ब्लॉगर्स मीट वीकली (24) Happy New Year 2012

Posted on
  • Monday, January 2, 2012
  • by
  • DR. ANWER JAMAL
  • in
  • Labels:
  •  वंदे ईश्वरम् !
    image001.gif

    Wishing you and your Family a Very Happy & Prosperous
    New Year 2012.
    हे ईश्वर! मुझे वरदान दो
    इस दुनिया की चकाचैंध को दिल से दूर कर दो
    हे ईश्वर मझे वरदान दो
    एक दिन दुनिया को त्यागना है
    और तेरे सामने खड़ा होना है
    हे ईश्वर! मुझे समझ दो
    मेरे विश्वास को शक्ति दो
    मेरे गलतियो को माफ़ कर दो
    हे ईश्वर! मुझे वरदान दो

    जीवन भर तेरी उपासना में लीन रहू
    तेरे नाम के साथ जीवन का त्याग करूं
    जीवन में हमेशा गरीबो, मजबूरो का साथ देता रहू
    हे ईश्वर! मुझे वरदान दो

    माता-पिता की सेवा करूं
    अपने नबी के दिखाए पथ पर चलूं
    उसी पर चलते-चलते ईश्वर से जा मिलूं
    हे ईश्वर! मुझे वरदान दो

    साजिद भाई का शुक्रिया कि उन्होंने इतनी अच्छी दुआ के साथ हमें नए साल की मुबारकबाद दी है।


    मालिक आप सबको शांति के ख़ज़ाने से भर दे Happy New Year 2012

    डा. अयाज़ अहमद 

    वर्ष 2011 बस अब जा ही चुका है और वर्ष 2012 आपके सामने है।
    हम आपके लिए शांति की कामना करते हैं।
    मालिक आप सबको शांति के ख़ज़ाने से भर दे।
    मालिक आपको ऐसी शांति दे, 
    जो सदा आपके साथ बनी रहे।
    वर्ष 2012 आपके लिए एक अवसर है, शांति पाने का

    HBFI  मंच की पोस्ट्स 

     अनवर जमाल की रचनाएँ 

    सभी को नए साल २०१२ की मुबारकबाद


    आप सभी को नए साल २०१२ की मुबारकबाद .मालिक हम सबको हर मुसीबत से बचाए और हरेक नेकी का रास्ता दिखाए ताकि हमारा अंजाम अच्छा हो.आमीन . 


    अन्ना ख़ालिस देहाती आदमी हैं।

    वे कांग्रेस को हराने के लिए कमर कस चुके हैं।
    कोई दूसरा होता तो इस काम के लिए भी पैसे पकड़ लिए होते किसी से
    लेकिन हमारे अन्ना यह काम बिल्कुल मुफ़्त कर देंगे,
    बिल्कुल किसी हिंदी ब्लॉगर की तरह।

    ब्लॉगर्स मीट वीकली (23) Merry Christmas


    वंदे ईश्वरम् ! सभी ब्लॉगर्स साथियों का स्वागत है। मोहतरमा प्रेरणा अर्गल जी दो हफ़्ते के टूर पर हैं, सो खि़दमत बस हमें ही अंजाम देनी है

     

    रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिर्फिरा जी "की रचना 

    क्या उसूलों पर चलने वालों का कोई घर नहीं होता है ?...


    रश्मि प्रभा जी

    तुम्हें याद रहे


    जिसे नहीं रहना अब उसे लहरें अपने आगोश की पनाह देती हैं फिर मंथन मंथन मंथन और यादें बाहर रख जाती हैं कुछ मीठी कुछ खट्टी कुछ तीती कुछ ज़हरीली ....सिर्फ ज़हर क्यूँ उठाना ?अगर उठाना ही चाहते हो तो एक बार सागर को देखो
    ई . प्रदीप कुमार साहनी

    जियेंगे नए साल में, जिन्दगी तुझे फिर से,अश्कों को लेकर हम खुशियाँ उधार देंगे;काँटों से भी रण गर होता है तो हो ले,जीने का सलीका अब फिर सुधार देंगे | बहुत हो गया, बहुत सहा, बस, अब नहीं है होता,इस नैतिक गुलामी को तेरे मुँह पे मार देंगे;
    दिलबाग विर्क जी

