अस्-सलामु अलैकुम व ओउम् शांति !
दोस्तो! धर्म और संस्कृति ने बताया है कि ‘झूठ बोलना पाप है‘ और पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब स. ने सिखाया है कि झूठ बोलने से आदमी ईमान की हालत में नहीं रहता।
दोस्तो! धर्म और संस्कृति ने बताया है कि ‘झूठ बोलना पाप है‘ और पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब स. ने सिखाया है कि झूठ बोलने से आदमी ईमान की हालत में नहीं रहता।
ग़र्ज़ यह कि काशी से काबा तक यही एक शिक्षा है कि झूठ का त्याग करो और सत्य का अनुसरण करो।
भारत जब विश्व गुरू था तो हमारा तरीक़ा यही था।
विश्व को हमें यही पाठ पढ़ाना है लेकिन इससे पहले यह पाठ हमें ख़ुद भी दोहराना होगा।
एक अप्रैल के मौक़े पर जम कर झूठ बोला गया।
यह दुखद घटना हिंदी ब्लॉग्स पर भी देखी गई।
अंग्रेज़ अप्रैल फ़ूल मनाते हैं तो इंडियन ब्लॉगर्स की ज़िम्मेदारी यह है कि उन्हें सच्चाई और सदाचार की शिक्षा दी जाए न कि उनके पाप की दलदल में ख़ुद भी छलांग लगा दी जाए।
धर्म संस्कृति की श्रेष्ठता के गुणगायक भी यही करते नज़र आए।
सद्-गुण हमारे जीवन व्यवहार का हिस्सा बनें,
विश्व को हमें यही पाठ पढ़ाना है लेकिन इससे पहले यह पाठ हमें ख़ुद भी दोहराना होगा।
एक अप्रैल के मौक़े पर जम कर झूठ बोला गया।
यह दुखद घटना हिंदी ब्लॉग्स पर भी देखी गई।
अंग्रेज़ अप्रैल फ़ूल मनाते हैं तो इंडियन ब्लॉगर्स की ज़िम्मेदारी यह है कि उन्हें सच्चाई और सदाचार की शिक्षा दी जाए न कि उनके पाप की दलदल में ख़ुद भी छलांग लगा दी जाए।
धर्म संस्कृति की श्रेष्ठता के गुणगायक भी यही करते नज़र आए।
सद्-गुण हमारे जीवन व्यवहार का हिस्सा बनें,
यही हमारा संदेश है और यही हमारा अभियान है।
श्रेष्ठ मार्ग पर चलने और चलाने के लिए कटिबद्ध है आपका प्यारा मंच
‘हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल‘ HBFI
ब्लॉगर्स मीट के इस ख़ास मौक़े पर आज जनाब दिनेश गुप्ता ‘रविकर‘ जी भी हमारे साथ हैं।
उनके चुनाव ने इस मीट में बेशक चार चांद लगा दिए हैं।
उनके चुनाव ने इस मीट में बेशक चार चांद लगा दिए हैं।
पहले देखते हैं रविकर जी का सेलेक्शन
श्रेष्ठ जनों का अनुसरण, अर्गल अनवर रूप ।
रविकर का सौभाग्य है, आया अतिथि स्वरूप ।
आया अतिथि स्वरूप, आप की किरपा चाहूँ ।
रहा कूप-मंडूक, तुच्छ अदना सा पाहू ।
आया ब्लागर्स मीट, ताकता रूप सुनहला ।।
Bashir Badr's poetry: Voh duroodoN ke, salaamoN ke nagar yaad aaye....
