यहां मुसलमान करते हैं रामलीला का आयोजन Indian tradition

Posted on
  • Tuesday, October 4, 2011
  • by
  • DR. ANWER JAMAL
  • in
  • Labels:


  • नसीम खान वैसे तो अपनी छोटी सी सिलाई की दुकान की आय से संतुष्ट हैं लेकिन हर वर्ष दशहरे से पहले वह थोड़े से चिंतित हो जाते हैं। गांव में दशकों से हो रही रामलीला का आयोजन सुचारू रूप से हो सके इसलिए उन्हें बड़े पैमाने पर मिले काम लेकर ज्यादा पैसों का बंदोबस्त करना पड़ता है।
    उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले के मुमताज नगर गांव में नसीम की तरह दूसरे मुसलमान भी रामलीला के आयोजन में दिल खोलकर चंदा देकर सालों से चली आ रही इस परम्परा को संजोए हुए हैं। दशकों से मुसलमान इस रामलीला का आयोजन करते आ रहे हैं।
    नसीम खान के अनुसार हमें गर्व है कि हम इस तरह की परम्परा निभा रहे हैं, जो सही अर्थों में आपसी भाईचारे को मजबूत करती है। हर साल दशहरे पर जब हम लोग रामलीला का आयोजन करते हैं तो हम में ऐसी भावनाएं उमड़ती हैं कि जैसे हम ईश्वर की सेवा कर रहे हैं। आखिरकार हिंदू भाई भी तो उसी ईश्वर की रचना हैं।
    रामलीला का आयोजन रामलीला रामायण समिति के बैनर तले होता है। अब से करीब 47 साल पहले गांव के मुस्‍लमानों ने मिलकर आपसी भाईचारे को मजबूत करने के उद्देश्य से इस समिति का गठन किया था। मुमताजनगर गांव की आबादी करीब 600 है जिसमें से तकरीबन 65 फीसदी मुसलमान समुदाय के लोग हैं। समिति के अध्यक्ष माजिद अली ने बाया कि एक मुस्लिम बहुल गांव होने के मद्देनजर मुस्लिम त्योहारों के दौरान मुमताज नगर का महौल बहुत जीवंत और आकर्षक लगता था। गांव में हिंदुओं की आबादी को सीमित देखते हुए हमारे पूर्वजों ने सोचा कि उन्हें हिंदुओं के त्योहारों को बढ़ावा देने के लिए कुछ करना चाहिए। फिर उन्होंने 1963 में रामलीला के आयोजन की शुरुआत की, जो तब से लगातार जारी है।अली कहते हैं कि मुस्‍लमान समुदाय के विभिन्न वर्गों के लोग इस समिति के सदस्य हैं। कम आय होने के बावजूद गांव के मुस्‍लमान रामलीला के आयोजन में हर तरह से आर्थिक मदद देते हैं। जो लोग चंदा देने में असफल होते हैं वे रामलीला के आयोजन में श्रमदान देते हैं।गांव के मुस्‍लमान केवल आर्थिक सहयोग और श्रमदान के जरिए रामलीला के आयोजन तक ही खुद को सीमित नहीं रखते बल्कि वे इसमें अभिनय भी करते हैं। अली ने बताया कि हमारे भाई-बंधु राम, सीता और रावण जैसे रामलीला के मुख्य किरदारों के अलावा मंच पर अन्य कई महत्वपूर्ण किरदार निभाते हैं।इस साल यहां रामलीला की शुरुआत एक अक्टूबर से हुई है, जो आठ तारीख तक चलेगी। रामलीला का आयोजन शुरुआत से ही गांव के किनारे एक मैदान में होता आ रहा है। पहले रामलीला का मंचन अस्थाई मंच पर होता था लेकिन कुछ साल पहले आपसी सहयोग से वहां पर एक सीमेंट का मंच बना दिया गया है।

    3 comments:

    सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

    khoobsoorat vratant....sauhaard ki paraakashthaa....bahut uttam.

    रविकर said...

    खूबसूरत |
    सादर नमन ||

    http://neemnimbouri.blogspot.com/2011/10/blog-post.html

    Taarkeshwar Giri said...

    भगवान से प्राथना करता हूँ कि देश में ऐसे विचारो को बढ़ावा मिले. जो शांति में सहायक हो..

    Read Qur'an in Hindi

    Read Qur'an in Hindi
    Translation

    Followers

    Wievers

    join india

    गर्मियों की छुट्टियां

    अनवर भाई आपकी गर्मियों की छुट्टियों की दास्तान पढ़ कर हमें आपकी किस्मत से रश्क हो रहा है...ऐसे बचपन का सपना तो हर बच्चा देखता है लेकिन उसके सच होने का नसीब आप जैसे किसी किसी को ही होता है...बहुत दिलचस्प वाकये बयां किये हैं आपने...मजा आ गया. - नीरज गोस्वामी

    Check Page Rank of your blog

    This page rank checking tool is powered by Page Rank Checker service

    Promote Your Blog

    Hindu Rituals and Practices

    Technical Help

    • - कहीं भी अपनी भाषा में टंकण (Typing) करें - Google Input Toolsप्रयोगकर्ता को मात्र अंग्रेजी वर्णों में लिखना है जिसप्रकार से वह शब्द बोला जाता है और गूगल इन...
      11 years ago

    हिन्दी लिखने के लिए

    Transliteration by Microsoft

    Host

    Host
    Prerna Argal, Host : Bloggers' Meet Weekly, प्रत्येक सोमवार
    Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

    Popular Posts Weekly

    Popular Posts

    हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide

    हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide
    नए ब्लॉगर मैदान में आएंगे तो हिंदी ब्लॉगिंग को एक नई ऊर्जा मिलेगी।
    Powered by Blogger.
     
    Copyright (c) 2010 प्यारी माँ. All rights reserved.