अलबेला खत्री के अलबेला मिजाज़ ने देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोरवान्वित किया
ब्लोगिंग की दुनिया का एक अंतर्राष्ट्रीय नाम ,एक प्यारा सा अलबेला नाम, जो साहित्य और हास्य बांटता है लोगों को हंसाता है ,लोगों को प्यार और अपनापन सिखाता है, जी हाँ आप सही समझ रहे हैं यह वही नाम है जो आपके दिलो दिमाग पर छाया हुआ और यह नाम हे अलबेला खत्री .
दोस्तों आज अलबेला खत्री के लियें मेने कुछ मामूली सा लिखने का प्रयास किया है लेकिन उनके लियें लिखा जाने वाला यह सब सूरज को रौशनी दिखाने के समान है और इसीलियें इस शक्सियत पर उंगलियाँ हिलाने के प्रयास भर में ही उंगलियाँ कांपने लगी हैं सीना गर्व से चोडा हो गया हे के मुझे इस शख्सियत के लियें कुछ लिखने का अवसर मिला है .
नरेंद्र मोदी के गुजरात के सूरत शहर के रहने वाले अलबेला खत्री जी एक अलबेला शख्सियत के मालिक हैं ,सभी को प्यार देना सभी को हंसाना इनकी फितरत है, और इसीलियें यह ब्लोगिंग,साहित्य,एक्टिंग सभी क्षेत्रों के लोगों में हर दिल अज़ीज़ बन गये हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खत्री भाई देश का नाम रोशन कर रहे हैं , निर्विवाद लेखनी , प्यार दो प्यार लो का संदेश देने की रचनाएँ लिखने के धनी जनाब अलबेला खत्री के कई दर्जन ब्लॉग हैं और फरवरी २००९ से विभिन्न शीर्षकों से ब्लॉग बना कर ब्लोगिंग की दुनिया को महका रहे हैं ब्लोगिंग की दुनिया को चहका रहे हैं , हंसा रहे हैं .
अलबेला खत्री को अपने देश ,अपने राज्य गुजरात से प्यार है लेकिन उससे भी ज्यादा इन्हें अपने शहर सूरत से प्यार है इतना ही नहीं अलबेला जी को इन सभी चीजों से भी ज्यादा मानवता से प्यार है, और इसीलियें इनके हर अलफ़ाज़ में ,हर रचना हर आलेख में सिर्फ प्यार ही प्यार मिलता हे यह गम्भीर लेखनी के माध्यम से .हास्य लेखन के माध्यम से और कला यानी एक्टिंग के माध्यम से सभी को मानवता और साक्षरता का पाठ पढ़ाने के प्रयासों में जुटे हैं ,ब्लोगिंग ,कला.लेखन और अभिनय की अंतर्राष्ट्रीय बुलंदियों पर पहुंचने के बाद भी ब्लोगिंग की दुनिया में यह छोटे से लेकर सभी बढ़े ब्लोगर को टटोलते हैं उनकी रचनाएँ पढ़ते हैं उन्हें टिप्पणियों से नवाज़ते हैं यही इनका बढ़प्पन है .
सूरत मेरे सपनों का शहर इनका अंग्रेजी ब्लॉग है, जबकि मुक्तक दोहे चोपाई ,हास्य व्यंग्य, भजन वन्दन,अर्ज़ किया है ,स्वर्णिम गुजरात , आरोग्य एवं स्वास्थ्य , आपकी महफिल में ,लाया हूँ चंद शेर , पोयम फ्रॉम हर्ट सहित दर्जनों ब्लॉग अलबेला जी ने लिखे है और सभी ब्लॉग चाव से पढ़े जाते हैं , भाई अलबेला जी खत्री ने अब तक सात पुस्तकें लिखी हैं जो प्रकाशित होकर बाज़ार में पाठकों में प्रसिद्ध हैं ,इनके सोलह ऑडियो वीडियो प्रसारित हैं जिन्हें लोग अपने मनोरंजन के लियें लगातार देख रहे हैं,साहित्य और एक्टिंग के २८ वर्षों के सफर में अलबेला जी ने दर्जनों ड्रामों ,फिल्मों में गीत लिखे है ,एक्टिंग की है और पांच हजार से भी अधिक प्रतिष्ठित रचनाएँ लिखी गयी हैं अलबेला जी की कला ,लोफ्टर शो ने इन्हें विश्व के हर कोने पर मकबूल कर दिया है अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी छोटे बढ़े देशों में इन्होने अपनी कला और अभिनय के जलवे दिखा कर लोगों को हंसा हंसा कर लोटपोट कर दिया है अलबेला जी अब तक तीस से भी अधिक सम्मान से पुरस्क्रत हो चुके हैं अलबेला जी को वागेश्वरी सम्मान,टेप पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है . ऐसी प्रतिभा एके धनी जनाब अलबेला जी के लियें कुछ भी लिखने के पहले छोटा मुंह बढ़ी बात का विचार आते ही मेरे हाथ कांपने लगते हैं और अगर इस में गलतिया, गलतियाँ नहीं बहुत सारी गलतियाँ ,कमिया रह गयी हो तो इसके लियें में ज़िम्मेदार नहीं हूँ अलबेला जी का कद ही ब्लोगिंग की दुनिया में इतना उंचा है के इनकी उंचाई देखते देखते मेरे सर की टोपी नीचे गिर गयी है और गर्दन में झटका आ गया है . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
दोस्तों आज अलबेला खत्री के लियें मेने कुछ मामूली सा लिखने का प्रयास किया है लेकिन उनके लियें लिखा जाने वाला यह सब सूरज को रौशनी दिखाने के समान है और इसीलियें इस शक्सियत पर उंगलियाँ हिलाने के प्रयास भर में ही उंगलियाँ कांपने लगी हैं सीना गर्व से चोडा हो गया हे के मुझे इस शख्सियत के लियें कुछ लिखने का अवसर मिला है .
