हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल पर पेश की गई हफ़्ते पर की पोस्ट्स का ज़ख़ीरा पेशे खि़दमत है-
शालिनी कौशिक
हे!माँ मेरे जिले के नेता को सी .एम् .बना दो.
Devendra Gautam
श्यामल सुमन
है साजिश, परिणाम देखिये
ब्लॉग जगत में सैर करते हुए सबसे पहले श्री महेन्द्र श्रीवास्तव जी के ब्लॉग पर जाना हुआ तो पता चला कि वह आर्ट ऑफ़ लिविंग का वह कोर्स भी करने गए थे जिसे कराने वाले श्री श्री एक बार हमारे यहां आए थे। मैने सोचा नहीं था कि कभी मुझे आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर को कटघरे में खड़ा करना पड़ेगा। मैं जानना चाहतां हूं कि श्री श्री को हो क्या गया है, आप कह क्या रहे हैं, इसका मतलब समझ रहे हैं। देश के सरकारी स्कूलों में पढने वाले बच्चे हिंसक और नक्सली हैं, कभी नहीं। मैं आपकी बात को सिरे से खारिज करता हूं। बहरहाल मैं इस बात में नहीं जाना चाहता कि आप लोगों को जो जीवन जीने की कला ( यानि आर्ट आफ लीविंग) का ज्ञान दे रहे हैं, वो ठीक है या नहीं। लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि ये सब देश के आम आदमी के लिए नहीं है, ये तथाकथित बड़े लोगों (यानि पैसे से मजबूत) लोगों का चोचला भर है।
प्रस्तुतकर्ता रेखा श्रीवास्तव
जीवन के अलग अलग रंग होते हें और सबके संघर्ष का रंग भी अलग अलग होता है किसी के लिए vah किस रूप में सामने आता है और उसको कौन कैसे अपने ढंग से अपने अनुकूल बना कर आगे चलता है कि वह सारी चुनौती अपने पैर समेट कर पीछे हो जाती है। आज अपनी कहानी सुना रहे हें डॉ अनवर जमाल खान --
सन 2020 तक भारत में काम करने लायक़ लोगों का प्रतिशत कुल आबादी का 64 प्रतिशत हो जाएगा। इनकी आयु 15-59 होगी । समाजशास्त्रियों को डर है कि रोज़गार के अवसर देकर इस ऊर्जा का रचनात्मक उपयोग न किया गया तो भारत एक भयंकर गृहयुद्ध में फंस जाएगा। भारत को विनाश से बचाना है तो हरेक हाथ को काम देना होगा प्रस्तुतकर्ता Sadhana Vaid
मैं धरा हूँ रात्रि के गहन तिमिर के बाद भोर की बेला में
*ब्लॉग -पहेली -१८ का परिणाम ,विजेता -आशा जी
posted by DR. ANWER JAMAL at अटल सत्य - 4 hours ago "जब मैं 17 साल का था तो मैंने पढ़ा था जो कुछ ऐसा था ,' अगर आप हर दिन को इस तरह जिए कि मानो वह आपका आखिरी दिन है तो एक दिन आप बिलकुल सही जगह होगे .
posted by bhuneshwari malot at भारतीय नारी - 6 hours ago /keZऔर स्वास्थ्य सिक्के के दो पहलू है,धर्म मानव का सच्चा मार्गदर्षक है,
संबंधों कि परिभाषाएं कुछ रस्मी सी लगती हैं अब तो ! मित्र तुम्हारी कामनाएं.. फर्जी सी लगती हैं अब तो !! बेमन कि ये प्रार्थनाएं,. अब मुझको रास नहीं आती ! प्रिय तुम्हारा प्रेम पत्र भी अर्जी सी लगती हैं अब तो !!...
posted by DR. ANWER JAMAL at Blog News - 12 hours ago होली आकर जा चुकी है और नया हिन्दू वर्ष आरम्भ हो गया है . हिन्दू धर्म की मान्यता है कि ब्रह्मा ने
*अमेरिकी कवि चार्ल्स बुकावस्की की एक कविता... * * * * * *पट्टा पहनना : चार्ल्स बुकावस्की * (अनुवाद : मनोज पटेल) मैं रहता हूँ एक स्त्री और चार बिल्लियों के साथ कभी हम सभी रहते हैं मजे से. कभी मुझे ...
