न कुचलो हमारी स्वाधीनता को इस तरह,
कि इसके लिए हमने बहुत कुछ सहा है,
खैरात में नहीं मिली है हमे ये आजादी,
कितने कुर्बान हुए हैं और कितनो का लहू बहा है |
प्राणों से भी प्यारी है हमे ये स्वतंत्रता,
रक्षा को इसकी हम जान तक लुटा देंगे,
कोशिश न करना इसे छीनने की हमसे,
सरफिरे हैं तेरा वजूद तक मिटा देंगे |
देश के ठेकेदारों ! वक्त है संभलो,
आँच आये आजादी को वो काम मत करना,
गोरे अंगरेजो को सन ४७ मे भगाया,
साहस न करना,गेहुँए अंगरेज मत बनना |
सवा अरब जनता अगर सनक गई काफिर,
यातनाओ के जवाब मे हम भी दिखा देंगे,
उनको तो हमने बस खदेड़ के था छोड़ा,
गर्जना सुन तेरा नामोनिशान डूबा देंगे |
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