ब्लॉगर्स मीट वीकली (22)
सबसे पहले मेरे सारे ब्लॉगर साथियों को प्रेरणा अर्गल का प्रणाम और सलाम /आप सभी का स्वागत करती हूँ /और निवेदन करती हूँ की इस मंच पर पधारें और अपने अनमोल सन्देश देकर हमारा उत्साह बढायें /आभार
आज सबसे पहले मंच की पोस्ट्स |
अनवर जमाल जी की रचनाएँ |
अख्तर खान "अकेला जी " की रचनाएँअयाज अहमद जी की रचना ख़ंज़र की क्या मजाल जो इक ज़ख़्म कर सके ? - Swami रामतीर्थख़ंज़र की क्या मजाल जो इक ज़ख़्म कर सके। तेरा ही है ख़याल कि घायल हुआ है तू।। स्वामी लक्ष्मीशंकराचार्य जी का नायाब वीडियो देखा ब्लॉगर्स मीट वीकली 21 मेंरमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिराजी "की रचना दोस्तों की संख्या में विश्वास करते हो या उनकी गुणवत्ता पर ? |
मंच के बाहर की पोस्टरत्नेश कुमार मौर्याजी की रचना चर्चित ब्लागर आकांक्षा यादव को ‘डा. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान-2011 अशोक कुमार शुक्ल जी की रचना तय तो यह था... विनम्र श्रद्वांजलि डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' जी की रचना "नारी की व्यथा " राजेश कुमारीजी की रचना पर का बोझ नीरज द्विवेदी जी की रचना अब उठो भारत मोनिका शर्माजी की रचना धन-बल को मिलने वाला मान है भ्रष्टाचार की जड़ .... ! ऍन .बी .नजील जी की रचना या खुदा! बस उनको अदा बख्श दे| पी.सी.गोदियाल "परचेत" जी की रचना वाट जोहता हूँ नई भोर की ! |
मुकेश कुमार तिवारीजी की रचना कुछ रिश्तों के बहाने से ऋता शेखर 'मधु' जी देवानंदजी को अनोखे ढंग से श्रद्धांजलि दे रही हैं खोया खोया चाँद- हाइगा मेंफ़िल्म-जगत के सदाबहार हीरो 'देव आनंद' जी को विनम्र श्रद्धांजलिसंगीता स्वरुपजी की रचना रतन सिंह शेखावतजी की रचना हमारी भूलें : आहार व्यवहार की अपवित्रता - १ समीर लाल " समीरजी " की रचना पत्थर दिल इंसान....सुरेश शर्माजी " कार्टूनिस्ट" हाजिर जवाब ...कुवर कुशुमेश्जी की रचना |
कुमार राधारमण जी संजीवनी बूटी है गेहूं का जवारागेहूँ के जवारों में रोग निरोधक व रोग निवारक शक्ति पाई जाती है। कई आहार शास्त्री इसे रक्त बनाने वाला प्राकृतिक परमाणु कहते हैं। गेहूँ के जवारों की प्रकृति क्षारीय होती है, इसीलिए ये पाचन संस्थान व रक्त द्वारा आसानी से अधिशोषित हो जाते हैं। ... इसका नियमित सेवन करने से शरीर में थकान तो आती ही नहीं है।जानिए ‘अल्लाहु अकबर‘ का अर्थस्वामी लक्ष्मीशंकराचार्य जी ने बताया है कि क़ुरआन में जिहाद की हक़ीक़त क्या है और उनका आदेश किन आयतों में है और उन आयतों का संदर्भ-प्रसंग और अर्थ क्या है ?Al-Risala Forum International |
किसी भी विद्वान और विशेषकर वकील को अपने किसी भी मामले में सफल होने के लिए उसे अपने लक्ष्य को नही भूलना चाहिए। सबसे अच्छा रास्ता वही होता है, जिससे लक्ष्य तक पहुंचा जा सके। किसी भी रमणीय सुन्दर रास्ते को अच्छा नही कहा जा सकता यदि वह लक्ष्य तक नही पहुंचाता है। |
