वंदे ईश्वरम् !
सभी ब्लॉगर्स साथियों का स्वागत है।
मोहतरमा प्रेरणा अर्गल जी दो हफ़्ते के टूर पर हैं, सो खि़दमत बस हमें ही अंजाम देनी है और नेट की स्पीड बहुत कम है।
ख़ैर सबसे पहले ‘ईसा मसीह‘ के दिन की मुबारकबाद !
महापुरूष किसी एक इलाक़े या किसी एक नस्ल के लिए ही नहीं होते।
जो सच्चा है वह सबका है।
भाई दिलबाग़ विर्क जी की कुंडलियां यही बताती हैं:
कुंड़लिया ----- दिलबाग विर्क
सभी ब्लॉगर्स साथियों का स्वागत है।
मोहतरमा प्रेरणा अर्गल जी दो हफ़्ते के टूर पर हैं, सो खि़दमत बस हमें ही अंजाम देनी है और नेट की स्पीड बहुत कम है।
ख़ैर सबसे पहले ‘ईसा मसीह‘ के दिन की मुबारकबाद !
महापुरूष किसी एक इलाक़े या किसी एक नस्ल के लिए ही नहीं होते।
जो सच्चा है वह सबका है।
भाई दिलबाग़ विर्क जी की कुंडलियां यही बताती हैं:
कुंड़लिया ----- दिलबाग विर्क
बहुरंगी ये तोहफे , बांटे सांता क्लॉज । यीशू के जन्म दिन की , याद दिलाए आज ।।याद दिलाए आज , मिली थी सच को सूली ।थी बहुत बड़ी बात, न थी घटना मामूली ।।सच कब है आसान , है तलवार ये नंगी ।पर सच से ही विर्क , बने जीवन बहुरंगी ।।
हमारी पोस्ट भी अरब-हिंद के दरम्यान प्यार की एक अजीबो-ग़रीब दलील पेश करती है।
अरब लोग केवल शून्य को ही भारत की देन नहीं मानते बल्कि वे सारे अंकों को ही भारत की देन मानते हैं इसीलिए उन्होंने गिनती के सभी अंकों को ‘हिन्दसा‘ का नाम दिया है
अजित जी ! आपकी पोस्ट 'शून्य में समृद्धि है…' निश्चय ही अच्छी है। आपने बताया है कि भारत ने शून्य की खोज की और अरबी भाषा में इसे सिफ़र कहा गया है।
और अब देखिए इस सप्ताह इस मंच पर प्रकाशित लेख |
प्रेरणा अर्गल जी |
कुंड़लिया ----- दिलबाग विर्क अफजल- कसाब से कई , ठूंसे हमने जेल । फाँसी लटकाए नहीं , देश रहा है झेल ।। देश रहा है झेल , किया खर्च करोड़ों में । पारा बनकर बैठ , ये गए हैं जोड़ों में ।। कहे विर्क कविराय , मिले ऐसा इनको फल । ... दफ्तर लगते दस बजे, औ ' आठ बजे स्कूल ।अजब नीति सरकार की , टेढ़े बहुत असूल ।टेढ़े बहुत असूल , फ़िक्र ना मासूमों की ए.सी. में बैठकर , बात हो कानूनों की ।न सुनें हैं फरियाद , न दर्द जानते अफ़सरजमीं के साथ विर्क , कब जुड़ेंगे ये दफ्तर ? भारत देश की मांओं और बहनों के नाम एक अपीलमेरी बहनों/मांओं ! क्या नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, शहीद भगत सिंह आदि किसी के भाई और बेटे नहीं थें ? क्या भारत देश में देश पर कुर्बान होने वाले लड़के/लड़कियाँ मांओं ने पैदा करने बंद कर दिए हैं ? जो भविष्य में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और झाँसी की रानी आदि बन सकें. अगर पैदा किये है तब उन्हें कहाँ अपने... मंच के बाहर की पोस्ट‘मुशायरा ब्लॉग‘ परमुझको अहसास का ऐसा घर चाहिए
जिंदगी चाहिए मुझको मानी भरी, चाहे कितनी भी हो मुख्तसर, चाहिए। जिसमें रहकर सुकूं से गुजारा करूँ मुझको अहसास का ऐसा घर चाहिए। --कन्हैयालाल नंदन |