नरेंद्र मोदी के गुजरात के सूरत शहर के रहने वाले अलबेला खत्री जी एक अलबेला शख्सियत के मालिक हैं ,सभी को प्यार देना सभी को हंसाना इनकी फितरत है, और इसीलियें यह ब्लोगिंग,साहित्य,एक्टिंग सभी क्षेत्रों के लोगों में हर दिल अज़ीज़ बन गये हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खत्री भाई देश का नाम रोशन कर रहे हैं , निर्विवाद लेखनी , प्यार दो प्यार लो का संदेश देने की रचनाएँ लिखने के धनी जनाब अलबेला खत्री के कई दर्जन ब्लॉग हैं और फरवरी २००९ से विभिन्न शीर्षकों से ब्लॉग बना कर ब्लोगिंग की दुनिया को महका रहे हैं ब्लोगिंग की दुनिया को चहका रहे हैं , हंसा रहे हैं .
अलबेला खत्री को अपने देश ,अपने राज्य गुजरात से प्यार है लेकिन उससे भी ज्यादा इन्हें अपने शहर सूरत से प्यार है इतना ही नहीं अलबेला जी को इन सभी चीजों से भी ज्यादा मानवता से प्यार है, और इसीलियें इनके हर अलफ़ाज़ में ,हर रचना हर आलेख में सिर्फ प्यार ही प्यार मिलता हे यह गम्भीर लेखनी के माध्यम से .हास्य लेखन के माध्यम से और कला यानी एक्टिंग के माध्यम से सभी को मानवता और साक्षरता का पाठ पढ़ाने के प्रयासों में जुटे हैं ,ब्लोगिंग ,कला.लेखन और अभिनय की अंतर्राष्ट्रीय बुलंदियों पर पहुंचने के बाद भी ब्लोगिंग की दुनिया में यह छोटे से लेकर सभी बढ़े ब्लोगर को टटोलते हैं उनकी रचनाएँ पढ़ते हैं उन्हें टिप्पणियों से नवाज़ते हैं यही इनका बढ़प्पन है .
सूरत मेरे सपनों का शहर इनका अंग्रेजी ब्लॉग है, जबकि मुक्तक दोहे चोपाई ,हास्य व्यंग्य, भजन वन्दन,अर्ज़ किया है ,स्वर्णिम गुजरात , आरोग्य एवं स्वास्थ्य , आपकी महफिल में ,लाया हूँ चंद शेर , पोयम फ्रॉम हर्ट सहित दर्जनों ब्लॉग अलबेला जी ने लिखे है और सभी ब्लॉग चाव से पढ़े जाते हैं , भाई अलबेला जी खत्री ने अब तक सात पुस्तकें लिखी हैं जो प्रकाशित होकर बाज़ार में पाठकों में प्रसिद्ध हैं ,इनके सोलह ऑडियो वीडियो प्रसारित हैं जिन्हें लोग अपने मनोरंजन के लियें लगातार देख रहे हैं,साहित्य और एक्टिंग के २८ वर्षों के सफर में अलबेला जी ने दर्जनों ड्रामों ,फिल्मों में गीत लिखे है ,एक्टिंग की है और पांच हजार से भी अधिक प्रतिष्ठित रचनाएँ लिखी गयी हैं अलबेला जी की कला ,लोफ्टर शो ने इन्हें विश्व के हर कोने पर मकबूल कर दिया है अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी छोटे बढ़े देशों में इन्होने अपनी कला और अभिनय के जलवे दिखा कर लोगों को हंसा हंसा कर लोटपोट कर दिया है अलबेला जी अब तक तीस से भी अधिक सम्मान से पुरस्क्रत हो चुके हैं अलबेला जी को वागेश्वरी सम्मान,टेप पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है . ऐसी प्रतिभा एके धनी जनाब अलबेला जी के लियें कुछ भी लिखने के पहले छोटा मुंह बढ़ी बात का विचार आते ही मेरे हाथ कांपने लगते हैं और अगर इस में गलतिया, गलतियाँ नहीं बहुत सारी गलतियाँ ,कमिया रह गयी हो तो इसके लियें में ज़िम्मेदार नहीं हूँ अलबेला जी का कद ही ब्लोगिंग की दुनिया में इतना उंचा है के इनकी उंचाई देखते देखते मेरे सर की टोपी नीचे गिर गयी है और गर्दन में झटका आ गया है . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
1 comments:
अलबेला जी मुझे पसंद हैं क्योंकि वह बेवजह हठ नहीं करते और अच्छे शेर सुनाते हैं .
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