    साहित्य सुरभि: हो मुबारिक साल नया

    चंद्रमौलेश्वर प्रसाद जी

    झा जी कहिन: आओ बात करें ....१

    Disha Verma

     
    साथियो ! ब्लॉगर्स मीट वीकली की ताज़ा पोस्ट आधा तैयार हो चुकी थी कि अचानक नेट प्रॉब्लम करने लगा और फिर वक्त हो गया घर से निकलने का, अपने कर्तव्य की अदायगी के लिए। नेट की ज़िंदगी के बीच हमें यह भूल नहीं जाना चाहिए कि हमारे बाल-बच्चों का भी हम पर हक़ है और उनकी शिक्षा और उनकी परवरिश हमारे ही ज़िम्मे है।
    अब लौटे हैं और देख रहे हैं,
    मंच से बाहर की पोस्ट्स

    दोस्तों! ब्लॉगों पर मंगल नववर्ष के चर्चा की ख़ुमारी छाई है।
    ‘‘आखर है एकै गिरा, ‘मंगल हो नववर्ष’,
    सुख-समरिद्धी-शान्ति हो, छाये सब में हर्ष।’’
    -चन्द्र भूषण मिश्र 'गाफ़िल'
    सो
    आप सब की खि़दमत में पेश है इन्हीं जज्बातों से लबरेज़, चर्चामंच की आज की पेशकश 
    धन धान्य भरै, घर क्लेश मिटै (सोमवारीय चर्चामंच-746)
    रचना का अलबेला अरमान 
    (स्पेशल अपील - बुरा न मानो होली है वाले जज़्बात लेकर मेरी यह रचना पढ़ी जाए, तभी आप इसका लुत्फ़ ले सकेंगे।)


    मुशायरा ब्लॉग

    दल उभरता नहीं, संगठन के बिना


    स्वर सँवरता नहीं, आचमन के बिना।
    पग ठहरता नहीं, आगमन के बिना।।                                                  

    (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)


     ब्लॉग जगत में ‘सायबर जर्नलिज़्म‘ का सूत्रपात
    वर्ष 2011 में हमने ‘ब्लॉग की ख़बरें के नाम से एक ऐसे समाचार पत्र की शुरूआत की जो कि केवल सायबर जगत की ख़बरें देता है। इस तरह हमने एक नए पथ का निर्माण किया और फिर उसके बाद इसी पैटर्न पर हमारी टीम के एक सदस्य ने ‘भारतीय ब्लॉग समाचार‘ के नाम से एक ब्लॉग शुरू किया और अब ‘ब्लॉग बुलेटिन‘ के नाम से एक तीसरा समाचार पत्र भी वुजूद में आ चुका है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।
    साथ ही यह दुखद भी है कि ब्लॉग जगत में ‘सायबर जर्नलिज़्म‘ का सूत्रपात करने के हमारे कारनामे को जानबूझकर नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। हम इसे ब्लॉग जगत का भ्रष्टाचार शुमार करते हैं।
    देखिए ‘ब्लॉग की ख़बरें‘
    ब्लॉग जगत का सबसे पहला समाचार पत्र

    सुशील गंगवार - मीडिया दलाल डाट.कॉम* लड़की - दारु - ड्रग्स का खुला कारोवार मेरी आखो के सामने चल रहा था इदर उधर वोदका , रम , बीयर , ब्रांडी , सिगरते के ... 
    प्रमोद जोशी जी देश और दुनिया के अहवाल बता रहे हैं, देखिए

    अंधेर नगरी का लोकतंत्र

    नए साल का पहला दिन आराम का दिन था। आज काम का दिन है। हर नया साल चुनौतियों का साल होता है। पर हर साल की चुनौतियाँ गुणधर्म और प्रकृति में अनोखी होती हैं। हर दिन और हर क्षण पहले से फर्क होता है। पर जब हम समय का दायरा बढ़ाते हैं तो उन दायरों की प्रकृति भी परिभाषित होती है। पिछला साल दुनियाभर में स्वतः स्फूर्त जनांदोलनों का साल था।
    साधना वैद जी ‘सुधिनामा‘ पर नए साल का स्वागत करते हुए मिलीं

    है स्वागतम् ! सुस्वागतम् !