वोह दुरूदों के सलामों के नगर याद आये
नातें पढ़ते हुए क़स्बात के घर याद आये
[Naat=poety in Prophet Muhammad's praise]
शाम के बाद कचेहरी का थका सन्नाटा
बेगुनाही को अदालत के हुनर याद आये
घर की मस्जिद में वोह नूरानी अज़ान से चेहरे
खानकाहों में दुआओं के शजर याद आये
मेरे सीने में कोई सांस चुभा करती है
जैसे मजदूर को परदेस में घर याद आये
कितने ख़त आये गए शाख में फूलों की तरह
आज दरया में चिरागों के सफ़र याद आये
बशीर बद्र
(१)
डॉ. अनवर जमाल Blog News पर
१०० चुनिन्दा हिंदी ब्लॉग परिकल्पना पर देखें : परिकल्पना ब्लॉग विश्लेषण-2011 (भाग-10) *वर्ष-2011 के 100 ब्लॉग* *इसी के साथ परिकल्पना वार्षिक ब्लॉग विश्लेषण के कार्यों को संपन्न किया जा रहा है, * * *
(२)
उच्चारण -
धारा-प्रवाह गुरु गाते हैं ,
सस्नेह अर्थ समझाते हैं ।
सुख में तो सब जी लेते
दुःख में वे राह दिखाते हैं ।
गंभीर धीर गुणवान प्रभु-
अनुभव को शीश झुकाते हैं ।
दुःख का विष-गरल पियो ऐसे-
शिव-शंकर ज्यों पी जाते हैं ।।
(३)
दो राहे पर चाँदनी, चकित थकित सा सोम ।
सूर्य धरा के फेर से, कैसे निपटूं व्योम ??
कैसे निपटूं व्योम, धरा का टुकड़ा प्यारा ।
रहा अनवरत घूम, सूर्य का मिला सहारा ।
रविकर का एहसान, जगत सारा जो चाहे ।
बड़ा धरा का मान, खड़ा बेबस दोराहे ।।
(४)
मुद्राएँ या भंगिमा, चंचल चित्त प्रदर्श ।
उत्तेजित क्रोधित बदन, चाहे होवे हर्ष ।
चाहे होवे हर्ष, वर्ष भर भरे कुलांचें ।
तनिक हुआ आकर्ष, रोज वो सिर पर नाचें ।
रविकर साला का' न्ट , आप की हो ली होली ।
खुशियाँ सबको बाँट, डाल के भँग की गोली ।।
(५)
दिल के जोड़े से कहाँ, कृपण करेज जुड़ाय ।
सौ फीसद हो मामला, जाकर तभी अघाय ।
जाकर तभी अघाय, सीखना जारी रखिये ।
दर्दो-गम आनन्द, मस्त तैयारी रखिये ।
आई ना अलसाय, आईना क्यूँकर तोड़े ।
आएगी तड़पाय, बनेंगे दिल के जोड़े ।।
(६)
posted by expression at my dreams 'n' expressions.....याने मेरे दिल से सीधा कनेक्शन.....
तीर्थ यात्रा न सही, सही यात्रा पीर ।
काशी में क्या त्यागना, बूढ़ा व्यर्थ शरीर ।
बूढा व्यर्थ शरीर, काम न किसी काज का ।
बढे दवा का खर्च, शत्रू फल अनाज का ।
मैया मथुरा माय, मर मेहरा मेहरारू ।
वृद्धाश्रम भेज, सनक सुत *साला दारू।।
*घर / शाळा
(७)
य्ुवा पत्रकार और जनसत्ता के वरिष्ठ उपसंपादक फ़ज़ल इमाम मल्लिक को साल 2011 के लिए पत्रकारिता पुरस्कार से नवाजा गया है। नई दिल्ली के फिक्की सभागार में आयोजित एक समारोह में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें साल ...
(८)
देवेन्द्र पाण्डेय बेचैन आत्मा पर
हम भटके बेचैनीमें तुम ठहरे हातिमताई। हम सहते कितनेलफड़े तुमने खड़ेखड़े बदलेकपड़े ! मेहरबानतुम पर रहती हरदम ही धरती माई। ना जनमलिया ना फूँका तन वैसे कावैसा ही मन कर डाला फिरसुंदर तन कहाँ सेसीखी ...
