दोस्तो ! प्रेरणा अर्गल जी कुछ दिनों के लिए टूर पर हैं। आज आप सभी का इस्तक़बाल हम अकेले ही करेंगे। हमारे सद्र जनाब रूपचंद शास्त्री मयंक जी का और आप सभी हिंदी ब्लॉगर्स का हम तहे दिल से इस्तक़बाल करते हैं और पेश हैं कुछ दरयाफ़्त जो ख़ास आपके लिए जमा की गई हैं। ब्लॉगर्स मीट वीकली (15)
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मित्रों!
आज एक पुरानी रचना को
आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ!
प्रियतम जब तुम आओगे तो, संग बहारें लाओगे।
स्नेहिल रस बरसाओगे और
रंग फुहारें लाओगे।।
-महेंद्र श्रीवास्तव
टीम अन्ना निगेटिव राजनीति कर रही है,... अफसर पठान
अपना आलेख 15 नवम्बर तक निम्न पते पर भेज सकते हैं।या फिर ई-मेल कीजिए!----- आई वर्ल्ड पत्रिका, सैनिक चेम्बर, जानकी प्लाजा, जानकीपुरम, लखनउ-21 उत्तर प्रदेश फोन- 0522-39191100 eyeworldpatrika@gmail....
अख्तर खान अकेला
रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा"
Dr. Ayaz Ahmad
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यह सच है कि हैदर अली, टीपू सुल्तान, बहादुर शाह ज़फ़र, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, मौलाना आज़ाद, सरहदी गांधी खान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान और कर्नल शाहनवाज़ जैसे बहुत से लोगों ने आज़ादी की लड़ाई लड़ी और ये सब मांसाहारी थे। आज़ादी की हिफ़ाज़त की ख़ातिर आज भी हमारे जो जांबांज़ लोग सरहदों पर खड़े हैं, उनमें भी अधिकतर मांसाहारी ही हैं।
दिलबाग विर्क
DR. ANWER JAMAL
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दीपावली का पर्व हमारे हिंदू भाईयों का एक ऐसा पर्व है जिसे कि देश के हरेक क्षेत्र में मनाया जाता है। यह रौशनियों का पर्व है और इस मौक़े पर वे अपनी ख़ुशियों में अकेले नहीं होते बल्कि भारत में रहने वाले सभी समुदायों के लोग उनकी ख़ुशी में शरीक होते हैं।
अफसर पठान
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कविता के लिए भावना और हृदय की पूंजी जरूरी नागरी प्रचारिणी सभा वारणसी के पं0 सुधाकर पांडेय स्मृति कक्ष में आयोजित संगोष्ठि में ’दर्द की है गीत सीता’ काव्यपुस्तक का लोकार्पण करते हुए काशी हिन्दु विश्वविद्यालय के...
DR. ANWER JAMAL
इस दिवाली भी यह सवाल खड़ा होगा कि क्या पटाखे चलाए जाएं या पर्यावरण का खयाल करके सिर्फ दीये जलाकर दिवाली मनाई जाए ?
पत्रकार-अख्तर खान "अकेला"
DR. ANWER JAMAL
ब्लॉगर्स मीट वीकली (14) ---
मेरे पास वो अदा से आयी न क्या हुआ है?
मेरी बोल उसके मन को भायी न क्या हुआ है?
री अजन्ते दूर अब तुझसे चला मैं, 
Sushma 'आहुति'
अब की दिवाली कुछ ऐसे मनाऊंगी
अँधेरा रहे न किसी की जिन्दगी में...
वो दिया मैं खुद बन जाऊंगी,
अब के दिवाली ऐसी मनाऊंगी...
जय हनुमंत अमंगलहारी
प्रभु तेरी सेना बड़ी दुखकारीI
नित मेरी बगिया में उत्पात मचावें
फिर मुझको ही अंगूठा दिखावें I
गाजर ,मूली ,भिन्डी सब खाई
खीरे और कद्दू कि तो कर दी सफाई I
नहीं खाते यह सोच अदरख भी लगाईं
इन मुओं ने कहावत भी झुठलाई I
हे प्रभु, देश इनके हाथ में न देना...वरना ऐसी तोड़ फोड़ रथ तो बर्दाश्त कर गया, गैरेज में रफू लग कर जुड़ भी गया किसी तरह मगर देश तो गैरेज में रिपेयर नहीं होता..उसका क्या होगा???
