corruption in india
बीमारी की तरह फेल रहा है /उसमे सबसे ज्यादा जिम्मेदार
हमारे देश के नेता हैं /जो देश के सबसे ज्यादा जिम्मेदार
नागरिक हैं, और जिम्मेदार पदों पर आसीन हैं /उन्हें ही जिम्मेदार
ठहराया ज़ायेगा /आज जिस आन्दोलन की शरुआत अन्ना हजारेजी
ने की है ,वो कई साल पहले शुरू हो जाना चाहिए था /देश के हालात
इतने बिगड़ गए हैं ,की अब सुधार होना असंभव है /सबसे पहले
इन नेताओं के सुधार के लिए कुछ नियम बनाने होंगे /
१.इनके लिए भी अवकाश प्राप्ति की एक उम्र निश्चित करनी पड़ेगी |
२.परिवारवाद ख़त्म करना होगा |
३.इनके लिए भी जिस तरह से सरकारी अधिकारिओं की हर साल गोपनीय रिपोर्ट लिखी जाती है.इसी तरह इनके किया हुए काम का लेखा जोखा रखने के लिया एक कमेटी बंनानी चाहिये | उसकी रिपोर्ट के आधार पर उसे आगे के काम के लिया निउक्त करना चाहिये |
४.अपनी सम्पति का ब्योरा हर साल इनको देना चाहिये.|
५.पढाई के लिये भी कम से कम स्नातक तो होना ही चाहिये
६.सहूलियतें उतनी ही दें जितनी जरुरत हों.सारे रिश्तेदार पालने की जिम्मेअदारी सरकार की थोड़ी है.
अगर देश के नेता सुधर गए तो उनके आधीन सरकारी तंत्र अपने आप सुधर जाएगा |
अन्ना हम आपके साथ हैं आप ने बहुत अच्छा मुद्दा लेकर आन्दोलन सुरु किया है.भगवान् इन नेताओं को सदबुधि दे |
साथी हाथ बढाना, भारत से भ्रस्टाचार को है मिटाना
एक अकेला थक जाएगा,मिलकर हाथ बढाना
5 comments:
आपने जो लिखा है अगर-अगर ऐसा हो जाये तो, मगर ये असम्भव लगता है।
प्रेरणा जी,
जी आपका सुझाव बेहतर है। लेकिन ये नेता और नौकरशाह को आप नहीं जानती हैं, ये समाज के वो वायरस हैं जो कहीं भी घुसपैठ बना सकते हैं।इनके बारे में अगर आपने ज्यादा सोचना शुरू किया तो ये आपके दिमाग में भी घुस जाएंगे, और वहां से सारी फाइल डिलीट कर देगे।
ye kaam patthar tod ke murti banane jaisa hai ..magar ho jaye to bahut hi accha hoga
http://eksacchai.blogspot.com
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