अनकहे जो रह गए, वो अश्क बनकर बह गए
ख्वाब का सुन्दर महल हर आदमी का शौक है
वैसे महलों की हकीकत, वक्त के संग ढह गएख्वाब का सुन्दर महल हर आदमी का शौक है
लोग खुश होते हैं अक्सर, दिन बुलंदी के तभी
आदमी वो कीमती जो हँस के गम को सह गए
वक्त के संग हर कदम को जो बढ़ाते वक्त पर
लोग अक्सर वे बढ़े और शेष पीछे रह गए
छूट जाते प्राण जब महबूब जाते दूर को
है गलतफहमी सुमन को, यह गए कि वह गए
4 comments:
sudar man ko chhulene vale bhav haen
waah! bahut sundar
umda rachna!
अख्तर भाई, माननीया संगीता जी, अवन्ती जी -- विनम्र आभार - भबिष्य में भी सम्पर्कित रहने की कामना के साथ हार्दिक धन्यवाद।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
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