औरत हया है और हया ही सिखाती है , ‘स्लट वॉक‘ के संदर्भ में

औरत हया है और हया ही सिखाती है , ‘स्लट वॉक‘ के संदर्भ में
औरत हमारी मां है, हमारी बहन है और हमारी बेटी है।
एक औरत ही हमारी अर्धांगिनी होती है। बचपन में जब हम नंगे घूमते हैं तो एक औरत ही हमें सिखाती है कि बेटा नंगे मत घूमो। एक औरत ही यह बात मर्द बच्चे को बताती है और अपना हक़ मानती है। वह कभी नहीं सोचती कि यह तो नर बच्चा है, हम तो औरत हैं इसे क्यों बतायें कि इसे क्या पहनना है और क्या नहीं ? एक औरत ही अपनी बेटी को तन के साथ सिर ढकना भी सिखाती है। एक औरत ही बताती है कि लड़की के कपड़े लड़कों के कपड़ों से अलग होने चाहिएं। इसी को हम सभ्यता और संस्कृति कहते हैं। यह हमें मां सिखाती है जो कि एक औरत होती है। बच्चे की पहली पाठशाला उसकी मां होती है। बचपन में एक मां अपने बच्चे को जो कुछ सिखा देती है वह उसके दिलो-दिमाग़ से कभी निकल नहीं पाता। आज लोग कपड़े पहनते हैं और सार्वजनिक रूप से उतारने को बेशर्मी मानते हैं और यह लोगों के मन में इतनी गहराई तक जमा हुआ है कि जो लोग प्रचार पाने के लिए ऐसा फूहड़पन करते भी हैं तो इसे वे भी ‘बेशर्मी‘ ही मानते हैं और ऐसी वॉक को ‘बेशर्मी की चाल ‘ ही कहते हैं। भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इसे बेशर्मी ही माना जाता है जिसे ‘स्लट वॉक‘ का नाम दिया गया है। नंगापन पश्चिमी संस्कृति नहीं है। नंगेपन को पश्चिम में भी बुरा ही माना जाता है। नंगापन बाज़ारवाद की देन है। मुनाफ़ाख़ोर व्यापारियों ने अपना माल बेचने के लिए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए नारी देह का इस्तेमाल किया और फिर उसे सुनियोजित ढंग से जीवन के एक दर्शन के तौर पर पेश किया। नादान लोग उसकी चपेट में आ गए। जीवन और जगत को सतही ढंग से लेने वाले इन्हीं बाज़ारवादी पूंजीपतियों के हित साधन करने के लिए पश्चिमी सभ्यता का नाश करने के बाद अब भारतीय नैतिकता पर प्रहार कर रहे हैं। हरेक धर्म-मत के नर-नारी इन्हें एक आवाज़ होकर धिक्कार रहे हैं। इन्हें धिक्कार तो रही है ख़ुद इनकी आत्मा भी लेकिन सवाल है कॉन्ट्रेक्ट का। लोग पेट की ख़ातिर जुर्म तक कर डालते हैं, हो सकता है कि इन्हें भी इनकी मजबूरियां और इनकी ज़रूरतें या फिर इनकी हवस तन के कपड़े उतारने के लिए मजबूर कर रही हो। औरत बहरहाल साक्षात हया होती है। किसी मजबूरी में ही वह बेहया होती है। जैसे हम वेश्याओं के बारे में सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हैं, ऐसे ही ‘स्लट वॉक‘ में शामिल औरतों के बारे में भी हमें हमदर्दी के साथ उनकी पृष्ठभूमि जानने की ज़रूरत है।
जल्दी में हमें औरतों को कुछ भी बुरा नहीं कहना चाहिए।
हमें संयम से काम लेना चाहिए।
रमज़ान का यह महीना भी हमें संयम की ही शिक्षा देता है।


12 comments:

Saleem Khan said...

super article

zeashan haider zaidi said...

Bahut Khoob!

रचना said...

http://bhartiynari.blogspot.com/2011/08/blog-post.html

is blog par aap bhi haen aur yae post slut walk india me karvane vali mahila ki tarif mae haen

aur aap yahaan keh rahey haen

। किसी मजबूरी में ही वह बेहया होती है। जैसे हम वेश्याओं के बारे में सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हैं, ऐसे ही ‘स्लट वॉक‘ में शामिल औरतों के बारे में भी हमें हमदर्दी के साथ उनकी पृष्ठभूमि जानने की ज़रूरत है।

shyaad shalini ji ki aankh ab bhi khul jaaye aur wo samjh sakey aap asli mae aurto ko kyaa samjtey haen

Bharat Bhushan said...

स्लट वॉक एक पब्लिसिटी स्टंट है. इसे भारतीय नारी के साथ या पश्चिमी नारी के साथ मिला कर देखना किसी भी तरह से उचित नहीं लगता.