जब खाने के लिए प्रकृति ने भाँती-भाँती की वनस्पतियाँ, फल और अनाज उपलब्ध करा दिए हों तो हिंसक पशुओं के समान 'लाश' के टुकड़े खाने की क्या आवश्यकता है ? कम से कम उन पशुओं से ही कुछ सीखिए जिनके मृत शवों को आप.............
छठी
ZEAL: 'लाश' खाने के शौक़ीन हैं आप ?
कायस्थों में मांसाहार प्रचलित है, कुछ नहीं भी खाते होंगे जैसे कि डा. दिव्या नहीं खातीं लेकिन उन्होंने मांसाहारियों को राक्षस और दरिंदा घोषित कर दिया और इस सिलसिले में उन्होंने राष्ट्रभक्तों तक को नहीं बख्शा।
साधारण सी दिखने वाली इस क्रिया का प्रभाव सम्पूर्ण शरीर पर पड़ता है | यदि यह कहा जाय कि “कटि स्नान प्राकृतिक चिकित्सा की संजीवनी बूटी है |” तो अतिशयोक्ति नही होगा |
धरती एक राज्य है और इस धरती पर आबाद मनुष्य एक विशाल परिवार हैं।
राजनीतिक सीमाएं आर्टीफ़ीशियल हैं। यही वजह है कि ये हमेशा बदलती रहती हैं।
विनाश के मार्ग को पसंद करने वाले आजकल बुद्धिजीवी माने जाते हैं।
मानव जाति को बांटने वाले और विनाशकारी हथियार बनाने वाले भी यही बुद्धिजीवी हैं।
मानव जाति की एकता और राजनैतिक सीमाओं के बिना एक धरती पर केवल एक राज्य इनकी कल्पना से न जाने क्यों सदा परे ही रहता है ?
जो कि मानव जाति की सारी समस्याओं का सच्चा समाधान है।
13 comments:
हमेशा की तरह इस बार भी बेहतरीन एवं चुनिन्दा लिंक्स से सजी है यह खूबसूरत वीकली मीट ! मेरे आलेख को इसमें शामिल किया ! आभारी हूँ ! धन्यवाद !
बेहतरीन ||
आभार---
छठ पर्व की शुभकामनाएं ||
श्री शास्त्री जी रचना भले ही पुरानी हो, लेकिन आज भी उसमें वही सुगंध बरकरार है।
वीकली मीट पहले से मेरा पसंदीदा रहा है, इसकी तारीफ जितनी हो कम है।
हमेशा की तरह कुछ नए पुराने लिंक्स की बहार ले के आई है आज फिर अपनी ब्लोगर्स मीट वीकली...
जैसे पूरब से आई पुरवाई पश्चिम को भी महकाने चली...
बहुत सुंदर लिंक्स ... आभार !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति, हमारा भी लिंक है यहां शुक्रिया।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति, हमारा भी लिंक है यहां शुक्रिया।
mazedaar post.
अच्छा लगा पढ़ कर...
आप सभी ब्लॉगर भाई बहनों का बहुत बहुत शुक्रिया !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
ब्लॉगर मीट वीकली-15 में स्थान पाए सभी ब्लॉगर मित्रों को पर्वों की श्रृंखला में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धनपूजा, भइयादूज और छठपूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ!
बेहतरीन
आभार
बढ़िया लिंक्स के लिए शुक्रिया.
डॉ.साहब मैं वापस आ गई हूँ / आपको बहुत बधाई देती हूँ की आपने मेरी अनुपस्तिथि में इतने अच्छे ढंग से ब्लोगर्स मीट वीकली के मंच का अकेले ही संचालन किया /और बहुत ही अच्छे लिनक्स से सजाया /आपका बहुत धन्यवाद /
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