जो लोग आज शरद पवार के थप्पड़ मारने और उन्हें कृपाण दिखाने वाले सरदार हरविंदर सिंह की प्रशंसा कर रहे हैं,
क्या वे लोग तब भी ऐसी ही प्रशंसा करेंगे जबकि उनकी पार्टी के लीडर के थप्पड़ मारा जाएगा ?
हम शरद पवार को कभी पसंद नहीं करते लेकिन नेताओं के साथ पब्लिक मारपीट करे, इसकी तारीफ़ हम कभी भी नहीं कर सकते। इस तरह कोई सुधार नहीं होता बल्कि केवल अराजकता ही फैलती है। अराजक तत्वों की तारीफ़ करना भी अराजकता को फैलने में मदद करना ही है, जो कि सरासर ग़लत है।
2 comments:
चाहे कोइ नेता हो या अभिनेता या हो आम आदमी किसी भी प्रकार का शारीरिक दंड शोभनीय नहीं है |इससे संसार में और आने वाली पीढ़ी पर कितना गलत असर पड़ेगा सोच कर भी शर्म आती है |
अच्छा लेख अच्छा मुद्दा |
आशा
निश्चित रूप से यह अशोभनीय और निन्दनीय आचरण है ,लेकिन चार-पांच जून की आधी रात नई दिल्ली में बाबा रामदेव के कार्यक्रम में हज़ारों सोते हुए निहत्थे नागरिकों के साथ जो अमानवीय व्यवहार हुआ , क्या वह शोभनीय और स्वागत योग्य था ?
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