(९)
सलीम अख्तर सिद्दीकी
रसोई गैस लेने वालों की गैस गोदाम पर सुबह छह बजे से लंबी लाइन लगी हुई थी। वक्त बढ़ने के साथ लाइन लंबी होती जा रही थी। लंबी लाइन देखकर देर से आने वाले लोगों के माथे पर शिकन पड़ रही थीं। सबक...
(१०)
आमिर दुबई मोहब्बत नामा - पर
*सलमान की मेरिज * जब सलमान खान लड़की देखने गया सलमान खान लड़की देखने गया लड़की की मां बेहोश हो गई, होश आया तो किसी ने पूछा क्या हुआ? *मां बोली :* 20 साल पहले ये मुझे भी देखने आया था।
(११)
posted by Asha Saxena at Akanksha
आप को यह सूचित करते हुए मुझे बहुत हर्ष हो रहा है कि कल शनीवार दिनांक ३१.३.२०१२ को अपरान्ह ४.३० बजे होटल विक्रमादित्य, रिंग रोड चौराहा, नानाखेड़ा उज्जैन में मेरे कविता संग्रह "अनकहा सच " का विमोचन है, इस ...
आकाँक्षा पूरी करे, ईश्वर बड़ा महान ।
होय अनकहा सच सफल, बढे काव्य की शान ।
बढे काव्य की शान, हमारी आशा दीदी ।
होय अनकहा सच सफल, बढे काव्य की शान ।
बढे काव्य की शान, हमारी आशा दीदी ।
हम भी हैं मेहमान, नेह का प्यासा दीदी ।
निपटाने कुछ काम, बड़ा एक्जाम जरुरी ।
महाकाल से विनय, करे आकाँक्षा पूरी ।।
(१२)
A
पेन में स्याही जबरदस्त, झल्ला जेहन स्याह ।
चुटका चुटकी में छपे, मेधा रही कराह ।।
मोबाइल नेट दोस्ती, रेस्टोरेंट जहीन ।
इम्तिहान बेहद खले, भूला मोट-महीन ।।
मुर्ग-मुसल्लम नोचता, आज नोचता बाल ।
शुतुरमुर्ग बन ताकता, किन्तु गले न दाल ।
पानी पी पी कोसता, प्रश्न-पत्र को घूर ।
थोड़ी भी ना नम्रता, शिक्षक सारे क्रूर ।
समय घाव न भर सका, आँखे रहें भिगोय ।
आँखे रहें भिगोय, नहीं मांगें छुटकारा ।
B
सारे दुःख की जड़ यही, रखें याद संजोय |समय घाव न भर सका, आँखे रहें भिगोय ।
आँखे रहें भिगोय, नहीं मांगें छुटकारा ।
सीमा में चुपचाप, मौन ही नाम पुकारा ।
रविकर पहला प्यार, हमेशा हृदय पुकारे ।
दिख जाये इक बार, मिटें दुःख मेरे सारे ।।
चीनी ड्रैगन लीलता, त्रिविष्टप संसार ।
दैव-शक्ति को पड़ेगा, पाना इससे पार ।
पाना इससे पार, मरे न गन से ड्रैगन ।
देखेगा गरनाल, तभी यह काँपे गन-गन ।
भरा पूर्ण घट-पाप, दूंढ़ जग चाल महीनी ।
होय तभी यह साफ़, बड़ी कडुवी यह चीनी ।।
http://vedquran.blogspot.in/ 2012/03/3-mystery-of-gayatri- mantra-3.html
टंगड़ी मारे दुष्ट जन, सज्जन गिर गिर जाय ।
विद्वानों की बात को, दो दद्दा विसराय ।
दो दद्दा विसराय, राय आस्था पर देना ।
रविकर नहीं सुहाय, नाव बालू में खेना ।
