फैजान मोटरगाड़ियों का मिस्त्री है। मगर, यह हुनर उसने किसी ट्रेनिंग स्कूल
में नहीं सीखा, बल्कि एक मैकेनिक के यहां काम करते हुए यह सब सीख लिया।
ऐसे ही कई लोगों के पास हुनर तो है, पर किसी इंस्टीटय़ूट का सर्टिफिकेट
नहीं। सरकार अब ऐसे ही लोगों की पहचान कर उन्हें हुनर का प्रमाण-पत्र देगी।
इससे वे न केवल प्रशिक्षित कामगारों की तर्ज पर मेहनताना ले सकेंगे, बल्कि
उनके लिए करियर की नई राहें भी खुल जाएंगी।
मानव
संसाधन विकास मंत्रालय ने नेशनल वोकेशन एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क
योजना के तहत ये प्रमाणपत्र जारी करने का फैसला किया है। जल्द ही सेक्टर
स्किल डेवलपमेंट काउंसिल बनेगी, जो यह काम करेगी। इससे पांच वर्षो में करीब
तीन करोड़ कामगारों को फायदा होगा। मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी के
अनुसार, ऐसे कामगारों को दो श्रेणियों के प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। एक
रिकग्नाइजेशन ऑफ प्रियर लर्निग (आरपीएल)-1 व दूसरा आरपीएल-2 होगा। आरपीएल-1
उन कार्मिकों को दिया जाएगा, जो तकनीकी या व्यावसायिक कार्य जानने के
साथ-साथ थोड़ा बहुत पढ़ना-लिखना भी जानते हैं। आरपीएल-2 तकनीकी काम की
अपेक्षाकृत बेहतर समझ रखने वालों को दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें एसएससी के
समक्ष एक कौशल टेस्ट देना होगा।
हुनर कहीं भी सीखें केंद्र देगा प्रमाण-पत्र -मदन जैड़ा
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