*नमस्कार!* शनिवार की इस हलचल मे आनंद लीजिये इन खास और चुने हुए लिंक्स का ---
ललित शर्मा का नमस्कार, विक्रम संवत का कैलेंडर बदला है, नव विक्रम संवत के साथ
ट्रांसलिटरेशन (लिप्यंतरण) विधि से हिन्दी में टाइप करने का सर्वोत्तम टूल ट्रांसलिटरेशन (लिप्यंतरण)
posted by DR. ANWER JAMAL at Blog News - 22 hours ago आर्यावर्त पर एक रिपोर्ट बाबा पर टैक्स चोरी के आरोप. Posted by Kusum Thakur .
आखिर क्यूँ ??? my dreams 'n' expressions.....याने मेरे दिल से सीधा कनेक्शन...
posted by noreply@blogger.com (SANSKRIT JAGAT) at SANSKRITJAGAT - 23 hours ago उपमानोपमेययो: एकधर्मात् सम्बन्ध: भवेत् चेत् दीपक अलंकार: कथ्यते । *अप्रस्तुतप्रस्तुतयोर्दीपकं तु निगद्यते । * *अथकारकमेकं स्यादनेकासु क्रियासु चेत् ।।* अर्थात् यत्र एकधर्मेण एव उपमानस्य च उप...
धारा ४९८-क भा. द. विधान 'एक विश्लेषण ' विवाह दो दिलों का मेल ,दो परिवारों का मेल ,मंगल कार्य और भी पता नहीं किस किस उपाधि से विभूषित किया जाता है किन्तु एक उपाधि जो...
क्या भूलूँ, क्या याद करूँ मैं! अगणित उन्मादों के क्षण हैं, अगणित अवसादों के क्षण हैं, रजनी की सूनी घड़ियों को किन-किन से आबाद करूँ मैं! क्या भूलूँ, क्या याद करूँ मैं! याद सुखों की आँसू लाती, दुख की, दिल भ...
posted by S.H.H.Zaidi at अहल ए हक - 1 day ago सच बोलने की हिम्मत न हो तो चुप रहो: हजरत मुहम्मद (स.अ.व) *
सही को सराहो बिराओ नहीं । विरुद-गीत भी व्यर्थ गाओ नहीं । किया इक तुरंती अगर टिप्पणी- अनर्गल गलत भाव लाओ नहीं । करूँ भेद लिंगी धरम जाति ना खरी-खोटी यूँ तो सुनाओ नहीं । सुवन-टिप्पणी पर बड़े खुश दिखे मगर...
* ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...
*इराकी कवि, कथाकार एवं फिलहाल न्यूयार्क यूनिवर्सिटी में अध्यापन कर रहे सिनान अन्तून की कविताएँ आप इस ब्लॉग पर पहले पढ़ चुके हैं. आज प्रस्तुत है युद्ध के दौरान लिखी गई उनकी डायरी का एक अंश... * **[image: ...
*(१) * *मैया माहिर शायरा, बेटी चैटिंग क्वीन ।* *अब्बू रोटी सेकते, बेटा ब्लॉग प्रवीन ।*
posted by DR. ANWER JAMAL at Blog News - 1 day ago कुमार राधारमण जी बता रहे हैं वज्रासनःकब करें,कब नहीं ?
*Disclaimer* *THIS BLOG IS NOT MAINTAINED by Syed Abdullah tariq Sahab.
posted by Devendra Gautam at Blog News - 1 day ago आदमी के भेष में शैतान था. हम समझते थे कि वो भगवान था. एक-इक अक्षर का उसको ज्ञान था. उसके घर में वेद था, कुरआन था. सख्त था बाहर की दुनिया का सफ़र घर की चौखट लांघना आसान था. ख्वाहिशें मुर्दा पड़ी थीं जा-बा-...
ललित शर्मा का नमस्कार, श्री श्री रविशंकर के बयान को लेकर काफ़ी हल्ला मचा हुआ है, अखबारों पन्ने रंग दिए हैं और बड़े पैमाने पर आलोचना हो रही है। उनका कहना है कि भारत में सरकारी स्कूलों को बंद करके निजि स्...
*नमस्कार!* शुक्रवार का आज का दिन एतिहासिक दिन है ,*आज ही के दिन आज़ादी के दीवाने क्रांतिकारी भगत सिंह,सुख देव और राज गुरु जी को फांसी हुई थी। * *नयी पुरानी हलचल इन वीर शहीदों के प्रति हार्दिक कृतज्ञता प्रक...
