खतरनाक होते हैं सोते हुए लोग Police Opinion - अविनाश वाचस्‍पति

बाबा रामदेव की अनशन वाली सभा पर रामलीला मैदान में रात को पुलिस ने खूब सारी लाठियां बरसाईं। पुलिस जब लाठियां बरसाती हैं तो बेदर्दी से बरसाती है। बेरहमी से पब्लिक का खून बहाती है। खून बह रहा होता है और पुलिस की लाठियां चार्ज हो रही होती हैं। ऐसा सब कहते हैं जबकि लाठियां कोई मोबाइल फोन नहीं हैं जिनमें बैटरी लगी हुई होती हो और उन्‍हें चार्ज करना जरूरी हो। इसलिए पहले सिरे से ही इस आरोप को हम पुलिसवाले नकारते हैं कि लाठियों को किसी प्रकार भी चार्ज किया गया था। जबकि लाठियों से पिटाई करने से पहले लाठियों को तेल पिलाया जाता रहा है। हमने तो उन्‍हें तेल की छोडि़ए, दूध पानी तक भी नहीं पिलाया था। जिन लाठियों ने कुछ पिया ही नहीं , वे भला कैसे चार्ज हो सकती थीं। वैसे अगर आप बाबा रामदेव की अनशन सभा को तितर-बितर करने के लिए लाठियां मारने को चार्ज करना कह रहे हैं फिर तो मोबाइल फोन को भी मार मार कर चार्ज किया जा सकता होगा और ऐसा करने का क्‍या हश्र हो सकता है, आप एक बार मोबाइल को कहीं पर मार कर खुद ही चार्ज करके देख लीजिए। जब मोबाइल फोन ही चार्ज नहीं हो रहे हैं मारने से तो भला लाठियां कैसे चार्ज हो सकती हैं। उसी प्रकार जिस प्रकार पत्‍थर मारे जाने पर पत्‍थर चार्ज करना नहीं कहा जाता है। जिन चीजों को चार्जिंग की जरूरत पड़ती है, उसके बारे में तो सारी दुनिया जानती है। दिमाग जरूर चार्ज करना पड़ता है। उसको भी अगर दीवार में या पत्‍थर पर दे मारें तो जो चार्जिंग बची हुई होगी वो भी डिस्‍चार्ज हो जाएगी। अगर दिमाग चार्ज नहीं किया जाता होता तो ऐसे नायाब तरीके भला पुलिस को कैसे सूझ सकते थे। जिसके कारिंदों के दिमाग अपने ठेठ गंवारपने के लिए मशहूर हैं।जहां तक फोटो और वीडियो की बात है वो तो आजकल तकनीक इतनी सक्षम है कि जो नहीं हुआ उसे ऐसे और इतने सारे सबूतों के साथ पेश कर दिया जाता है कि ऑरीजनैलिटी भी शर्मा जाए। यही रामलीला की लीला देखने दिखाने के लिए किया जाता है।  वैसे तो समाज में लीला करने के लिए सब लालायित रहते हैं। कितनी प्रकार की लीलाएं हम आप बचपन से देखते सुनते रहते हैं। कभी कृष्‍ण लीला, कंस लीला, राम लीला, रास लीला, रावण लीला इनमें अगर पुलिस लीला और जुड़ गई तो क्‍या आफत आ गई। आखिर एक और लोक कला में इजाफा हुआ है। कलाओं की बेहतरी और वृद्धि के लिए तो हम सब लोग और समाज वैसे ही प्रयत्‍न करते रहते हैं। हमने इसमें थोड़ा सा संशोधन कर दिया तो क्‍या बुरा कर दिया। इतना हो हल्‍ला लीलाओं के लिए मचाने की क्‍या जरूरत है कि सब मचान बांधकर पुलिस के विरोध में तैनात हो गए हैं। जब आपके साथ कुछ होता है तब भी तो आप पुलिस की शरण मे ही आते हो, अगर हमने उस दिन खुदही आपको अपनी शरण में लेना चाहा और आप हमें देखकर ही डरकर त्राहि त्राहि करने लगे।जहां तक चैनलों की बात है तो वे तो सब कुछ सनसनीखेज बनाकर परोसने के लिए सदा तैयार रहते हैं। तो यह सब करामात अगर मीडिया ने कर ही दी तो क्‍या हुआ, आप इतने बेचैन क्‍यों हो रहे हैं।फिर लीला ही तो की है बाबा को लील तो नहीं लिया है हमने। जबकि बाबा खुद ही भ्रष्‍टाचार को लीलने के लिए नौ दिन से खाना पीना छोड़ रखे थे। कोशिश ही तो की थी पर लील तो एकाध को ही पाए हैं पर आप इस तरह चिल्‍लाए हैं कि मानो पुलिस ने लीला करके सारी कायनात ही लील ली हो।लाठीचार्ज की बात बेमानी है। वैसे भी बाबा भड़का रहे थे। यह कैसे साबित हो सकता है कि सोते हुए लोग भड़क नहीं सकते। सोते हुए लोग तो सबसे अधिक खतरनाक होते हैं। जो बोलते नहीं, उनसे सबको भय लगता है। सोते हुए लोगों पर बल प्रयोग करके पुलिस ने अपनी उद्यमशीलता का परिचय दिया है। कहा भी गया है कि एक चुप्‍पी का मुकाबला करना आसान नहीं है तो हमने सोते हुए चुप लोगों का मुकाबला करके कितना बड़ा तीर मारा है, इसे आप कैसे महसूस कर पायेंगे। वैसे भी पुलिस जोखिम वाले कार्य ही करती है, उसे मालूम था कि इस कार्रवाई पर उसे जरूर जवाबदेही का सामना करना पड़ेगा लेकिन हम तनिक चिंतित नहीं हए हैं और हमने पूरा जोखिम लिया है। हमें पुरस्‍कार देना तो दूर की बात, सीधी नजरों से भी नहीं देख रहे हैं आप आम लोग।
Source : http://avinashvachaspati.jagranjunction.com/2011/07/21/%E0%A4%96%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%95-%E0%A4%B9%E0%A5%8B%E0%A4%A4%E0%A5%87-%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82-%E0%A4%B8%E0%A5%8B%E0%A4%A4%E0%A5%87-%E0%A4%B9%E0%A5%81%E0%A4%8F-%E0%A4%B2/

