भूखा था
किसी ने खाने को
दो रोटी दी
मेरी भूख मिटायी
प्यासा था
किसी ने पानी पिलाया
प्यास को बुझाया
दर्द से पीड़ित था
आँख से आंसूं निकल
रहे थे
किसी ने कंधे पर
हाथ रख कर सांत्वना दी
दर्द कम हुआ
बीमार था
किसी ने चिकित्सा कर
जान बचायी
आँखों से दिखता ना था
किसी ने हाथ पकड़
सड़क पार करायी
निरंतर सोचता था
धर्म क्या होता है ?
अब धर्म का अर्थ
पता चल गया
13-05-2011
848-55-05-11
3 comments:
Nice post.
http://quranse.blogspot.com/2011/05/quranic-teachings.html
---सही पता चला----जो जिसका मूल गुण भाव है वही उसका गुणधर्म है...धर्म है ...और मानव का मूल गुणधर्म है ईश्वरीय-गुणों को अपनाना/ व्यवहार में लाना ....
...सभी को पता चल जाता, तो दुनिया में क्या न होजाता ॥
@ Shyam ji ! sahi kaha aapne .
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