आजकल पूरे देश में अनशन का चकाचक माहौल चल रहा है। पर उचित मार्गदर्शन न मिले, तो अनशनिए फंस सकते हैं, सो जगत प्रसिद्ध स्वामी कपटानंद जी ने अनशनकारियों को कुछ अमूल्य सुझाव दिए हैं। इनका पालन करें और लाभ उठाएं।
सबसे जरूरी है अनशन का मुद्दा। इसी से किसी अनशन का माहौल बनता या बिगड़ता है। आजकल भ्रष्टाचार और काले धन वाले मुद्दे बड़े हिट हैं। सो इन्हें ही लपकना चाहिए। गंगा सफाई टाइप के मुद्दे पर अनशन करने की भूल न करें। इससे लोकप्रियता तो मिलने से रही, ऊपर से प्राण भी गंवाने पड़ सकते हैं।
अनशन स्थल का पंडाल चकाचक होना चाहिए। आजकल तमाम टेंट कंपनियां इस तरह के पंडाल बना रही हैं, जिसमें एसी वगैरह लगे रहते हैं, इससे अनशन कष्टकारी नहीं होगा। अनशन का मंच बहुत ऊंचा न बनवाएं, ऊपर से कूदने में दिक्कत हो सकती है। अनशन से पूर्व ऊंची कूद, लंबी कूद और भागदौड़ टाइप की गतिविधियों का पर्याप्त अभ्यास कर लें। अनशन तुड़वाने के लिए सरकार की प्रतीक्षा कदापि न करें। सरकारी टाल-मटोल से समस्या हो सकती है। जब तक सरकारी अमला सक्रिय होगा, तब तक तेरही का दिन आ जाएगा। आजकल मार्केट में तमाम बिचौलिए घूम रहे हैं, जो पूरे तामझाम के साथ निवेदन करके अनशन तुड़वाते हैं। इन बिचौलियों के निरंतर संपर्क में रहें। सरकार से कोई गुप्त समझौता करें, तो उसका पालन करें, वरना सरकार पोल खोल सकती है। पेटू और चटोरे टाइप के लोग क्रमिक अनशन करें। उसमें बहुत लफड़ा नहीं होता। यदि आमरण अनशन करना अपरिहार्य ही हो जाए, तो कुछ ऐसी सेटिंग करें कि रात में चुपके-से कुछ भोज्य पदार्थ आपके शयन कक्ष में पहुंच जाए। पर सतर्क रहें, यह स्टिंग का जमाना है। अनशन के समय पर्याप्त संख्या में महिला समर्थकों को जरूर जुटा लें। इससे मामला बड़ा फोटोजेनिक हो जाता है, जिससे मीडिया में पर्याप्त महत्व मिलता है। इसके अलावा उनके चक्कर में भीड़ इकट्ठी होती है। अपने साथ सदा एक सलवार-कमीज अवश्य रखें, भागते समय सतर्क रहें, वरना बिला वजह छेड़ दिए जाएंगे। इन उपायों का पालन करेंगे, तो अनशन अवश्य हिट होगा।
अनशन स्थल का पंडाल चकाचक होना चाहिए। आजकल तमाम टेंट कंपनियां इस तरह के पंडाल बना रही हैं, जिसमें एसी वगैरह लगे रहते हैं, इससे अनशन कष्टकारी नहीं होगा। अनशन का मंच बहुत ऊंचा न बनवाएं, ऊपर से कूदने में दिक्कत हो सकती है। अनशन से पूर्व ऊंची कूद, लंबी कूद और भागदौड़ टाइप की गतिविधियों का पर्याप्त अभ्यास कर लें। अनशन तुड़वाने के लिए सरकार की प्रतीक्षा कदापि न करें। सरकारी टाल-मटोल से समस्या हो सकती है। जब तक सरकारी अमला सक्रिय होगा, तब तक तेरही का दिन आ जाएगा। आजकल मार्केट में तमाम बिचौलिए घूम रहे हैं, जो पूरे तामझाम के साथ निवेदन करके अनशन तुड़वाते हैं। इन बिचौलियों के निरंतर संपर्क में रहें। सरकार से कोई गुप्त समझौता करें, तो उसका पालन करें, वरना सरकार पोल खोल सकती है। पेटू और चटोरे टाइप के लोग क्रमिक अनशन करें। उसमें बहुत लफड़ा नहीं होता। यदि आमरण अनशन करना अपरिहार्य ही हो जाए, तो कुछ ऐसी सेटिंग करें कि रात में चुपके-से कुछ भोज्य पदार्थ आपके शयन कक्ष में पहुंच जाए। पर सतर्क रहें, यह स्टिंग का जमाना है। अनशन के समय पर्याप्त संख्या में महिला समर्थकों को जरूर जुटा लें। इससे मामला बड़ा फोटोजेनिक हो जाता है, जिससे मीडिया में पर्याप्त महत्व मिलता है। इसके अलावा उनके चक्कर में भीड़ इकट्ठी होती है। अपने साथ सदा एक सलवार-कमीज अवश्य रखें, भागते समय सतर्क रहें, वरना बिला वजह छेड़ दिए जाएंगे। इन उपायों का पालन करेंगे, तो अनशन अवश्य हिट होगा।
4 comments:
bahut achcha byang anshankariyon per.bahut achcha lekh.badhaai aapko.
सुझाव अच्छे हैं. सचमुच अनशन करना कोई बच्चों का खेल नहीं है. समस्या यह है कि इसकी विधिवत प्रशिक्षण की भी कोई व्यवस्था नहीं है. आपने जो टिप्स दिए वह हैं तो लाख टके के लेकिन एक कामयाब अनशनकारी बनने के लिए तो इसका सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान जरूरी है वरना 'जुनूं में उठे विश्व तक दौड़ आयें...मगर कद में पहले से कम हो गए' वाली हालत हो जाती है. समाज के जागरूक लोगों को इसपर निरंतर विचार करना चाहिए और शिक्षाविदों को इसका बजाप्ता पाठ्यक्रम तैयार करना चाहिए. इसके बाद का काम शिक्षा माफियाओं पर छोड़ देना चाहिए. वे अपना काम भली-भांति जानते हैं.
क्या बात! बहुत ही नायाब नुस्खे हैं जना्ब।
मुझे ये बताते हुए बहुत ख़ुशी हो रही है की हिंदी ब्लॉगर वीकली{१} की पहली चर्चा की आज शुरुवात हिंदी ब्लॉगर फोरम international के मंच पर हो गई है/ आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज सोमवार को इस मंच पर की गई है /इस मंच पर आपका हार्दिक स्वागत है /आइये और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/इस मंच का लिंक नीचे लगाया है /आभार /
www.hbfint.blogspot.com
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