     इससे पहले की रचना में साधना जी ईश्वर को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रही थीं कि विधाता ने मोक्ष को सात तालों में क्यों छिपा लिया है ?
    जबकि हक़ीक़त यह है
    कि ईश्वर ने हमें निष्पाप और मासूम पैदा किया है, उनकी रचना पर हमने अपने ब्लॉग ‘वेद क़ुरआन‘ पर चर्चा की है। इसे आप भी देखिए

    मोक्ष के लिए आपको पुनर्जन्म और आवागमन में अंतर जानना होगा Salvation

    यह पीड़ा केवल एक साधना जी की ही नहीं है बल्कि बहुत से मन इस पीड़ा से कराह रहे हैं .
    भारतीय नागरिक भ्रष्टाचार पर अरण्य रोदन करते हुए मिले तो हमने उन्हें बताया कि भ्रष्टाचार का ख़ात्मा कैसे हो सकता है ?
    दरअस्ल भातीय नागरिक जी ने ‘उच्चारण‘ ब्लॉग पर हमारा कमेंट देखकर हमें संबोधित करते हुए एक टिप्पणी कर दी थी। जिसे आप यहां देख सकते हैं और इस तरह आप आदरणीय रूपचंद शास्त्री जी की एक बेहतरीन रचना से रू ब रू भी हो जाएंगे।
    मन-सुमन हमेशा खिले रहें,
    हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई के,
    हृदय हमेशा मिले रहें,

    हम उनकी बात से सहमत हैं।
    सबसे बड़ा शुभ काम यह है कि बंदा अपनी बग़ावत से बाज़ आ जाए और वह अपने रब के सामने समर्पण कर दे। ऐसा करते ही वह स्वर्गिक शांति का अनुभव करेगा।  
    महेंद्र श्रीवास्तव जी ने एक आवाज़ लगाई है जिस पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाना चाहिए ताकि हिंदी ब्लॉगिंग मात्र मनोरंजन तक ही सीमित न रहे और जो ब्लॉगर रचनात्मक काम कर रहे हैं उनमें समान मुददों पर सहयोग का माद्दा बढ़े। तब कोई गंभीर ब्लॉगर यह नहीं कहेगा कि

    हां ब्लागर होने पर मैं हूं शर्मिंदा ...

    बडा सवाल ये है कि क्या हम ऐसा करने के लिए तैयार हैं ?

    एक आवाज़ रमेश कुमार जैन ‘सिरफिरा‘ जी ने भी लगाई है और ऐसी लगाई है कि जवाब देते नहीं बन रहा है उनसे, जिनसे वह पूछ रहे हैं कि

    आप मुझे "बकवास" शब्द की परिभाषा बताएं ?

     

    ZEAL: मेरा तुमसे मतभेद है मनभेद नहीं 
    @दिव्या श्रीवास्तव जी, आप खुद इसका कितना पालन करती है ? आप एक बुध्दिजीवी वर्ग से आती है यानि आप एक डाक्टर है. अपनी असभ्य भाषा खुद देखें. दिव्या श्रीवास्तव जी, लगता है आप हमसे नाराज है. जो देशहित और समाज हित के हमारे लिंकों बार-बार हटा देती हैं. क्या आप स्वयं भारत देश के प्रति ईमानदार है ? 
    • फ़ेसबुक और ब्लॉगर.कॉम पर जितने भी ग्रुप रमेश की पकड़ में थे, सब जगह यही आवाज़ गूंजती हुई दिख रही थी।
    • धन्य है ब्लॉग जगत जहां सच्चे लोग भी हैं।
    वर्ष 2011 में यह भी एक उपलब्धि है कि नवभारत टाइम्स ने अपने पाठकों के लिए ‘अपना ब्लॉग‘ बनाने की सुविधा दे दी। अगर आपने वहां अभी ब्लॉग नहीं बनाया है तो ज़रूर बनाएं। आपको अच्छे पाठक मिलेंगे और बड़ी संख्या में मिलेंगे। जब आप वहां जाएं हमारा ब्लॉग ‘बुनियाद‘ भी आपको वहीं नज़र आएगा। जिसमें हमारे 141 लेख पब्लिश हो चुके हैं।

