मंगलवार, ७ जून २०११
घूंघट में सन्यासी : भारत के इतिहास में पहली बार, बाबा रामदेव जी का अनोखा 'योग'-दान
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Dr . Anwer Jamal With a delegation at Brahmakumari mission |
इसमें कोई शक नहीं है कि मंदिरों और मज़ारों पर चढ़ावे में जो धन संपत्ति दान दी जाती है उसे वहाँ के ज़्यादातर व्यवस्थापक लोकसेवा में लगाने के बजाय अपनी ऐशो इशरत में ख़र्च करते हैं और यह सरासर धार्मिक भ्रष्टाचार है । इसे दूर करना भी उतना ही ज़रूरी है जितना कि विदेशों में जमा काले धन का राष्ट्रीयकरण करना।
...और यह काम बाबा रामदेव जी के बस का है नहीं !
...और यह काम बाबा रामदेव जी के बस का है नहीं !
मदन शर्मा said...
नकारा सरकार ने सोते हुवे निहत्थे लोगों पर लाठी चार्ज कर के जो बर्बर कार्यवाही की उसकी जितनी निंदा की जाया कम ही है | आधी रात को दिल्ली पुलिस बल ने आक्रमण किया और सत्याग्रहियों को मैदान से बाहर निकाल फेंका ! कितने घायल हुए , कुछ गायब , बाबा रामदेव को सलवार - समीज में छुप कर भागना पडा ! वाह रे सरकार ! ये कैसी नकारा सरकार है ?
29 टिप्पणियाँ: