जी हाँ दोस्तों देश में मिलावट युक्त खाध्य सामग्री से जनता को बचाने के मामले में जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रख कर खाद्ध अपमिश्रण अधिनियम को व्यापारियों के दबाव में ठंडे बस्ते में डालने के बाद अब नये निर्मित कानून खाध्य सुरक्षा और मानक अधिनियम अब तक लागू नहीं को भी अब तक लागू नहीं किया गया है नतीजन जनता परेशान है और व्यापारी मद मस्त होकर जनता को लुट रहे हैं ................देश में वर्ष २००६ में तय्यार इस कानून पर जब राष्ट्रपति की मुहर लगी तो इसे कोई लागू करने वाला नहीं था लेकिन जनता के दबाव में अगस्त २००८ में इसे लागु किया गया ..कहने को तो इस कानून में मिलावट करने वालों को सख्त सजा देने का प्रावधान हैं .विशेष नियम बनाये गए है लेकिन इसकी रोकथाम के लियें जो समितियों के गठन का प्रावधान है उन्हें अब तक लागू नहीं किया गया है .राष्ट्रिय और राज्य स्तर पर अब तक कोई कमेटियों का गठन नहीं किया आज्ञा हैं ..अब तक खाध्य सुरक्षा आयुक्तों की घोषणा नहीं की गयी है सलाहकार समितियों का अग्थान नहीं किया गया है ....डेज़िग्नेटेड अधिकारीयों की नियुक्तियां नहीं की गयी है राजस्थान में शुद्ध के लियें युद्ध का नाटक हुआ लेकिन अब तक इस नये कानून के तहत ना तो कोई मुकदमा दर्ज हुआ और ना ही कोई कार्यवाही हुई है ..इस नए कानून में स्तर हीन सामान होने पर ५लाख जुर्माने की सजा है जबकि मिथ्या छाप वाला खाद्य पदार्थ विक्रय करने पर तीन लाख रूपये जुर्माना है ..भ्रामक विज्ञापन देने और मिलावट युक्त सामग्री बेचने पर दस लाख रूपये का जुर्मानाहै इस तरह से कई मामलों में म्रत्यु दंड तक का प्रावधान है अब इस कानून को लागू करने के बाद भी विधि नियम के अनुसार देश और राज्यों में इसकी क्रियान्विति के लियें समितियों और आयुक्तों का गठन नहीं करना यही दर्शाता है के सरकार व्यापारियों के आगे नत मस्तक है और जनता को मिलावट युक्त भ्रामक विज्ञापनों के माध्यम से बेचे जाने वाले सामानों से होने वाले नुकसान के प्रति सरकार गम्भीर नहीं है .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
1 comments:
bahut saarthak lekh.har saal milavati wastuon ke karan logon ki jaan chali jaati hai.uske baad bhi sarkaar so rahi hai.kya kahen.badhaai aapko aek saarthak mudde per lekh likhane ke liye.
please visit my blog.thanks.
Post a Comment