एक अहम मज़मून आप देख सकते हैं यहाँ
एकजुट हो जाओ इससे पहले कि जलकर ख़ाक हो जाओ
Posted on Wednesday, March 30, 2011 by HAKEEM YUNUS KHAN in
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'एकजुट',
समाचार'
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2 comments:
sahi kaha !
Nice post.
स्वार्थ में अंधे होकर दूसरों का अधिकार छीनना, अविश्वास, निन्दा, घृणा आदि भावनाओं से भरा जीवन जीना नरक के समान माना गया है।
ऋषि-मुनि इस विषय पर हमें सतर्क करते हैं कि जो अज्ञानतावश इस प्रकार के जीवन को अपना लेते हैं, वे न केवल इस लोक में दुखी रहते हैं, बल्कि परलोक में भी उन्हें सुख -शांति की तलाश में भटकना पडता है। जब हमारा व्यक्तित्व निर्मल और निर्दोष होगा, तभी आध्यात्मिक भाव की सिद्धि सरलता से प्राप्त हो सकेगी।
http://hbfint.blogspot.com/2011/03/blog-post_4872.html
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