मिले सुफल मन दुग्ध, गाय हो चाहे लंगड़ी ।
वन्दनीय अति शुद्ध, मार ना "सर-मा" टंगड़ी ।।
बादशाह के नूर से, चम्-चम् जीवन होय ।
चम्-चम् जीवन होय, बंदगी नियमित करिए ।
C
चीनी ड्रैगन लीलता, त्रिविष्टप संसार ।
दैव-शक्ति को पड़ेगा, पाना इससे पार ।
पाना इससे पार, मरे न गन से ड्रैगन ।
देखेगा गरनाल, तभी यह काँपे गन-गन ।
भरा पूर्ण घट-पाप, दूंढ़ जग चाल महीनी ।
होय तभी यह साफ़, बड़ी कडुवी यह चीनी ।।
D
गायत्री मंत्र रहस्य भाग 3 The mystery of Gayatri Mantra 3
इस लेख का पिछला भाग यहां पढ़ें-http://vedquran.blogspot.in/
टंगड़ी मारे दुष्ट जन, सज्जन गिर गिर जाय ।
विद्वानों की बात को, दो दद्दा विसराय ।
दो दद्दा विसराय, राय आस्था पर देना ।
रविकर नहीं सुहाय, नाव बालू में खेना ।
मिले सुफल मन दुग्ध, गाय हो चाहे लंगड़ी ।
वन्दनीय अति शुद्ध, मार ना "सर-मा" टंगड़ी ।।
E
सच्चे बादशाह से बातें कीजिए God hears.
डॉ. अनवर जमाल खान
सबसे सच्चा है वही, उससे बड़ा न कोय ।बादशाह के नूर से, चम्-चम् जीवन होय ।
चम्-चम् जीवन होय, बंदगी नियमित करिए ।
तन मन अपना खोय, सामने माथा धरिये ।
सबसे सच्चा दोस्त, समझ ले नादाँ बच्चा ।
कण कण में मौजूद, बादशाह रविकर सच्चा ।।
F
बाबा को प्यारा लगे, मूल से ज्यादा सूद ।
एह्सासें फिर से वही, बालक रूप वजूद ।
बालक रूप वजूद, मिली मन बाल सुन्दरी।
संस्कार मजबूत, चढाते लाल चूनरी ।
मेला सर्कस देख, चाट भी जमके चाबा ।
करें खटीमा मौज, साथ में दादी बाबा ।।
G
रश्मि प्रभा... वटवृक्ष पर नहीं घोंसले में लगा, मन को होता क्षोभ ।
तूफानों से डर रहा, या सजने का लोभ ।
या सजने का लोभ, नीड़ की भीड़ गुमाए ।
जीवन का अस्तित्व, व्यर्थ ऐसे भी जाए ।
तिनके तनिक उबार, डूबते जहाँ हौसले ।
तिनके तिनके साथ, जरूरत नहीं घोंसले ।।
posted by Maheshwari kaneri at अभिव्यंजना
रिश्ते रिसियाते रहे, हिरदय हाट बिकाय ।
परिचित बेगाने हुए, ख़ुशी हेतु भरमाय ।
ख़ुशी हेतु भरमाय, नहीं अंतर-मन देखा।
धर्म कर्म व्यवसाय, बदल ब्रह्मा का लेखा ।
दीदी का उपदेश, सरल सा चलो समझते ।
दिल में रखे सहेज, कीमती पावन रिश्ते ।।posted by RITU at कलमदान -
कलम माँगती दान है, कान्हा दया दिखाव ।
ऋतु आई है दीजिये, नव पल्लव की छाँव ।
नव पल्लव की छाँव, ध्यान का द्योतक पीपल।
फिर से गोकुल गाँव, पाँव हो जाएँ चंचल ।
छेड़ो बंशी तान, चुनरिया प्रीत उढ़ाओ ।
रस्ता होवे पार, प्रभु उस नाव चढ़ाओ ।।
J
क्यों फूलती है सांस?
