यह आश्चर्य में डालने वाली बात है कि प्रलय के भय को अंगूठा दिखाते हुए सैलानी प्रलय के मुहाने पर नये साल का जश्न मनाने पहुंच गए। जी हां, यह सत्य है कि मैक्सिको में माया सभ्यता के जिन मंदिरों पर दर्ज तारीख को प्रलय का दिन बताया जा रहा है, उन मंदिरों को देखने के लिए दुनियाभर के पर्यटक उमड़ पडे़ माया सभ्यता के अनुसार दुनिया 21 दिसम्बर 2012 को समाप्त हो जाएगी। करीब 2000 साल पहले तक माया सभ्यता का विस्तार केंद्रीय अमेरिका और उसके आसपास के भू-खण्डों में फैला हुआ था। किंतु धीरे-धीरे ये मंदिर वर्षा वनों की चपेट में आकर अपना अस्तित्व खोते चले गए। लेकिन प्रलय की जिस मंदिर पर तारीख खुदी है, वह मंदिर आज भी मौजूद है। भ्रमवश इसी तारीख को कुछ भविष्यवक्ता प्रलय की तारीख बता रहे हैं। जबकि वास्तव में प्रलय का यह भय बाजारवाद का हिस्सा है, जिसे बाजारू मीडिया भुनाने में लगा है।
-प्रमोद भर्गव
3 comments:
Sab dar ka karobar hai. Jo jitna dara leta hai utna kama leta hai.
बहुत बढ़िया!
लोहड़ी पर्व की बधाई और शुभकामनाएँ!
प्रलय आया तो कोई ‘वाद’ नहीं बचा सकता। पिछले साल जापान में इसका ट्रेलर दिख ही गया:(
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