क्या भाजपा यह रियालाइज़ कर पायेगी कि दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल जी को ख़ुद भाजपा ने ही जिताया है. कैसे? अरविन्द केजरीवाल जी को मुसलमानों ने एकमुश्त वोट डाला, जिसकी वजह से वह ऐतिहासिक जीत हासिल कर सके. मुसलमानों को ऐसी वोटिंग करने के लिए मजबूर किया आगरा में मुसलमानों का धर्मान्तरण करवाने और हिन्दुत्वियों की बयानबाज़ी ने. भाजपा के केन्द्र में आते ही वे दावे कर रहे थे कि सन 2021 तक भारत के सब लोगों को हिन्दू बना लिया जाएगा. लिहाज़ा जिसे मुस्लिम ही रहना पसन्द था उसके लिये अरविन्द को जिताना उसकी मजबूरी बना दिया ताकि भाजपा की जीत पर और हिन्दुत्वियों की जीभ पर विराम लग सके ...और तुरंत ही लग भी गया है. अपना दांव उल्टा पड गया है. अब आगे आगे देखिये कि अति उत्साही और अदूरदर्शी ह़िन्दुतवी भाजपा के लिये क्या करते है? फिलहाल तो केजरीवाल जी को गुजरात में मिलने का समय न देने वाले मोदी जी को हमने आज के अखबार में साथ साथ बैठे बतियाते देखा है, बहुत बढिया मुद्रा में. मालिक सबका भला करता है और सबके प्रयास का फल अवश्य देता है.
ओरिजिनल कारण केजरी की जीत का और केसरी की हार का
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1 comments:
Sahi hai... मालिक सबका भला करता है.. ;)
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