-------------

अविनाश वाचस्‍पति जी की यह पोस्ट जागरण जंक्शन की सप्ताह की सर्वाधिक देखी गयी पोस्ट घोषित की गयी है .
अविनाश जी ! मुबारक हो आपको , आपका यह लेख सचमुच ही अच्छा है . इसे हम अपनी हिन्दी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेश्नल पर पेश कर रहे हैं आज शाम ५ बजे और सोमवार को (१ अगस्त २०११) ब्लॉगर्स मीट वीकली में भी इसे पेश किया जाएगा  , आप सादर आमंत्रित है .

5 comments:

Shalini kaushik said...

ऐसी विचारणीय पोस्ट के लिए आभार.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

"?"

Shikha Kaushik said...

very realistic article .

DR. ANWER JAMAL said...

बाबा रामदेव : राष्ट्रवादियों के अग्रदूत
बरसों पहले जब दुनिया बाबा की दीवानी थी। तब भी हमने लोगों को बताया था कि योग के नाम पर बिज़नैस किया जा रहा है। पश्चिम में योग की मूल आत्मा वैराग्य को ग्रहण नहीं किया जा रहा है बल्कि वहां की औरतें अपने नितम्ब आकर्षक बनाने के लिए बाबाओं से योग सीखती हैं और इसी मक़सद से वहां के पुरूष भी योग सीख रहे हैं। तनाव से मुक्ति के लिए भी वे योग को एक एक्सरसाइज़ के तौर पर ही लेते हैं। लेकिन हमारे कहने पर तब उचित ध्यान ही नहीं दिया गया बल्कि हमें कह दिया गया कि आप तो हैं ही देश के ग़द्दार ।
जिन्हें राष्ट्रवादियों का अग्रदूत माना जा रहा था, उनका कच्चा चिठ्ठा आज सबके सामने है तो समझा जा सकता है कि जो लोग इनके साथ थे या इनके पीछे थे, उनके कर्म कैसे होंगे ?
आज बाबा और उनका राज़दार बालकृष्ण दोनों ही चिंतातुर नज़र आते हैं। वे तनाव दूर करने के लिए ख़ुद योग का सहारा क्यों नहीं लेते ?
गद्दी पर क़ब्ज़े के लिए गुरू जी को ऊर्ध्वगमन करा देने वाले शिष्य कुछ भी कर सकते हैं। अपने ही जैसे राजनीतिज्ञों से अगर वह भी दूसरे बाबाओं की तरह सैटिंग कर लेते तो आज उनके आभामंडल पर यूं आंच न आती। जो अफ़सर कल तक पांव छूते थे वे आज गला पकड़ रहे हैं।
ये बाबा तो लोक व्यवहार की नीति तक से अन्जान निकले।

इस मंच को एक बेहतरीन लेख देने के लिए आपका शुक्रिया !

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

सोये हुए लोगों पर लाठीचार्ज करना वाकई गलत था, लेकिन मै इसे इस तरह से भी लेता हूं कि दिल्ली में मुझे पहली बार लगा कि कोई सरकार है, जो इतना बडा फैसला करती है।

देखिए मेरी बातों का गलत अर्थ ना लगाएं , लेकिन हिंदू कट्टरपंथी जब कहा करते थे कि हर मुसलमान आतंकवादी नहीं होता, लेकिन हर आतंकवादी मुसलमान ही क्यों होता है... ये सवाल खड़े किए जाते थे। अब मुझे लगता है कि हिंदू आतंकवाद ज्यादा खतरनाक रूप ले रहा है। इस पर गंभीरता से विचार की जरूरत है।

Read Qur'an in Hindi

Read Qur'an in Hindi
Translation

Followers

Wievers

join india

गर्मियों की छुट्टियां

अनवर भाई आपकी गर्मियों की छुट्टियों की दास्तान पढ़ कर हमें आपकी किस्मत से रश्क हो रहा है...ऐसे बचपन का सपना तो हर बच्चा देखता है लेकिन उसके सच होने का नसीब आप जैसे किसी किसी को ही होता है...बहुत दिलचस्प वाकये बयां किये हैं आपने...मजा आ गया. - नीरज गोस्वामी

Check Page Rank of your blog

This page rank checking tool is powered by Page Rank Checker service

Promote Your Blog

Hindu Rituals and Practices

Technical Help

  • - कहीं भी अपनी भाषा में टंकण (Typing) करें - Google Input Toolsप्रयोगकर्ता को मात्र अंग्रेजी वर्णों में लिखना है जिसप्रकार से वह शब्द बोला जाता है और गूगल इन...
    12 years ago

हिन्दी लिखने के लिए

Transliteration by Microsoft

Host

Host
Prerna Argal, Host : Bloggers' Meet Weekly, प्रत्येक सोमवार
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

Popular Posts Weekly

Popular Posts

हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide

हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide
नए ब्लॉगर मैदान में आएंगे तो हिंदी ब्लॉगिंग को एक नई ऊर्जा मिलेगी।
Powered by Blogger.
 
Copyright (c) 2010 प्यारी माँ. All rights reserved.