    वर्ष 2011 की एक बड़ी उपलब्धि यह भी है कि 
    दुनिया की पहली हिंदी ब्लॉगिंग गाइड वुजूद में आई है और बेहतरीन सलाहियत के मालिकों की कोशिशों से यह हरेक के लिए मुफ़्त उपलब्ध है। इसका ज़िक्र भी बस हम या हमारे महेश जी ही कर देते हैं और अगर हम भी न करें तो कोई यहां ज़िक्र करने वाला भी नहीं है।

    हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide

    हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide इस तरह की मानसिकता रचनात्मक काम करने वालों को हतोत्साहित करती है।
    अच्छा है कि इस तरह की प्रवृत्ति को कम किया जाए और रचनात्मक काम करने वालों की सराहना मुक्त कंठ से की जाए।

    महापुरूषों के इतिहास को जानना और उन्हें उचित सम्मान देना भी हमारे लिए ज़रूरी है। आज उन्हीं की वजह से हमें नेकी और बदी की तमीज़ है। इस संदर्भ में

    श्री कृष्ण जी को इल्ज़ाम न दो

     

    अख़तर ख़ान अकेला जी, रविकर जी और ऐसे ही कुछ और ब्लॉगर्स के लिंक देने की ख्वाहिश दिल में ही रह जाएगी। रात के नौ बज रहे हैं और पोस्ट अभी भी नामुकम्मल ही लग रही है। बहुत से नाम ज़हन में आ रहे हैं लेकिन फिर एक नाम ज़हन में आया
    ‘प्यारी मां‘ का।

    स्त्री शरीर की एक कुदरती प्रक्रिया है मासिक धर्म - *Disclaimer - *यहाँ दी गयी जानकारी केवल शैक्षिक एवं सूचना के प्रसार हेतु है. यह जानकारी किसी भी तरह से चिकित्सीय परामर्श या व्यवसायिक चिकित्सा स्व... 

    प्यारी मां ब्लॉग के लिंक के साथ ही इस चर्चा को विराम देते हैं।
    हरेक नारी ब्लॉगर को सम्मान देने का यही तरीक़ा हमें उचित लगा।
    मां ख़ुश है तो उसकी औलाद भी ख़ुश हो ही जाएगी,
    चाहे वे नर हों या नारी !
    सभी साहिबान का शुक्रिया कि आप लोग आते हैं और इस मीट को पसंद करते हैं।

    16 comments:

    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

    ब्लॉगर मीट वीकली के 24वें अंक में मेरी रचना को शामिल करने के लिए आयोजकों का आभार!

    Sadhana Vaid said...

    बहुत सारी उपयोगी लिंक्स के साथ ब्लॉगर मीट २४ का यह स्वरुप आज बड़ी प्रतीक्षा के बाद देखने के लिये मिला ! मेरी रचनाओं को इसमें स्थान दिया आप सभी की आभारी हूँ ! नये वर्ष में इस पहली ब्लोगर मीट के सफल प्रस्तुतिकरण के लिये आप सभीको बहुत सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनायें !

    चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

    वाह अनवर भाई! आपने तो गज़ब कर दिया तमाम उम्दा रचनाओं के साथ पूरा चर्चामंच परोस दिया साहित्य के भूखों के सामने। अब तो आराम से मज़ा लिया जाएगा साहित्यिक निवालों का...आभार

    वाणी गीत said...

    नव वर्ष की बहुत शुभकामनायें !

    महेन्द्र श्रीवास्तव said...

    साप्ताहिक मीट का मैं हमेशा प्रशंसक रहा हू, आज भी यहां ढेर सारे अच्छे लिक्स मौजूद हैं।
    मेरे विचारोंको भी स्थान देने के लिए आपका शुक्रिया

    शेखचिल्ली का बाप said...

    हमारी रचना का चयन करने के लिए चंद्र भूषण जी को पहले और उनके बाद आपको थैंक यू !
    किसी को तो हम याद आए और किसी को तो लगा कि हमारी रचना भी चर्चा के लायक़ है।

    शेखचिल्ली का बाप said...

    हमारी रचना का चयन करने के लिए चंद्र भूषण जी को पहले और उनके बाद आपको थैंक यू !
    किसी को तो हम याद आए और किसी को तो लगा कि हमारी रचना भी चर्चा के लायक़ है।

    DR. ANWER JAMAL said...

