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  • Friday, April 22, 2011
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  • आपका अख्तर खान अकेला
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  • श्यामल सुमन का एक ही पैगाम ..गर्व से कहो हम ब्लोगर हैं

                                                                   

    झलक

    बेबस है जिन्दगी और मदहोश है ज़माना
    इक ओर बहते आंसू इक ओर है तराना

    लौ थरथरा रही है बस तेल की कमी से
    उसपर हवा के झोंके है दीप को बचाना

    मन्दिर को जोड़ते जो मस्जिद वही बनाते
    मालिक है एक फिर भी जारी लहू बहाना

    मजहब का नाम लेकर चलती यहाँ सियासत
    रोटी बड़ी या मजहब हमको ज़रा बताना

    मरने से पहले मरते सौ बार हम जहाँ में
    चाहत बिना भी सच का पड़ता गला दबाना

    अबतक नहीं सुने तो आगे भी न सुनोगे
    मेरी कब्र पर पढ़ोगे वही मरसिया पुराना

    होते हैं रंग कितने उपवन के हर सुमन के
    है काम बागवां का हर पल उसे सजाना..........श्यामल किशोर झा की यह रचना झलक इनके ब्लॉग की तरफ आपको आकर्षित करने के लियें काफी है .
     जी हां दोस्तों साहित्यकार श्यामल सुमन का एक ही पैगाम ..गर्व से कहो हम ब्लोगर हैं , जो पुरे हिंदुस्तान में फेल रहा है , श्यामल सुमन वेसे तो एक ब्लोगर हैं लेकिन अपनी रचनाओं से यह विचारों को तराश कर जनता के सामने जिस अंदाज़ में रख रहे हैं उसने इनके अन्दर की श्यामल से खुशबूदार सुमन के बारे में लोगों को बता दिया है , श्यामल जी वेसे तो श्यामल किशोर झा के नाम से जाने जाते हैं लेकिन कवि और साहित्यकार की दुनिया में अब यह श्यामल सुमन हो गए हैं ,
    भाई श्यामल जी ब्लोगर को कहते हैं के गर्व से कहो के हम ब्लोगर हैं , यानि श्यामल जी ब्लोगर होना एक गर्व की बात मानते हैं और यह सही बात भी है क्योंकि इंटरनेट की दुनिया में देश विदेश में अपनी बात को मुफ्त में पहुँचने का यह एक ऐसा खुबसूरत जरिया है जिसका सदुपयोग किया जाए तो दुनिया ही स्वर्ग बन जाए और इसीलियें भाई श्यामल ब्लोगर होने पर गर्व करते हैं और दूसरों से भी यही अपेक्षा करते है के वोह खुद  भी इस पर गर्व करे बात साफ़ है उनका पैगाम छुपा है के कोई ब्लोगर ऐसा काम न करे जिससे ब्लोगिंग की दुनिया या खुद ब्लोगर को शर्मिंदा होना पढ़े और श्यामल जी का यह संदेश उन सभी ब्लोगरों के लियें मील का पत्थर है जो ब्लोगिंग की दुनिया में शेतानी हरकते कर ज़हर घोल रहे हैं अस्थिरता लाने का प्रयास कर रहे हैं .
    ,कई सेकड़ों पत्र पत्रिकाओं में इनकी कविताये प्रकाशित हो चुकी हैं और खुद भाई श्यामल ने रेत में जगती नदी पुस्तक का प्रकाशन किया है जो साहित्य के क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध रही है . 
    भाई श्यामल जी का हिंदी ब्लॉग मनोरमा है जिसपर अब तक १४२ कविताये और १८ व्यंग्य ,वगेरा प्रकाशित किये गए हैं श्यामल जी के ब्लॉग पर १६५ से भी अधिक फोलोवर्स हैं और मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखते हुए संवेदनशील विचारधारा के साठ राष्ट्रभक्ति से ओत प्रोत मनोरंजक रचनाएँ जिनमे एक नया दर्शन छुपा होता है श्यामल जी लिखते जा रहे हैं लिखते जा रहे हैं ........ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

    1 comments:

    DR. ANWER JAMAL said...

    सुमन जी के बारे में आपने बहुत अच्छी जानकारी दी । उनके विचार भी अच्छे लगे । अब हम उनके ब्लॉग पर भी जाया करेंगे ।
    शुक्रिया ।

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