ऐसा सभी मानते हैं कि आप जिस प्रकार का व्यवहार दूसरों के साथ करेंगे दूसरे भी वैसा ही आपके साथ वैसा ही व्यवहार करेंगे। यह प्राकृतिक नियम है। इसका अनुपम उदाहरण अभी पाकिस्तान को प्राप्त हो गया। पाकिस्तान मे इस्लाम के अतिरिक्त अन्य धर्मावलिम्बियों के साथ सदैव ही उपेक्षापूर्ण (अपितु शत्रुतापूर्ण) व्यवहार होता आया है। कभी हिन्दु अथवा सिख अगवा कर लिए जाते हैं "ज़जिया" के लिए, तो कभी उनकी बेटियों को उठा लेते हैं और जबरन धर्म परिवर्तन कर किसी के पल्ले बांध देते हैं। और जब इन सबसे मन न भरे तो ईशनिन्दा का आरोप लगा किसी को भी जेल भिजवा देते हैं।
पाकिस्तान मे अनेक मंदिर एवं गुरुद्वारे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों मे बदल गए हैं, तो कई अपनी पहचान खो कर कूडाघर अथवा अन्य सामुदायिक उपयोग के स्थल बन चुके हैं। पाकिस्तान मे अल्पसंख्यकों की धार्मिक मान्यता को कितना महत्वपूर्ण मानते हैं इस बात से ही मालूम पडता है। जब ये ऐसी हरकतें करते हैं तो इन्हे अपना कृत्य पौरुष का प्रदर्शन लगता है, इन्हे लगता है कि इस प्रकार ये दुनिया को अपने सामर्थ्य का परिचय दे रहे हैं।
ऐसे मे जब विरोधियों ने भी इनको इनकी भाषा मे जवाब देना प्रारम्भ किया तो इनको मिर्ची लग गई। अरे भाई जब खुद नही झेल पाते हो दूसरों की ऐसी हरकतें तो उंगली क्यों करते हो? उंगली करोगे तो कोइ न कोइ तो उंगली मरोडेगा ही।
2 comments:
कुरआन की तालीम में वे लोग भी विश्वास रखते हैं जो कि कठमुल्ला नहीं हैं और उसके साथ अशोभनीय बर्ताव से वे भी दुखी हैं , इसलिए आप इस लेख का शीर्षक बदलिए . इस गलत हरकत से हरेक मुसलमान दुखी है . जो लोग हिन्दुओं के साथ गलत बर्ताव कर रहे हैं उनकी नफरत में आप सबसे नफरत करने लग जाएँ तो यह ठीक न होगा . शीर्षक न बदलने पर इस स्तरहीन रचना को हटाना हमारी मजबूरी होगी . आपके जायज़ विरोध का हम स्वागत करते हैं और आपकी सही बात को सही भी कहते हैं .
Mr. Jamal, if you can't oppose a article supporting Pakistan shamelessly then I can expect this only from you that you will oppose a genuine article by me.
If you are not a "kathmulla" then why are you having problem with this?
This article targets "kathmullas" not a genuine muslim. Now it's up to you to remove the article & proove you are also one of them or leave it as it is on the blog.
Jai Hind.
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