    @ चंद्र भूषण मिश्रा जी ! आज न जाने कैसे पोस्ट से कमेंट मिट रहे हैं ?
    आपका कमेंट भी ईमेल में तो आया लेकिन यहां प्रकाशित नहीं हुआ।
    सो हम लगाए देते हैं-
    वाह अनवर भाई! आपने तो गज़ब कर दिया तमाम उम्दा रचनाओं के साथ पूरा चर्चामंच परोस दिया साहित्य के भूखों के सामने। अब तो आराम से मज़ा लिया जाएगा साहित्यिक निवालों का...आभार

    जनाब आपने अपनी चर्चा में लिंक ही इतने सलीक़े से चुने थे कि दिल ने कहा कि इस पोस्ट को ज़रूर सबको दिखाया जाए।
    यही एक पोस्ट नए साल की पूरी रिपोर्टिंग करने के लिए काफ़ी है।
    एक अच्छी पोस्ट के लिए आपका शुक्रिया !

    DR. ANWER JAMAL said...

    @@ शेख़चिल्ली के वालिद साहब का एक कमेंट यहां प्रकाशित हुआ और फिर मिट गया।
    एक कमेंट यह उनके द्वारा ईमेल से भेजा गया है जिसे हम यहां पब्लिश कर रहे हैं।
    -------------------
    डम डम डिगा डिगा
    मौसम भिगा भिगा
    यह पोस्ट हमारे ज़िक्र से ख़ाली क्यों है साहेब ?
    पिछली पोस्ट पर हम उवाचे हैं
    भई मिश्रा जी , एक बस आप ही आदमी काम के निकले।
    आपने हमारी लियाक़त को पहचाना और उसे यहां सबके लिए परोस भी दिया।
    वाह वाह,
    आपका माउस कहां है ?
    क्यों न आज उसे चूम लिया जाए ?

    हमारी रचना का चयन करने के लिए चंद्र भूषण जी, आपको थैंक यू !
    और आपको भी !!
    किसी को तो हम याद आए और किसी को तो लगा कि हमारी रचना भी चर्चा के लायक़ है।


    @@ शैख़चिल्ली के वालिद साहब आपका भी बहुत बहुत शुक्रिया !
    आपके ब्लॉग पर हम गए तो वहां आपकी पुरानी पोस्ट ही पड़ी मिलीं,
    लोगों को नई का इंतेज़ार करते पाया,
    हमें भी इंतेज़ार है।
    आपकी क़लम ज़बर्दस्त है।

    चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

    डॉ. साहब अब आप कह रहे हैं तो शायद ऐसा ही हो वर्ना मैं क्या, मेरी हकीक़त क्या? भाई लोगों ने पोस्टें लिखी सो हमने लगा दी चर्चामंच पर...कमेंट स्पैम में चला गया होगा फिर से दिये देता हूं-
    वाह अनवर भाई! आपने तो गज़ब कर दिया तमाम उम्दा रचनाओं के साथ पूरा चर्चामंच परोस दिया साहित्य के भूखों के सामने। अब तो आराम से मज़ा लिया जाएगा साहित्यिक निवालों का...आभार

    चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

    डॉ. साहब अब आप कह रहे हैं तो शायद ऐसा ही हो वर्ना मैं क्या, मेरी हकीक़त क्या? भाई लोगों ने पोस्टें लिखी सो हमने लगा दी चर्चामंच पर...कमेंट स्पैम में चला गया होगा फिर से दिये देता हूं-
    वाह अनवर भाई! आपने तो गज़ब कर दिया तमाम उम्दा रचनाओं के साथ पूरा चर्चामंच परोस दिया साहित्य के भूखों के सामने। अब तो आराम से मज़ा लिया जाएगा साहित्यिक निवालों का...आभार

    डॉ टी एस दराल said...

    बहुत सुन्दर प्रार्थना है ।
    अच्छे लिंक्स से सुशोभित उम्दा पोस्ट ।
    नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें डॉ ज़माल जी ।

    Kunwar Kusumesh said...

    अच्छे लिंक्स.
    नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें.

    DR. ANWER JAMAL said...

