Roshi: अपनों और गैरो के समीकरण
Posted on Thursday, April 14, 2011 by Roshi in
Roshi: अपनों और गैरो के समीकरण: "हमने अपनों को चाह, उन्होंने की वेबफाई गैरो ने दिया साथ हमेशा और पीठ थपथपाई अपनों ने सदैव खोंपा खंजर और उफ़ भी न कर पाई ग..."
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