हमने एक पोस्ट लिखी थी
‘इस्लाम पर सवाल क्यों आते हैं ?‘
इस पर हमारे एक ब्लॉगर भाई की टिप्पणी हमें प्राप्त हुई है और आप देखेंगे कि इसमें बड़े सादा और स्पष्ट से अंदाज़ में एक बात कह दी गई है।
आदरणीय रविकर जी ने हमारी पोस्ट पर कहा कि
‘इस्लाम पर सवाल क्यों आते हैं ?‘
इस पर हमारे एक ब्लॉगर भाई की टिप्पणी हमें प्राप्त हुई है और आप देखेंगे कि इसमें बड़े सादा और स्पष्ट से अंदाज़ में एक बात कह दी गई है।
आदरणीय रविकर जी ने हमारी पोस्ट पर कहा कि
- यह व्यक्तिगत नासमझी है भाई, और कुछ नहीं || सुधार सतत चलने वाली प्रक्रिया है और sab jante हैं ki इस्लाम बहुत पुराना नहीं || कमियां हर जगह हैं -- एक उंगली के विपरीत अन्य उंगलियाँ उठती हैं -- नासमझों को क्षमा करें -- सभी धर्म श्रेष्ठ हैं -- यदि दोष दिखता है तो वह दोष आचरण-कर्त्ता में है -- किसी धर्म में नहीं | यह मेरी पहली टिप्पणी है जो अतुकांत है -- पर इसका तुक और केवल तुक ही है--बेतुक-बेतुकी नहीं क्या ख्याल है भाईजान का ??
- इस्लाम कितना पुराना है ?
आदरणीय रविकर जी , ईश्वर 1400 साल से नहीं है बल्कि सदा से है। उसने किसी समय विशेष में सृष्टि की रचना की और फिर इसी सिलसिले में मनुष्य को उत्पन्न किया। पहले जोड़े को संस्कृत साहित्य में मनु और शतरूपा कहा गया है जबकि हिब्रू और अरबी में इस जोड़े को आदम और हव्वा कहा गया है। ईश्वर ने इस जोड़े को जीवन भी दिया और भले-बुरे की तमीज़ भी जो कि धर्म का मूल है। इसी धर्म को संस्कृत में सनातन धर्म कहा गया है और अरबी में इसी धर्म को इस्लाम कहा गया है। पैग़म्बर आदम अलैहिस्सलाम अर्थात पहले मनु के बाद समय समय पर बहुत से ऋषि-पैग़म्बर हुए हैं। इसी क्रम में जल प्लावन वाले मनु महर्षि भी हुए हैं जिन्हें बाइबिल और क़ुरआन में नूह कहा गया है। इस्लामी मान्यता के अनुसार लगभग 1 लाख चौबीस हजार हुए हैं। पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब सल्ल. का नाम इस क्रम में सबसे अंत में आता है। अब आप तय कर सकते हैं कि इस्लाम कितना पुराना है। हमने अपनी पोस्ट के अंत में एक लिंक भी दिया है ‘इस्लाम में नारी‘
2. इस पोस्ट में या इस पूरे ब्लॉग में किसी की तरफ़ भी उंगली नहीं उठाई गई है तब क्यों इस्लाम की तरफ़ उंगलियां उठाई जा रही हैं ?
3. कमी की बात कभी धर्म नहीं होती इसीलिए धर्म में कभी कमी नहीं होती और मानव समुदाय सदा से ही उत्थान और पतन का शिकार रहा है, यह सही है।
आपका शुक्रिया !
इसके जवाब में उन्होंने कहा कि
- जी नई जानकारी प्राप्त हुई शुक्रिया ||
...और फिर इस पोस्ट को उन्होंने चर्चामंच में अपनी चर्चा में भी जगह दी।
यह उनके खुले दिलो-दिमाग़ की अलामत है।
इसी विषय को आप विस्तार से यहां देख सकते हैं
Islam is Sanatan . सनातन है इस्लाम , मेरा यही पैग़ाम
रविकर जी की टिप्पणी को एक बेहतरीन टिप्पणी कहा जाय तो कुछ ग़लत न होगा। इस प्रकरण से बहुत कुछ सीखा जा सकता है।
How to invite readers to follow the comments section
1 comments:
बहुत बहुत आभार ||
अनवर भाई ||
हम अपने पडोसी डा. इकबाल से प्राय: धार्मिक मसले पर बड़े खुले दिमाग से बात करते हैं |
दरअसल पाक पुस्तकों में सबसे बाद में आने वाली पुस्तक पाक कुरान शरीफ है | इस प्रकार मैं पैगम्बर मुहम्मद साहब से ही इस्लाम की उत्पत्ति समझ बैठा | आप और एम् जे अकबर जैसे हम सभी सुलझे हिन्दुस्तानी देश को आगे ले जा सकेंगे पूरा यकीन है |
एक कुंडली पेश करता हूँ --
पब्लिक दी मरवाय
बोले अकबर देर तक, बँटवारे की बात |
व्याख्यान में खोल के, नेहरु का उत्पात |
नेहरु का उत्पात, सहा हर हिन्दुस्तानी |
जिन्ना पर भी खूब, चढ़ी थी सत्ता-रानी |
दोनों ये अंग्रेज, बने जब सबके रहबर |
पब्लिक दी मरवाय, लड़ा के बोले अकबर |
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