आध्यात्मिक गुरू श्रीश्री रविशंकर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केन्द्र हैं। बेवजह उनके प्रति असम्मान का भाव होने का सवाल ही नहीं उठता। मगर हाल ही उन्होंने एक ऐसा बयान दे दिया कि यकायक विवादास्पद हो गए। जब...
posted by DR. ANWER JAMAL at प्यारी माँ - 2 days ago एसपी रावत।। कुरुक्षेत्र।। आज के युग में बेटे-बेटियां अपने बूढे मां बाप को सहारा देने से कतराते हैं, लेकिन एक ऐसी बेसहारा मां भी है जो अपने अपाहिज बेटे का पिछले 45 साल से लालन पालन करने में लगी है। मगर अब ...
[image: cricket cartoon, bcci, Sports Cartoon, team india cartoon] Cartoon by Kirtish Bhatt (www.bamulahija.com)
posted by Bamulahija dot Com
posted by चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ at बेसुरम् - 2 days ago जिस देश में मेहनत और ईमानदारी से किए गये कार्यों के पारिश्रमिक की भी प्राप्ति हेतु आवश्यक रूप से घूस देना पड़ता हो तो उस देश का भविष्य क्या हो सकता है? आप सभी अनुमान कर सकते हैं कि विद्यालयीय कार्मिकों की...
*हाल ही में आउटलुक में प्रकाशित अरुंधती राय का लेख 'पूंजीवाद : एक प्रेतकथा' ५
बृहस्पतिवार की हलचल में आप सभी का स्वागत है ... चलते हैं सीधे लिंक्स पर ...
*UGC-NET IN OBJECTIVE MODE FROM JUNE, 2012 ONWARDS*
posted by noreply@blogger.com (SANSKRIT JAGAT) at SANSKRITJAGAT - 3 days ago मान्या: संस्कृतजगत: कार्यकर्तार: संस्कृतज्ञा:, संस्कृतेच्छुकाश्च अस्माकं भारतीय परम्पराया: नववर्ष: मार्चमासस्य 23 दिनांके प्रारभ्यते । अस्मिन् अवसरे अस्माकं उक्ति अनुसारं वय...
posted by DR. ANWER JAMAL at प्यारी माँ - 3 days ago अगर हमें अपने बच्चों का पालन-पोषण करना है ताकि वे हमारी तरह विकृत न हों... जिज्ञासुः अगर हमें अपने बच्चों का पालन-पोषण करना है ताकि वे हमारी तरह विकृत न हों और बिगडे न, और समाज के गलत लोगों के प्रभाव में न...
posted by DR. ANWER JAMAL at प्यारी माँ - 3 days ago हाई स्कूल पास करते ही हमने पूरी जागरूकता के साथ फ़ैसला कर लिया था कि हम नेकी और ईमानदारी के साथ अपनी ज़िंदगी गुज़ारेंगे। बचपन से भी हम यही करते आए थे लेकिन वह एक आदत थी जो मां बाप को और घर के दूसरे लोगों को द...
posted by DR. ANWER JAMAL at Blog News - 3 days ago ब्लॉगर *मनोज कुमार जी* का *विचार * *सूफ़ियों की प्रेमोपासना-2* सूफ़ीमत की संपूर्ण साधना प्रेमाश्रित रही है। सूफ़ियों के लिए प्रेम का लक्ष्य ईश-सान्निध्य प्राप्ति है। इसी के लिए वह साधना करता है, इसी के लिए वह...
*समलैंगिकता जैसे निषिद्ध विषय को अपनी कविता की विषय वस्तु बनाने वाले आन्द्रास गेरेविच की दो कविताएँ आप इस ब्लॉग पर पढ़ चुके हैं. आज उनकी एक और कविता - 'टिरीसियस का कुबूलनामा'. टिरीसियस एक अंधे पैगम्बर थे ...
posted by DR. ANWER JAMAL at Blog News - 3 days ago बता रहे हैं डा. ज़ाकिर नाइक Islam has surpassed *Roman Catholicism ** *as the world's largest religion, the Vatican newspaper said Sunday. "For the first time in history, we are no ...