साँसत में न जान हो, रखो साँस महफूज ।
सूजे ब्रोंकाइल नली, गए फेफड़े सूज ।
गए फेफड़े सूज, चिलम बीडी दम हुक्का ।
प्राण वायु घट जाय, लगे गर्दन में धक्का ।
रंगे हाथ फँस जाय, करे या धूर्त सियासत ।
उलटी साँस भराय, भेज दे जब *घर-साँसत ।
* काल-कोठरी
सूजे ब्रोंकाइल नली, गए फेफड़े सूज ।
गए फेफड़े सूज, चिलम बीडी दम हुक्का ।
प्राण वायु घट जाय, लगे गर्दन में धक्का ।
रंगे हाथ फँस जाय, करे या धूर्त सियासत ।
उलटी साँस भराय, भेज दे जब *घर-साँसत ।
* काल-कोठरी
दर्शन जीवन का लिए, गीता-गीत-सँदेश |
अगर कुरेदे दिन बुरे, बाढ़े रोग-कलेश |
अगर कुरेदे दिन बुरे, बाढ़े रोग-कलेश |
बाढ़े रोग-कलेश, आज को जीते जाओ |
जीते रविकर रेस, भूत-भावी विसराओ |
मध्यम चिंता-मग्न, जान जोखिम में डाले | |
दोनों ग्यानी मूर्ख, करें मस्ती मत वाले |
दोनों ग्यानी मूर्ख, करें मस्ती मत वाले |
मोहन के बापू हुवे, ज़रा हाथ से तंग ।।
मिली नसीहत शुक्रिया, शब्द-भाव से दंग ।
शब्द-भाव से दंग, रखी है गिरवी लाठी ।
करे न सिस्टम भंग, सड़े चरखे संग *माठी ।
है केन्द्रक कमजोर, करें सब मिलकर दोहन ।
धरे हाथ पर हाथ, बैठ सोनी का मोहन ।
*कपास की प्रकार
शब्द-भाव से दंग, रखी है गिरवी लाठी ।
करे न सिस्टम भंग, सड़े चरखे संग *माठी ।
है केन्द्रक कमजोर, करें सब मिलकर दोहन ।
धरे हाथ पर हाथ, बैठ सोनी का मोहन ।
*कपास की प्रकार
M
राखा जंगल का सदा, जानवरों ने मान |
भंडारण करते नहीं, भूख लगे लें जान |
भूख लगे लें जान, नहीं थाना विद्यालय |
भरे पेट पर व्यर्थ, शरारत झगड़ा टालय |
सुन रे तिकड़म बाज, मिटा तू धरती खा-खा |
शीघ्र गिरेगी गाज, बचा तो हमने राखा |
N
posted by रवीन्द्र प्रभात at वटवृक्ष -
ये लहरें ही हैं असल, अन्तर्घट-हिल्लोल |
नेह-कंकरी करे नित, तन मन में किल्लोल ||
O
posted by मनोज कुमार at विचार
धर्म-ग्रन्थ पर आस्था, निष्ठा ज्ञान करम |
केवल हिरदय शुद्धता, सुमिरो ईश परम |
सुमिरो ईश परम, साध ले सीढ़ी सातों |
हो जाओ इरफ़ान, नूर में उसके मातो |
सद-दर्शन पहचान, सत्य अनुभव निज-अंतर |
यही नशा ले जाय, बेखुदी तक हे रविकर ||
बहुत-बहुत आभार है, करते जो बर्दाश्त ।
पाठक गण के नेह से, रविकर प्रेम-परास्त ।।
...और अब पेश हैं ‘हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल‘ HBFI की ताज़ा पोस्ट्स
चुनौती जिन्दगी की: संघर्ष भरे वे दिन (१६), यह एक दमदार पोस्ट है.प्रस्तुतकर्ता: रेखा श्रीवास्तव जीवन के अलग अलग रंग होते हें और सबके संघर्ष का रंग भी अलग अलग होता है ... |
ब्लॉगर्स मीट वीकली (35) , पुरुष नारी सम्बन्ध तन मन और आत्मा तीनों स्तर परब्लॉगर्स मीट वीकली (35) का ख़ास मौज़ू है प्रेम .क्या प्रेम आदमी की रोग प्रतिरोध क्षमता को बढ़ा देता है ? साइको -सेक्स्युअलिटी और ओब्सेसिव कम्पल्सिव डिस-ऑर्डर की संक्षिप्त और सुन्दर व्याख्या भी यहाँ पर है . |
