इंटरनेट के नशे से बचें Hindi Blogging Guide (35)

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  • Tuesday, October 4, 2011
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  • DR. ANWER JAMAL
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  • एक प्रतीकात्मक चित्र मंच की और से 
    अगर आपको लगता है कि आप इंटरनेट के नशे में फंसते जा रहे हैं तो उससे बचने के लिए बताई जा रही विधियों को अपनाएं। श्वेता तनेजा बता रही हैं कुछ नुस्खे :
    दुनिया इंटरनेट के सूत्र में बंध चुकी है। यहां तक कि आज हम में से अधिकांश लोग छुट्टी के दिन भी इंटरनेट या फोन के बिना अधूरा महसूस करते हैं। सोशल मीडिया प्रोफेशनल और स्वघोषित ‘ट्विटर नशेड़ी’ हरीश थोटा कहते हैं, ‘हाइकिंग के दौरान जब मैं खुद को ऑनलाइन दुनिया से दूर कर लेता हूं तो अकेला महसूस करने लगता हूं। मुझे लगता है कि यात्रा के कई अनुभव मैं मित्रों के साथ शेयर करना चाहता हूं। वैसे भी मैं अपना अधिकांश समय ऑनलाइन काम करके बिताता हूं।’ हरीश प्रतिदिन 8-9 घंटे सोशल नेटवर्किग साइट्स और चैटिंग में बिताते हैं और 3-4 घंटे ईमेल करने में।
    अमेरिका में 2010 में यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के इंटरनेशनल सेंटर फॉर मीडिया एंड द पब्लिक एजेंडा ने ‘ए डे विदाउट मीडिया’ नामक अध्ययन किया था। अध्ययन में 200 विद्यार्थियों को 24 घंटे के लिए हरेक मीडिया के इस्तेमाल से दूर रहने को कहा गया था। उसके बाद उन्हें ब्लॉग पर अपने अनुभव लिखने को कहा गया। एक विद्यार्थी ने लिखा, ‘हालांकि दिन की शुरुआत अच्छी रही थी, लेकिन मुझे लगा कि दोपहर से मेरा मूड बदलने लगा था। मैं अकेला और कटा हुआ महसूस करने लगा। ऐसे कई फोन आए, जिनका जवाब मुझे देने की मनाही थी। दोपहर दो बजे मुझे अपनी मेल चैक करने की जरूरत बेहद महसूस होने लगी और साथ ही ऐसा क्यों हो रहा है, से जुड़े लाखों कारण भी मेरे दिमाग में घूमने लगे थे। मैं एक ऐसे व्यक्ति-सा महसूस कर रहा था, जो किसी निजर्न टापू पर फंसा हो.. मुझे अपने भीतर बेचैनी महसूस हुई, क्योंकि मैं आइपॉड और अन्य मीडिया से गहरे से जुड़ा था, शायद इसीलिए।’ मूलचंद अस्पताल के मनोवैज्ञानिक सलाहकार जितेंद्र नागपाल कहते हैं, ‘आज अधिकांश युवा सेलफोन या ऑनलाइन वर्ल्ड के बिना जीवन की बात सोच भी नहीं सकते। वह कनेक्टिविटी टूटने से व्याकुल महसूस करने लगते हैं, चाहे वह बैटरी कम होने के कारण हो या ऐसे क्षेत्र में होने के कारण जहां सिगनल नहीं पहुंचते या पैसे की कमी से।’ मनोवैज्ञानिकों ने इस स्थिति को नाम दिया है इंटरनेट एडिक्शन डिसॉर्डर (आईएडी) का। वर्ल्ड वाइड वेब का नशा एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। अपने चारों ओर आपको ऐसे संकेत मिलेंगे : एक बेचैन सहकर्मी, जिसे लगातार ट्वीट करने की आदत है, डिनर डेट पर गया एक मित्र, जो फेसबुक पर रिफ्रैश बटन दबाता दिखता है या आपको पता चलता है कि दोपहर में जब आप ब्राउजिंग करने बैठे थे, तब से
    समय ऐसा बीता कि अंधेरा घिर आया और अभी तक आपका काफी काम बाकी पड़ा है। कई बार जरूरी काम के समय व्यर्थ की ब्राउजिंग के कारण भी देर तक काम करना पड़ जाता है। सर्फिग के बाद कई लोगों के हाथों में फोन आ जाता है। तो यदि आप इस ऑनलाइन ‘बीमारी’ से निजात न पा रहे हों तो इन उपायों को अपनाएं : समय बर्बाद करने वाले कारण जानें
    अनुभव बताता है कि फेसबुक पर दो मिनट का ब्रेक भी घंटों ले लेता है। हम सबकी पसंद की ऐसी वेबसाइटें हैं, जिन पर हम समय व्यर्थ करना पसंद करते हैं।
    इसे आजमाएं : सेल्फ कंट्रोल (http//:visitsteve.com/made/selfcontrol) एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जो आपको सोशल नेटवर्किग साइट्स की आदत से निजात दिलाता है। इस सॉफ्टवेयर को लोड करें और किसी भी ऐसे डोमेन का नाम उसकी ब्लैकलिस्ट में डाल दें। इसके बाद टाइमर ऑन करके सॉफ्टवेयर को सूचित करें कि दिन में कितनी बार आप वह साइट कब इस्तेमाल करना चाहते हैं। इस्तेमाल के बाद वह आपके ब्राउजर से उस दिन के शेष समय के लिए ब्लॉक रहेगी। सैल्फकंट्रोल एप्लीकेशन को तभी इस्तेमाल करें, जब आपने मन बना लिया हो। एप्लीकेशन को डिलीट करना या कंप्यूटर रीबूट करने से वह साइट अनब्लॉक नहीं होगी।  
