वंदना गुप्ता ने मियां बीवी के ताल्लुकात खुशगवार बनाने के लिए कुछ टिप्स दिए तो श्याम गुप्ता को बुरा क्यों लगा ?
और बुरा लग भी गया तो श्याम जी भड़क क्यों गए ?
मैं तो समझ नहीं पाया .
कोई समझा हो तो वह श्याम गुप्ता को समझा दे कि समाज में सभ्यता के साथ कैसे रहा जाता है ?,
खासकर हिन्दी ब्लॉग जगत में.
बोल्ड विषय पर संभलकर बोलना चाहिए खासकर विरोध करते हुए.
लिंक देखो - http://vandana-zindagi.blogspot.in/2012/04/blog-post_02.html#comment-form_7423012858527681431
और बुरा लग भी गया तो श्याम जी भड़क क्यों गए ?
मैं तो समझ नहीं पाया .
कोई समझा हो तो वह श्याम गुप्ता को समझा दे कि समाज में सभ्यता के साथ कैसे रहा जाता है ?,
खासकर हिन्दी ब्लॉग जगत में.
बोल्ड विषय पर संभलकर बोलना चाहिए खासकर विरोध करते हुए.
लिंक देखो - http://vandana-zindagi.blogspot.in/2012/04/blog-post_02.html#comment-form_7423012858527681431
3 comments:
आपकी सलाह माने जाने के लायक़ है।
स्वागतम .
सहमत ,एक अति की ओर चले गएँ हैं श्याम गुप्ता जी .हमने गुफत -गु पढ़ी है .अब सनक का तो कोई इलाज़ नहीं है भले साइकियेट्री में कोई एक दर्जन दवाएं एंटी -ओब्सेसिव हैं .
sir, post hata di gyi h..
mei kya kahi se cmmnt pad sakta hu?
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