जानिये दिमाग क्या याद रखता है और क्या भूल जाता है ?भागदोड़ और बेहद व्यस्तताओं से भरी हुई आधुनिक जीवनशैली ने इंसान को शारीरिक रूप से ही नहीं, मन-मस्तिष्क के स्तर पर भी अस्त-व्यस्त कर दिया है। |
हरदोई/एजेंसी ! बेटी के हाथ पीले करने की खातिर किसी बाप को अगर पहले अपने हाथ पीले करने पडे़ तो यह सुनने में ही अजीब लगेगा... |
साथियों सबसे पहले हिंदू नव संवत्सर 2069 की शुभकामनाएं स्वीकार कीजिए और पढ़िए एक उम्दा लेख ब्रह्मा जी ने ब्रह्म विद्या सिखाकर हमें मनुष्य बनाने का मिशन आज के दिन से शुरू किया था. posted by DR. ANWER JAMAL |
शालिनी कौशिक बढ़ चलो ए जिंदगीहर अँधेरे को मिटाकर बढ़ चलो ए जिंदगी आगे बढ़कर ही तुम्हारा पूर्ण स्वप्न हो पायेगा. गर उलझकर ही रहोगी उलझनों में इस कदर, डूब जाओगी भंवर में कुछ न फिर हो पायेगा. |
श्यामल सुमनमच्छड़ का फिर क्या करेंजीव मारना पाप है कहते हैं सब लोग।मच्छड़ का फिर क्या करें फैलाता जो रोग।।दुखित गधे ने एक दिन छोड़ दिया सब काम।गलती करता आदमी लेता मेरा नाम।। |
टेलीपैथी सिखाने वाला एक नया हिन्दी ब्लॉगटेलीपैथी सिखाने वाला एक नया ब्लॉग अब हिन्दी में Easy Telepathy RELAXATION EXERCISE BY WILLIAM HEWITT |
ब्रहमा जी जैसी महान हस्ती को आज ऐतिहासिक शख्सियत के बजाय केवल एक मिथकीय पात्र मानकर उनकी महत्ता को घटाया क्यों जाता है ? - हिंदी ब्लॉगर्स ने चैत्र मास से आरंभ होने वाले नवसमवत्सर पर लेख लिखे। हमने भी इस विषय पर लेख लिखा। चैत्र मास से आरंभ होने वाला यह कैलेंडर हिंदू वैज्ञानिकों न... |
‘मुशायरा‘ ब्लॉग पर 3 ख़ास पेशकश मां बाप हैं अल्लाह की बख्शी हुई नेमतमां बाप हैं अल्लाह की बख्शी हुई नेमतमिल जाएं जो पीरी में तो मिल सकती है जन्नत लाज़िम है ये हम पर कि करें उन की इताअत जो हुक्म दें हम को वो बजा लाएं उसी वक्त Patriotic Music in India and the Muslim ContributionAS we celebrate our 63rd Republic Day, let’s take a look at some Muslim contribution to patriotic songs in India over the years. The list is not exhaustive and considers only the more popular ones. |
डा. रूपचंद शास्त्री 'मयंक' जी |
विकलांग लड़की की पत्थर से शादी फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)।। इस वैज्ञानिक युग में भी समाज को अंधविश्वास की जकड़न से छुटकारा नहीं मिल पाया है। समाज को झकझोर देने वाला अंधविश्वास का नया मामला उत्तर प्रदेश में फतेहपुर जनपद के एक गांव का है, जहां एक पिता अपनी विकलांग बेटी की शादी पत्थर से तय कर निमंत्रण पत्र भी बांट चुका है। शादी की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और... |
