रजिस्टर्ड कर सकता है।
उसे उन ब्लॉग की जानकारी भी देनी चाहिए, जहां उसे ज़रूरत के समय किसी भी तरह की मदद मिल सकती है।
मेरा ख़याल है कि इतनी जानकारी के बाद वह जैसे जैसे आगे बढ़ता जाएगा, खुद ही सीखता जाएगा।

विस्तृत संस्करण में इन बातों को छोड़ा भी जा सकता है और लिया भी जा सकता है। ले लिया जाए तो बेहतर है। जो जानकारी लाभकारी लगे उसे इसमें लिया जा सकता है।

गाईड छोटी हो या बड़ी, उसे किसी को ख़रीदने के लिए बाध्य न किया जाए और उसे नेट पर आम कर दिया जाए ताकि सभी उसका लाभ उठा सकें या अगर वे ख़रीदना चाहें तो उसे ख़रीदने से पहले उसकी गुणवत्ता को परख सकें। इसका विमोचन किसी हिंदी सेवक ब्लॉगर के हाथों से ही होना चाहिए न कि किसी वोटख़ोर नेता या सूदख़ोर पूंजीपति के हाथों से।
गाइड में इन दोनों से बचने की प्रेरणा भी देनी ज़रूरी है ताकि ब्लॉगिंग आज़ाद रह सके क्योंकि पत्रकारिता तो प्रायः बिक ही चुकी है। ब्लॉगिंग की आज़ादी को बचाने के लिए ज़रूरी है एक मनोहारी ‘हिंदी ब्लॉगिंग गाइड‘।
हिंदी ब्लॉग जगत का हरेक ब्लॉगर इसके लिए लिख सकता है, इसके बारे में सलाह दे सकता है। हम चाहते हैं कि हम सब मिलकर तैयार करें ‘हिंदी ब्लॉगिंग गाइड‘।
इसके लिए पहले हम सभी लोग इस गाइड की विषय-वस्तु पर सलाह कर लें और फिर यह तय कर लें कि कौन सा ब्लॉगर किस विषय पर लिखेगा ?
यह गाइड किसी एक-दो लोगों का नाम चमकाने की कोशिश बनकर नहीं रहनी चाहिए, यह हमारी कोशिश है।
आप सभी से सहयोग की अपील है।
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अनवर भाई आपकी गर्मियों की छुट्टियों की दास्तान पढ़ कर हमें आपकी किस्मत से रश्क हो रहा है...ऐसे बचपन का सपना तो हर बच्चा देखता है लेकिन उसके सच होने का नसीब आप जैसे किसी किसी को ही होता है...बहुत दिलचस्प वाकये बयां किये हैं आपने...मजा आ गया. - नीरज गोस्वामी

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