कोन कहता है हमारे देश में ३२ रूपये में दो वक्त पेट भर कहा नहीं सकते अरे इन गरीबों को संसद में तो जाकर देखो
Posted on Thursday, September 22, 2011 by आपका अख्तर खान अकेला in
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रश्मि प्रभा (मुख्य निरीक्षिका -HBFI)
अख्तर खान अकेला (कानूनी सलाहकार-HBFI)
शालिनी कौशिक (कानूनी सलाहकार-HBFI)
3 comments:
हमारे देश के अर्थशास्त्रियों की पढ़ाई पर देश और इसके गरीबों ने जितना पैसा खर्च किया था वह सारा बेकार गया. ये कमीने और बेइमान निकले.
नई गरीबी रेख से, कर गरीब-उत्थान ||
दो सरदारों से बना, भारत देश महान ||
sharm aati hai yesi report sunkar.in mantriyon ko 32 rs dekar ek din ka gujara karke dikhane ko kaho.aapne canteen ke rate bilkul sahi bataayen hain.sansad me gareeb bhikmange hi to hain jinke liye canteen me ye rate rakhe hain.desh ki janta ko bevakoof samajh rakha hai.
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