आम तौर पर लोग टाइपिंग के माहिर नहीं होते। ऐसे में उनके लिए ऐसे टूल बहुत फ़ायदेमंद हैं जो कि ट्रांसलिट्रेशन की सुविधा देते हैं। आप रोमन में लिख कर जैसे ही स्पेस देंगे तो यह टूल आपके लिखे हुए शब्द को हिंदी में बदल देगा और आप इसे कॉपी करके कहीं भी पेस्ट कर सकते हैं।
- इस तरह की सुविधा ब्लॉगर डॉट कॉम भी देता है और जहां पोस्ट लिखने की जगह है ठीक वहीं कोने में ऊपर इसका एक बटन भी ब्लॉगर को नज़र आता है। यह बटन ‘अ‘ का चिन्ह है। इस पर क्लिक करके आप रोमन में टाइप करना शुरू कीजिए और आपका लिखा हुआ ख़ुद ब ख़ुद हिंदी में बदलता चला जाएगा।
- नीचे दिए गए लिंक पर भी यही सुविधा आपको मिलेगी। इस लिंक को आप अपने ब्लॉग में भी लगा सकते हैं और ज़रूरत के वक्त आप उस पर क्लिक करेंगे तो आपके सामने एक बॉक्स खुल जाएगा, जिसमें आप टाइप कर सकते हैं।
- आपकी सुविधा के लिए यह लिंक ‘हिंदी ब्लॉगिंग गाइड‘ के साइड में भी लगा दिया गया है। जब भी आप ऑनलाइन हिंदी लिखना चाहें तो इस लिंक पर क्लिक कीजिए और मज़े से हिंदी लिखिए।
- गूगल आईएमई ट्रांसलिट्रेशन टूल ऑनलाइन और ऑफ़लाइन दोनों तरह काम देता है। यह ऑनलाइन अच्छा काम करता है और ऑफ़लाइन उतना अच्छा काम नहीं करता। इसके बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए आप निम्न लिंक पर जाएं
- इस लिंक से इसे डाउनलोड किया जा सकता है
- इसे इंस्टॉल करना थोड़ा सा मुश्किल है।
- माइक्रोसॉफ़्ट का आईएमई टूल भी इंस्टॉल करने में परेशानी होती है लेकिन यह भी काम अच्छा करता है।इस लिंक पर जाकर आप इसे इंस्टाल कर सकते हैं-
- यह भी ऑनलाइन ही ज़्यादा अच्छा काम करता है।
4 comments:
आपने यह जानकारी देकर नए ब्लौगरों को परेशानी से बचा लिया है. मैं ट्रांस लिटरेशन की सही जानकारी नहीं होने के कारण छः महीने तक अपने ब्लॉग पर कुछ पोस्ट नहीं कर पाया था. हाल तक गूगल ट्रांसलेट के जरिये पोस्ट तैयार करता था. कुछ ही दिनों पहले 'अ' को क्लिक कर लिखना शुरू किया. हिंदी में टिप्पणियों के लिए अभी भी गूगल ट्रांसलेट का ही सहारा लेता हूँ. इस अनुभव को ब्लौगिंग गाइड में शेयर करना चाहूंगा.
@ आदरणीय देवेन्द्र जी ! बिल्कुल कीजिए बहुत अच्छा रहेगा । आप दो चार वाक्य इस लेख के बारे में भी डाल दीजिएगा ताकि आपके लेख में इसका लिंक देकर नए लोगों को समस्या से बचाया जा सके ।
धन्यवाद !
नये ब्लॉगरों के लिए बहुत उपयोगी जानकारी है यह!
यह आलेख उन लेखकों हेतु है, जोकि हिंदी की देवनागरी लिपि का टंकण नहीं जानते, किंतु हिंदी में लिखना चाहते हैं। इस प्रकार की प्रौद्योगिकी हिंदी टंकण कला के ज्ञान को अवांछित बना देती है। मेरे मतानुसार सर्वप्रथम हिंदी लेखकों को हिंदी टंकण कला का ज्ञानार्जन करना चाहिए। हिंदी विद्वानों, प्रेमियों तथा भाषियों की लापरवाही के कारण ही आज हिंदी कुंजीपटल में अराजकता की स्थिति है। पूर्ववर्ती हिंदी टंकक हिंदी कंप्यूटर परिचालक स्वरूप प्रोन्नत नहीं हो पाए। भारत सरकार ने इनस्क्रिप्ट कुंजीपटल को पूर्वप्रचलित रेमिंग्टन कुंजीपटल के स्थान पर मानक घोषित कर दिया। नया किसी ने सीखा नहीं, पुराना टंककों ने कंप्यूटर नहीं सीखा। आज इस प्रकार आलेख में सुझाए गए तरीकों से गुजारा चलाया जा रहा है।
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