Square Cut: घर के शेर
Posted on Sunday, January 8, 2012 by डॉ. दिलबागसिंह विर्क in
Square Cut: घर के शेर: बाहर घिग्घी बंधती , हम हैं घर के शेर । कंगारू भारी पड़े , किया हमें यूं ढेर ।। किया हमें यूं ढेर , नहीं चल पाया कोई । एक के बाद एक , दनादन व...
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1 comments:
mja aa gya aapki post padh kar .
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