संध्या शर्मा का नमस्कार...योजना आयोग ने रिपोर्ट जारी कर दी है, पहले ४०.७२ करोड़ गरीब थे जिनकी संख्या घटकर अब ३७.४७ रह गई है. चलिए ये भी खूब रही गरीबी तो घटी नहीं घट गए गरीब... ये तो रही देश की बात, अब करत...
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17 comments:
इतने सारे लिंक्स..वह भी चुनिंदा,,,वाह! मज़ा आ गया..मेरे लिंक्स भी शामिल...शुक्रिया!
आभार भाई जी ।
कई सुन्दर लिंक्स से सजी ब्लोगर्स मीट३६ बहुत अच्छी रही |
आशा
bahut achchhe links .meri post ko yahan sthan dene hetu hardik dhanyvad .
सुंदर लिंक्स
इस बार काफी पहले ही आपने पोस्ट कर दिया,
मुझे तो सोमवार का इंतजार रहता है।
बहरहाल मुझे भी स्थान देने के लिए शुक्रिया
@ Mahendra ji ! is baar dedh ghanta pahle post publish kar di kyonki Prerna ji bhi bahar thin aur hamen bhi bahar jana tha . aaj laut kar aaye hain.
बहुत सुन्दर मीट है अनवर भाई ! आजकल प्रवास पर हूँ इसलिए देर से देख पाई ! क्या ब्लॉगर मीट का दिन बदल दिया गया है ? मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया व आभार !
umda links saheje achchhi bloger's meet
बहुत सुंदर लिंक्स...आभार
बहुत ही अच्छे लिंक्स का चयन किया है आपने ...आभार ।
आभार लिंक्स के लिए.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति वाह! बेसुरम की कई पोस्ट आपने शामिल किया जिसमें मेरी भी है आभार
Umda meet .
yhan bhi dekhiyega---
http://drayazahmad.blogspot.in/2012/03/36-vajr-aasan.html
एक से एक उम्दा लिंक्स। इस टीम को आभार।
हमारे पोस्ट को स्थान दिया इसके लिए शुक्रिया।
बहुत उम्दा!
क्या नवसम्वतसर की जगह हिन्दू नवसम्वतसर लिखना जरूरी था?
अविष्कारक का ज़िक्र ज़रूरी है
@आदरणीय रूपचंद शास्त्री जी ! चैत्र मास से आरंभ होने वाला यह कैलेंडर हिंदू वैज्ञानिकों ने दिया है। यह कौन सा तरीक़ा है कि देन से तो लाभ उठाया जाए और देने वाले को भुला दिया जाए ?
ऐसा करना हमें ठीक न लगा सो इस कैलेंडर के अविष्कारकों को भी याद किया गया है।
तरीक़ा भी यही है कि जब आर्किमिडीज़,न्यूटन और आइन्सटीन आदि का नियम बताया जाता है तो पहले उनका नाम लिया जाता है, उनका नियम बाद में बताया जाता है ताकि याद रहे कि यह नियम हमें किस महान वैज्ञानिक ने बताया है ?
जिन लोगों ने ऐसा नहीं किया, उन्होंने हिंदू कैलेंडर के महान अविष्कारकों को भुला दिया है।
यही कारण है कि आज कोई भी नहीं बता सकता कि हिंदू कैलेंडर का अविष्कार कितने वर्ष पहले और किस ऋषि ने किया था और किन किन ऋषियों ने इसमें किस किस समय पर कितने बदलाव किए ?
दुख की बात यह है कि सब जगह नव सम्वतसर के अवसर पर ब्रह्मा जी का ज़िक्र किया जाता है लेकिन बताया जाता है विक्रम संवत। ब्रह्मा जी का सृष्टि संवत का ज़िक्र ग़ायब कर दिया जाता है।
ब्लॉग जगत की पोस्ट्स इसका उदाहरण है।
हम अब्राहम को याद करें और आप ब्रहमा जी को याद रखें तो इससे हमारे दिलों में हमारे पूर्वज की याद तो बनी रहेगी और तब किसी दिन पता चलेगा कि हमारा परमेश्वर ही नहीं हमारा पूर्वज भी एक ही है।
तब हिंदू, मुस्लिम, यहूदी और ईसाई शब्द पर्यायवाची बनकर रह जाएंगे।
Brahma और Abraham शब्द लिखकर गूगल सर्च के ज़रिये देखते हैं तो इस विषय पर अथाह जानकारी सामने आ जाती है।
धन्यवाद !
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