देखिए एक बढ़िया गर्मागर्म चर्चा आत्म-हत्या: इस्लामी दृष्टिकोणइस समय पूरी दुनिया में दुर्भाग्य से आत्म-हत्या की मानसिकता बनती जा रही है। पश्चिमी देशों में सामाजिक व्यवस्था के बिखराव के कारण समय से आत्म-हत्या की मानसिकता बढ़ती जा रही है। भारत सरकार की तत्कालिन रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर एक घंटे...आगे पढ़ें... |
और इसी ब्लॉग पर एक आपतिजनक पोस्ट भी है यदा-यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भव्ति भारत:जब-जब धर्म की हानि होती है तब-तब धर्म के उत्थान और अधर्म के नाश के लिए में आता हूँ. कभी-कभी मैं सोचता हूँ की कब धर्म की हानि होगी और कब किशन कन्हैया जी... |
'उच्चारण' ब्लॉग पर |
अलविदा -2011अलविदा कह के वो चल दिए, अब कभी न आऊंगा ये लफ्ज़ कह दिए। इक साल फिर से अलविदा कह दिया दोस्तों. एक नयी योजना के साथ 2011 आया था और अब फिर से हमने उन योजनाओं को अलविदा कह कर 2011 को अलविदा कर दिया। 2011 हर किसी के जीवन में ख़ुशी, ग़म, हंसी, आंसूं ददे गया। हम चाहते थे कि भाई महेश बारमाटे जी, माहेश्वरी कनेरी जी, अतुल श्रीवास्तव जी और इस ब्लॉगर्स मीट वीकली के नियमित पाठकों की पोस्ट्स के लिंक लगाए जाएं लेकिन रात के साढ़े बारह बज रहे हैं और उनके ब्लॉग तक पहुंचना इस समय मुश्किल है। सो अपने प्रिय पाठकों से क्षमा याचना करते हैं।कृप्या नियमित रूप से अपने लिंक ईमेल के ज़रिये उपलब्ध करा दिया करें और जो लोग इस मंच के सदस्य हैं वे हफ़्ते में एक दो लेख यहां पब्लिश कर दिया करें ताकि हमें लिंक संकलन में अनावश्क दिक्क़त न उठानी पड़े। सादर , धन्यवाद ! |
9 comments:
रंग बिरंगे अंदाज़ में यह चर्चा बढ़िया लगी । अभी आराम से बैठकर पढ़ते हैं कुछ लिंक्स । आभार ।
अनोखे अंदाज में की गयी चर्चा और कई लिंक्स |
आशा
अनवर भाई आभार आपका जो मेरी पोस्ट्स को इस मीट में स्थान दिया ! हमेशा की तरह बहुत बढ़िया लिंक्स हैं और सुन्दर उनकी प्रस्तुति है ! क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें और आपका बहुत बहुत धन्यवाद !
राजेश कुमारी जी, वंदना जी, चंद्र मौलेश्वर जी, कुमार राधारमण जी, महेंद्र श्रीवास्तव जी की पोस्ट्स के साथ हमने ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ की पोस्ट्स के लिंक भी लगाए थे लेकिन पब्लिश की कमांड देने के बाद मालूम हुआ कि वे तो पब्लिश ही नहीं हुईं। नेट का कनेक्शन अब जाग्रत हुआ है।
सारी मेहनत पर जल फिर गया।
:} :)
रोचक अन्दाज़ मे प्रस्तुति।
बहुत बढ़िया चर्चा ..... हार्दिक आभार ...:)
bahut achche links mile hain aapki is charcha se meri post ko sthan dene ke liye bahut bahut shukriya.
THANKS A LOT
bahut badiya andaj mein sundar charcha ke liye aabhar!
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