गायत्री मंत्र पर उठने वाली आपत्तियों का निराकरण करने वाली एक दुर्लभ लेखमाला ‘वेद क़ुरआन‘ ब्लॉग पर जिसे 24 साल से ज़्यादा अध्ययन करने के बाद लिखा गया है और जिसकी अहमियत को समझने वाले बहुत ही कम हैं |
एसपी रावत।। कुरुक्षेत्र।। आज के युग में बेटे-बेटियां अपने बूढे मां बाप को सहारा देने से कतराते हैं, लेकिन एक ऐसी बेसहारा मां भी है जो अपने अपाहिज बेटे का पिछले 45 साल से लालन पालन करने में लगी है। मगर अब खुद उसे अपनी जिंदगी पर भरोसा नहीं रहा तो वह उसके लिए अपने से पहले मौत मांग रही है। |
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...उपन्यास का सातवा पन्ना! पढ़िए! ....पत्नियां तो पति सही हो या गलत....उसका साथ देती ही है!...लेकिन ऐसे कितने पति होते है जो गलत होते हुए भी पत्नी का साथ देते है?... |
निर्मल बाबा का दरबार बोले तो लाफ्टर शो ...-महेंद्र श्रीवास्तवमैं आपको बता दूं कि कुछ लोगों ने अपने निर्मल बाबा की कृपा को ही रोक लिया और उन्हें सवा करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। बात लुधियाना की है। बाबा को बैंक ने जो चेक बुक दी है, उसकी हूबहू कापी तैयार करके एक व्यक्ति ने सवा करोड़ रुपये बाबा के एकाउंट से निकाल लिया । हालाकि इस मामले में रिपोर्ट दर्ज हो गई है, पुलिस को फर्जीवाड़ा करने वालों की तलाश है। पर मेरा सवाल है कि जब बाबा के खुद के एंकाउंट में सेंधमारी हो गई और बाबा बेचारे कुछ नहीं कर पा रहे तो वो दूसरों के एकाउंट की रक्षा कैसे कर पाएंगे ? ...और अब मीट के अंत में यह भी देख लेना ज़रूरी है कि वेस्टर्नर्स क्या कहते हैं सच के बारे में ?
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12 comments:
ढेर सारे लिंक मिले!
हमारी रचना को शामिल करने के लिए आभार!
बढ़िया चर्चा
रविकर जी की अनोखी चर्चा ... निराला अंदाज़ ...
वाह, यहां तो बहुत सारे लिंक्स है। देखता हूं बारी बारी से , समय काफी लगेगा।
पर सभी की प्रस्तावना पढ़ चुका हूं, सभी एक से बढ़कर एक लिंक्स हैं।
अरे वाह आज तो बहुत सारे अच्छे-अच्छे लिंक्स मिले यहाँ पढ़ने में समय लगेगा..॥
meri post ko sthan dene ke liye aabhar.bahut shandar prastuti.badhai. धारा ४९८-क भा. द. विधान 'एक विश्लेषण '
बढ़िया चर्चा..अच्छे लिक्स..
आपके प्रयासों के कारण ही,नई पोस्ट के बावजूद पुरानी पोस्ट भी ज़िंदा रहती है।
इस बार चर्चा को आप लोग मिलकर एक अलग स्तर (लेवल) तक ले गए हैं।
अनोखी चर्चा ... निराला अंदाज़ ...
अच्छे-अच्छे लिंक्स मिले .
ek super hit charcha ke liye shukriya.
आगरा से बाहर होने के कारण इस मीट पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में मुझे इतना विलम्ब हो गया इसका मुझे खेद है ! मेरी रचना को आपने सम्मिलित किया उसके लिये आभारी हूँ !
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