Taarkeshwar Giri said...

एक औरत दूसरी औरत को जितनी गाली देती हैं शायद ही कोई मर्द उतनी गाली देता हो, एक औरत ही कोठे पर दूसरी औरतो को बैठाती हैं , एक औरत ही सास होती हैं , और एक औरत ही ननद होती हैं , और एक औरत ही बहु होती हैं.

एक अच्छा लेख तारीफे काबिल हैं,,.....

S.M.Masoom said...

स्लट वॉक यह पश्चिमी सभ्यता को चोर दरवाज़े से हिंदुस्तान मैं लाने की नाकाम कोशिश है.

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

अरे वाह! क्या बात है

Anju (Anu) Chaudhary said...

आज तक औरत पर....नारी पे बहुत लेख लिखे गए है
हर किसी का अपना नज़रिया है ...हम भी दिल से मानते है कि
औरत एक माँ है ..बहन है ...पत्नी है |
औरत को बाज़ार तक लेन वाला मर्द ही है
उसकी मजबूरी का फायदा उठा कर ..कभी प्यार का झांसा देकर ...उस दरवाज़े तक छोड़ गया
जहाँ से उसके लिए सब रस्ते बंद हो गए ....इस में उस औरत कि क्या गलती
औरत को औरत का दुश्मन किसने बनाया......हम लोगो की विचारधारा ने
हम लोगो की संकीर्ण मानसिकता ने ...
आपका लेख पढने के बाद ऐसा लगा कि ....जब तक आप जैसे लोग मन में औरत के लिए आदर लेकर
चल रहे है .....तब तक औरत ...महफूस ....सलामत है आज भी औरत का वजूद .........आभार

anu

Nirantar said...

i feel we must know the views of women at a larger level,as they are the worst affected

Mahesh Barmate "Maahi" said...

क्या कहूँ मैं के यहाँ तो सबकी अपनी अपनी राय है..
के कहीं औरत को वे कहते हैं देवी तो कहीं वो समाज के लिए बदनुमा दाग है...

जिम्मेदार केवल औरत हो जरूरी नहीं
के यहाँ तो कुछ मर्दों की सोच भी बर्बाद है...

अनवर जी !
आपने सही कहा कि जल्दबाज़ी मे हमें कुछ भी नहीं बोलना चाहिए...

औरतों की इसी हालत पे मैंने भी कभी एक कविता लिखी थी, कृप्य इसे भी देखें...

दलदल

Rajesh Kumari said...

aapne sahi kaha nangapan bazaar vaad ki den hai.yahi baat 100% sahi hai.jo har desh me badi teji se panap rahi hai.videshon me bhi humari peedhi ke log ise bahut bura kah rahe hain par ek to har kshetra me compition aadhunikta ka bhoot savaar paise kamaane ke naye naye hathkande akhtiyaar kar rahe hain.ye sirf baazarvaad hi hai.par jo desh sabhyta sanskrati ka prteek hai doosre desh bhi iski misaal dete hain us bharat me yesi sabhyta sveekarya nahi hai.

prerna argal said...

आपकी पोस्ट "हिंदी ब्लॉगर वीकली {३}"के मंच पर सोमबार ७/०८/११को शामिल किया गया है /आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। कल सोमवार को
ब्लॉगर्स मीट वीकली में आप सादर आमंत्रित हैं।

Read Qur'an in Hindi

Read Qur'an in Hindi
Translation

Followers

Wievers

join india

गर्मियों की छुट्टियां

अनवर भाई आपकी गर्मियों की छुट्टियों की दास्तान पढ़ कर हमें आपकी किस्मत से रश्क हो रहा है...ऐसे बचपन का सपना तो हर बच्चा देखता है लेकिन उसके सच होने का नसीब आप जैसे किसी किसी को ही होता है...बहुत दिलचस्प वाकये बयां किये हैं आपने...मजा आ गया. - नीरज गोस्वामी

Check Page Rank of your blog

This page rank checking tool is powered by Page Rank Checker service

Promote Your Blog

Hindu Rituals and Practices

Technical Help

  • - कहीं भी अपनी भाषा में टंकण (Typing) करें - Google Input Toolsप्रयोगकर्ता को मात्र अंग्रेजी वर्णों में लिखना है जिसप्रकार से वह शब्द बोला जाता है और गूगल इन...
    11 years ago

हिन्दी लिखने के लिए

Transliteration by Microsoft

Host

Host
Prerna Argal, Host : Bloggers' Meet Weekly, प्रत्येक सोमवार
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

Popular Posts Weekly

Popular Posts

हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide

हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide
नए ब्लॉगर मैदान में आएंगे तो हिंदी ब्लॉगिंग को एक नई ऊर्जा मिलेगी।
Powered by Blogger.
 
Copyright (c) 2010 प्यारी माँ. All rights reserved.