यूनिवर्सिटी ऑफ यार्क के प्रोफेसर जेम्स क्लार्क ने कहा कि यह उच्च शक्ति वाला माइक्रोवेव फल के छिल्के के अणुओं को तोड़कर गैस पैदा करता है जिसे एकत्र करके तरल पदार्थ में बदला जा सकता है। इन अमूल्य गैसों का इस्तेमाल बाद में तेल, प्लास्टिक, रसायन तथा ईंधन बनाने आदि में किया जा सकता है।
आप इस पर यकीन करें या नहीं लेकिन ब्रिटेन में एक वैज्ञानिक ने एक ऐसा माइक्रोवेव बनाने का दावा किया है जो संतरे के छिल्के को तेल में बदल देता है।
क्लार्क के अनुसार, माइक्रोवेव विधि का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के पौधों के कचरे से ईंधन या अन्य इसी प्रकार के उत्पाद बनाने में किया जा सकता है। इनमें भूसी, अखरोट के छिल्के, सेब का छिल्का, काफी या धान की भूसी भी इस्तेमाल की जा सकती है। डेली एक्सप्रेस में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े संतरा उत्पादक देश ब्राजील में जूस निकालने के बाद आधा फल बर्बाद हो जाता है और यह सालाना 80 लाख टन कचरा बनाता है। ऐसे में इसका बेहतर इस्तेमाल इस माइक्रोवेव के जरिए किया जा सकता है।
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