    अनप्लग करें
    कुछ समय पहले तक इंटरनेट नहीं था। लोगों के पास अपनी जरूरत की सामग्री को सर्च करने के लिए गूगल सर्च नहीं था। इसलिए हम जानते हैं कि डिस्कनेक्ट करना संभव है। माह में एक सप्ताह के लिए नेट डिस्कनेक्ट करने की कसम खाएं।
    इसे आजमाएं: अपना विचार पुख्ता करने से पूर्व सब्बाथ मैनिफेस्टो (www.sabbathmanifesto.org) अपने स्मार्टफोन में इंस्टॉल करें। यह मुफ्त एप्लीकेशन शुरू में आपको तकनीक से एक दिन दूर रहने को प्रेरित करती है। फिर यह आपको ऑफलाइन रहने के समय को चुनने की छूट देती है। इसमें ट्विटर या फेसबुक के जरिए संदेश जाता है कि आप कुछ समय के लिए संपर्क में नहीं रहेंगे। यह मुफ्त एप्लीकेशन आइफोन, एंड्रॉयड और ब्लैकबेरी पर काम करती है।
    डिस्ट्रैक्शन करें दूर
    खाते समय किसी प्रेजेंटेशन पर काम करना दरअसल समय बचाने का एक गलत तरीका है। इसकी बजाय एक टाइम मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें, जो आपको ऑनलाइन समय बचाने में सहायक हो, ताकि आप लंच ब्रेक ले सकें, सहकर्मियों के साथ बाहर जा सकें, हल्की-फुल्की गप्प कर के ताजादम होकर वापस आ सकें।
    इसे आजमाएं: रेस्क्यू टाइम (www.rescuetime.com) एक वेब बेस्ड टाइम मैनेजमेंट एवं एनालैटिक्स टूल है, जो उत्पादकता बढ़ाता है। यह आपके बताए समय के दौरान उन वेबसाइटों को ब्लॉक करता है, जिन पर आपका समय व्यर्थ होता है। साथ ही आपके डेस्कटॉप पर मौजूद उन डॉक्यूमेंट्स, वेबसाइट्स या एप्लीकेशंस की ओर भी ध्यान दिलाता है, जो अधिकाधिक इस्तेमाल होते हैं। यह तीन वजर्न्स में आता है: सोलो लाइट, जो बेसिक फीचर्स मुफ्त है, सोलो प्रो, जो 275-415 रुपए प्रतिमाह का है, और टीम एडिशन, जो कंपनियों के लिए होता है, जिसकी कीमत प्रतिमाह इस्तेमालकर्ताओं से तय होती है।
    ईमेल से रहें दूर
    ईमेल जरूरी कार्य होता है। जब भी आप अपने मेलबॉक्स में नए ईमेल आए देखते हैं तो आप अपने जरूरी कार्य से भटकते हैं। जब जरूरी कार्य में व्यस्त हों तो इस आदत पर काबू लगाने की कोशिश करें।
    इसे आजमाएं: फ्रीडम (www.macfreedom.com) एक सिम्पल प्रोडक्टिविटी एप्लीकेशन है, जो इंटरनेट को एक बार में आठ घंटे के लिए बंद कर देता है। ऑफलाइन होने पर आप अपनी रचनात्मकता का अधिक इस्तेमाल कर सकते हैं। फ्रैड स्टट्ज्मैन ने यह सॉफ्टवेयर और इसका सिस्टर-सॉफ्टवेयर एंटी-सोशल (http://anti-social.cc) बनाया था, जो सभी सोशल नेटवर्किग साइट्स को एक निश्चित समय के लिए ब्लॉक कर सकता है। सॉफ्टवेयर 15 डॉलर कीमत से एक बार के लिए डाउनलोड हो सकता है। इसका फ्री ट्रायल भी मौजूद है।
    सोशल नेटवर्क को ऑटोमेट करें
    सोशल नेटवर्क जैसे कि गूगल प्लस की आपकी जरूरत अपनी जगह है, परंतु इसका मतलब यह नहीं कि आप इसके लिए अपने ऑफलाइन जीवन को तिलांजलि दे दें। इंटरनेट में 160 से अधिक सोशल नेटवर्किग साइट्स हैं और उनमें से 1/10 पर भी यदि आप मौजूद हैं तो इसका असर आपकी ऑफलाइन लाइफ पर पड़ता है। एक साधारण सॉफ्टवेयर आपका सोशल नेटवर्क्स पर स्टेटस अपडेट करता है।
    इसे आजमाएं: आपके एकाधिक सोशल नेटवर्क अपडेट के लिए कई फोन और डेस्कटॉप एप्लीकेशंस हैं। डिग्स्बी (www.digsby.com), ट्वीटडैक (www.tweetdeck.com), सीस्मिक (http://seesmic.com) और हूटसूट (http://hootsuite.com) इस मायने में श्रेष्ठ हैं। ये सभी लगभग एक ही तरीके से कार्य करते हैं, इसलिए अपनी पसंद का सॉफ्टवेयर चुनें। यह आपके सभी सोशल नेटवर्क को कनेक्ट करके एक ही पृष्ठ पर उनका अपडेट दिखाता है, ताकि आप परिवर्तनों को देख सकें। कमेंट के लिए एक माउस क्लिक काफी है।
     Source - http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/tayaarinews/article1-story-67-67-193975.html

    1 comments:

    कुमार राधारमण said...

    अच्छे उपाय हैं, पर कोई माने तब न!

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