आ ग़ैरियत के पर्दे इक बार फिर उठा दें
बिछड़ों को फिर मिला दें, नक्शे दूई मिटा दें
सूनी पड़ी है मुद्दत से दिल की बस्ती
आ इक नया शिवाला इस देस में बना दें
दुनिया के तीरथों से ऊंचा हो अपना तीरथ
दामाने आसमां से इसका कलस मिला दें
हर सुब्ह उठके गाएं मन्तर वो मीठे मीठे
सारे पुजारियों को ‘मै‘ पीत की पिला दें
शक्ति भी शांति भी भक्तों के गीत में है
धरती के बासियों की मुक्ति प्रीत में है
Please see
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/11/father-manu-anwer-jamal_25.html
हम सब मनु की संतान हैं । हम सब एक परिवार हैं । हिंदी भाषा के कारण हमारे दरमियान प्यार की एक वजह भी दूसरों की अपेक्षा अधिक ही है और हक़ीक़त यह है कि हम आपस में प्यार करते भी हैं । यही वजह है कि राजनैतिक वर्चस्व के लिए लड़ने वालों ने अपने स्वार्थ के लिए धर्म-मत , जाति , संप्रदाय और भाषा-क्षेत्र के आधार पर हमेशा मानव जाति को बाँटा और एक को दूसरे से काटा लेकिन मनु के परिवार का मुखिया स्वयं ईश्वर है । उसने विज्ञान को उन्नति देकर तमाम राजनैतिक सरहदों को आज हमारे लिए बेमानी और व्यर्थ बना दिया है ।
अब योग का दौर आ चुका है । बंदा बंदे से जुड़े बिना रब को नहीं पा सकता । माँ , बाप , गुरू , अतिथि , जीवन साथी और पड़ौसी , बहुत से रूप और रिश्तों में हमारे चारों तरफ़ मालिक की अद्भुत रचनाएं मौजूद हैं । हम इन सबसे बहुत कुछ पाते हैं और देते भी हैं । इंटरनेट की सुविधा ने इस लेन देन को और भी ज़्यादा आसान और व्यापक बना दिया है।
ईश्वर की इस अनमोल कृपा और वरदान का लाभ उठाते हुए सभी हिंदी ब्लागर्स को यह कोशिश करनी चाहिए कि पूरे विश्व को यह बोध हो जाए कि वे मनु की संतान हैं इसीलिए वे Man या मनुष्य कहलाते हैं ।
...और सबसे पहले यह बोध हम हिंदी ब्लागर्स में आना चाहिए ।
पूरे विश्व मानव परिवार में शांति और समृद्धि आने का अब यही एकमात्र उपाय है।
नियम
हरेक हिंदी ब्लागर इसका सदस्य बन सकता है और भारतीय संविधान के खिलाफ न जाने वाली हर बात लिख सकता है ।
किसी भी विचारधारा के प्रति प्रश्न कर सकता है बिना उसका और उसके अनुयायियों का मज़ाक़ उड़ाये ।
मूर्खादि कहकर किसी को अपमानित करने का कोई औचित्य नहीं है ।
जो कोई करना चाहे केवल विचारधारा की समीक्षा करे कि वह मानव जाति के लिए वर्तमान में कितनी लाभकारी है ?
हरेक आदमी अपने मत को सामने ला सकता है ताकि विश्व भर के लोग जान सकें कि वह मत उनके लिए कितना हितकर है ?
इसी के साथ यह भी एक स्थापित सत्य है कि विश्व भर में औरत आज भी तरह तरह के जुल्म का शिकार है । अपने अधिकार के लिए वह आवाज़ उठा भी रही है लेकिन उसके अधिकार जो दबाए बैठा है वह पुरुष वर्ग है । औरत मर्द की माँ भी है और बहन और बेटी भी । इस फ़ोरम के सदस्य उनके साथ विशेष शालीनता बरतें , यहाँ पर भी और यहाँ से हटकर भी । औरत का सम्मान करना उसका अधिकार भी है और हमारी परंपरा भी । जैसे आप अपने परिवार में रहते हैं ऐसे ही आप यहाँ रहें और कहें हर वह बात जिसे आप सत्य और कल्याणकारी समझते हैं सबके लिए ।
इस फ़ोरम का सदस्य बनकर भारत को विश्व गुरू बनाइये , दुनिया को बताइये कि न्याय और शांति की स्थापना में भारत महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है Hindi Bloggers can do much better.
Posted on Tuesday, February 15, 2011 by DR. ANWER JAMAL in
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4 comments:
आप सभी भाइयों और बहनों का हार्दिक स्वागत है ।
qaanun qaayde shi bnaaye hen khudaa ise vihv men pehlaa or kaamyaab bnayae or jmaal bhaia ka jmaal qaaym ho ske aamin . akhtar khan akela kota rajsthan
अख़्तर ख़ान साहब ! भारतीय चिंतन के विविध आयामों और मानवीय संवेदनाओं के तमाम पहलुओं को सामने लाना और उसके लाभ हानि पर चर्चा करना ही इस ब्लाग का मक़सद है ।
आपका साथ आना अच्छा लगा । साइड में आप लोगों के ब्लाग्स का भी लिंक लगाया जाएगा ।
इंशा अल्लाह !
आदरणीय सर,
आपकी मेल के सन्दर्भ में आप को अपने ब्लॉग का लिंक दे रहा हूँ -
http://jomeramankahe.blogspot.com
बहुत जल्द इस ब्लॉग पर भी कुछ लिखने का प्रयास करूँगा.
सादर
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