वकील भारतीय नागरिक नहीं होते .....
जी हाँ दोस्तों ...वकील भारतीय नागरिक नहीं होते .....यह सब इसलियें है क्योंकि वोह वकील हैं और बार कोंसिल ऑफ़ इण्डिया के सदस्य हैं ,,यह अजीबो गरीब फेसला देश की किसी अदालत का नहीं सुचना के अधिकार अधिनियम के तहत राजस्थान में नियुक्त इस अधिनियम के तहत एक अपील सुचना अधिकारी ने यह फेसला दिया है ...........
रावतभाटा चित्तोड़ राजस्थान के एक वकील साहब ने एक विभाग से सुचना के अधिकार अधिनियम के तहत सुचना मांगी उन्हें सुचना अधीनस्थ विभाग के अधिकारी ने नहीं दी और फिर जब इन वकील साहब ने इस मामले की प्रथम अपील जयपुर स्थित विभागीय अपील अधिकारी के पास की यह अधिकारी जनाब राजस्थान प्रशासनिक सेवा के है ..इन्हें अपने अधिकारी होने का नशा इस कदर चढा के सुचना उपलब्ध कराने का जब इन जबाब को कोई बहाना नहीं मिला तो इन जनाब ने कलम उठाई और लिख डाला के सुचना मांगने वाल वकील है और वकील बार कोंसिल के सदस्य होते हैं जो भारतीय नागरिक की श्रेणी में नहीं आते और इसीलियें भारतीय नागरिक वकील साहब के नहीं होने के कारण यह सूचनाएं वकील साहब को उपलब्ध नहीं करायी जा सकती ...दोस्तों इस अजीबोगरीब आदेश को पढने के बाद रावतभाटा सहित राजस्थान के वकील सदमे में हैं और उन्होंने खुद के भारतीय नहीं होने की घोषणा के मामले में इन अधिकारी महोदय की शिकायत बार कोंसिल ऑफ़ राजस्थान को की है और रावतभाटा के वकील इस मामले को लेकर अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर हडताल पर भी है है ना मजेदार बात अधिकारी की नज़र में वकील भारत के नागरिक नहीं होते ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
1 comments:
सूचना का अधिकार 2005 के नाम पर बहुत से वकीलों ने खाई-बाड़ी का धंधा शुरू कर रखा है जिससे बहुत से अधिकारी क्षुब्ध हैं। यह अधिकारी भी ऐसे ही वकीलों के सताए हुए लगते हैं तब भी उन्हें ऐसा लिखकर नहीं देना चाहिए था। वकीलों से अड़ंगा लेना बेकार है। इन्हें कोई काम तो होता नहीं और मानसिक उत्पीड़न का मुक़ददमा मुफ़्त में कर ही डालेगा और इस बहाने फ़्री की पब्लिसिटी भी बटोर ली।
मुझे इन जैसे वकीलों से कोई हमदर्दी नहीं है, आप भी कहां इनके चक्कर में पड़ गए।
लोगों को नेक नसीहत दीजिए, ...और बस !
धन्यवाद !
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