साधना वैद जी सपनेरफ्ता-रफ्ता सारे सपने पलकों पर ही सो गये , कुछ टूटे कुछ आँसू बन कर ग़म का दरिया हो गये ! "उच्चारण भी थम जाता है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') रिश्तों-नातों को ठुकरा कर, पंछी इक दिन उड़ जाता है।। जब धड़कन रुकने लगती है, उच्चारण भी थम जाता है।। इस्लाम धर्म पर वीडियो Shankaracharya speaks about इस्लाममनोज कुमार जी बता रहे हैं किसूफ़ियों ने विश्व-प्रेम का पाठ पढ़ाया अंक-१भक्ति और प्रेम की भावना पर आधारित जिस पंथ ने इसलाम धर्म में लोकप्रियता प्राप्त की उसे सूफ़ी पंथ कहते हैं। सूफ़ी संप्रदाय का उदय इसलाम के उदय के साथ ही हुआ, किन्तु एक आन्दोलन के रूप में इसलाम की नीतिगत ढांचे के तहत इसे मध्य काल में बहुत लोकप्रियता मिली। ...वह व्यक्ति जो प्रेम के वास्ते मुसफ़्फ़ा होता है साफ़ी है और जो व्यक्ति ईश्वर के प्रेम में डूबा हो, वही सूफ़ी होता है। |
13 comments:
लिंक्स और प्रस्तुति का ढंग दोनो ही मन को छू गए |
आपकी जितनी सराहना की जाए कम है |
आशा
sarahniye prastuti shubhkamnayen.
पहला ऐतराज तो यह है कि डॉ.रूपशंकर शास्त्री जी की रचना नारी की व्यथा नहीं है।
अगर नाम् लिखनें में आपसे त्रुटि हुई है तो उसे सुधार दीजिेए।
मैंने लगातार 20 ब्लॉगर मीट में यहाँ सदारत की है मगर आश्चर्य है कि आयोजक मेरा सही नाम लिखना ही भूल गये हैं।
नारी की व्यथा का लिंक लगाया इसके लिेए आभार।
इतने सुन्दर आयोजन के लिये आपका बहुत बहुत आभार प्रेरणा जी एवं श्री अनवर जमाल जी ! मेरी रचना को इसमें स्थान दिया आपकी आभारी हूँ ! सभी लिंक्स बेहतरीन हैं !
सराहनीय प्रयास
सुन्दर लिंक्स.
मुझे स्थान दिया,आभारी हूँ.
इतने सुन्दर लिंक्स के संयोजन और आयोजन में मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार|
@ आदरणीय रूपचंद शास्त्री जी ! आप आज भी यहां बुलंद हैसियत रखते हैं।
हम प्रेरणा जी के चयनित लिंक को खोलकर नहीं देखते कि उन्होंने किस का लेख लिया है ?
जब हमने आपका नाम न देखा तो हमने ख़ुद नीचे आपकी रचना लगाई लेकिन आपकी टिप्पणी के बाद पता चला कि आपकी रचना ऊपर भी है लेकिन नाम सही टाइप नहीं किया गया।
प्रेरणा जी गूगल टूल की मदद से टाइप करती हैं।
इस बार हमारा नेट बहुत प्रॉब्लम कर रहा था और मॉनीटर भी। सो कल एक एलईडी मॉनीटर कल मंगाया।
आज सुबह नेट ने कुछ मेहरबानी की तो मनोज जी का लिंक भी जोड़ दिया और आपका नाम भी दुरूस्त कर दिया।
आपने इस तरफ़ तवज्जो दिलाई इसके लिए आपका शुक्रिया।
@@ सभी सहयोगी हिंदी ब्लॉगर्स का शुक्रिया !
sunder parastuti
बहुत बढ़िया लिंक्स हैं ......आपका तहे-दिल से आभार जो मेरी रचना को स्थान दिया ..
Bahut Achche Links.... Shamil karne ka abhar
bahut achche links hain...
kaash mera bhi link yaad hota aapko...
सुन्दर आयोजन ! सभी सहयोगी हिंदी ब्लॉगर्स का शुक्रिया !
Post a Comment