    @ जनाब चंद्रभूषण मिश्र जी ! आपने ईमेल द्वारा ध्यान दिलाया कि आपने दो बार कमेंट किया और दोनों बार वह नज़र आने के बाद ग़ायब हो गया। आपके कहने के मुताबिक़ स्पैम की तलाशी ली तो न सिर्फ़ आपके कमेंट मिल गए बल्कि बहुत सी दूसरी पोस्ट पर आए हुए लगभग 50 कमेंट वहां और भी मिल गए।
    आपके दोनों कमेंट पब्लिश किए जा रहे हैं।
    आपका बहुत बहुत शुक्रिया !

    रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीक said...

    भाई अनवर जमाल खान जी, हमारे दो पोस्ट/लिंक शामिल करने के लिए धन्यवाद.

    क्या हम सब बुध्दिजीवी एक दूसरे के घर्म को नीचा दिखाने के लिए सोशल वेबसाइट(फेसबुक, गूगल, ब्लॉग और ऑरकुट आदि) एकत्रित हुए है ? हम बुध्दिजीवी कब से एक धर्म के हो गए. हम सब धर्म से बढ़कर "इंसानियत" को ही अपना सबसे बड़ा धर्म मानते हैं.

    मैंने अपने पिछले दो सालों की रिसर्च (शोध) कार्य में महसूस किया कि कोई(कुछ) हिंदू, मुस्लिम धर्म की बुराई कर रहा और कोई मुस्लिम भाई, हिंदू धर्म की बुराई कर रहा है. इसी प्रकार हर(कुछ) धर्म के अनुयायी सोशल वेबसाइटों को उपयोग दूसरे धर्मों की बुराई करने के कर रहा है. हम आखिर कब देश को आगे लेकर जाने के लिए विचार करना और लिखना शुरू करेंगे.
    यह मेरे विचार है कि हम बुध्दिजीवी अगर कुछ नहीं कर सकते है. तब किसी धर्म, जाति, व्यक्ति विशेष को नीचा दिखाने का कार्य भी नहीं करना चाहिए. देश में फैली बुराइयों को खत्म करने के लिए "कुछ" कहूँ या थोडा-सा कार्य करना चाहिए.

    prerna argal said...

    सबसे पहले आप सभी को नए वर्ष की ढेर सारी सुभकामनायें /माफ कीजिये बाहर गई थी इसीलिए नव वर्ष की सुभकामनायें देर से दे पा रही हूँ / डॉ.साहब की आभारी हूँ की मेरे बाहर जाने से उनको अकेले ही मंच की दो पोस्ट प्रकाशित करनी पड़ी /बहुत अच्छे तरीके से और बहुत ही अच्छे लिनक्स के साथ उन्होंने दोनों ही पोस्ट्स प्रकाशित की हैं उसके लिए मैं उन्हें बहुत बधाई और धन्यवाद देती हूँ /अब अगली पोस्ट को प्रकाशित करने में में उनके साथ हूँ /आभार /

    Read Qur'an in Hindi

    Read Qur'an in Hindi
    Translation

    Followers

    Wievers

    join india

    गर्मियों की छुट्टियां

    अनवर भाई आपकी गर्मियों की छुट्टियों की दास्तान पढ़ कर हमें आपकी किस्मत से रश्क हो रहा है...ऐसे बचपन का सपना तो हर बच्चा देखता है लेकिन उसके सच होने का नसीब आप जैसे किसी किसी को ही होता है...बहुत दिलचस्प वाकये बयां किये हैं आपने...मजा आ गया. - नीरज गोस्वामी

    Check Page Rank of your blog

    This page rank checking tool is powered by Page Rank Checker service

    Promote Your Blog

    Hindu Rituals and Practices

    Technical Help

    • - कहीं भी अपनी भाषा में टंकण (Typing) करें - Google Input Toolsप्रयोगकर्ता को मात्र अंग्रेजी वर्णों में लिखना है जिसप्रकार से वह शब्द बोला जाता है और गूगल इन...
      11 years ago

    हिन्दी लिखने के लिए

    Transliteration by Microsoft

    Host

    Host
    Prerna Argal, Host : Bloggers' Meet Weekly, प्रत्येक सोमवार
    Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

    Popular Posts Weekly

    Popular Posts

    हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide

    हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide
    नए ब्लॉगर मैदान में आएंगे तो हिंदी ब्लॉगिंग को एक नई ऊर्जा मिलेगी।
    Powered by Blogger.
     
    Copyright (c) 2010 प्यारी माँ. All rights reserved.