दुनिया के सामने युहीं अपना कमाल रख.
अपनी अकीदतों का जरा सा खयाल रख.
आना है मेरे दर पे तो सर पे रुमाल रख.
मैं डूबता हूं और उभरता हूं खुद-ब-खुद
तू मेरी फिक्र छोड़ दे अपना खयाल रख.
जो भी शिकायतें हैं उन्हें खुल के बोल दे
अच्छा नहीं कि दिल में तू कोई मलाल रख.
अब तू खुदा-परस्त नहीं खुद-परस्त बन
जीने के वास्ते यहां खुद को निहाल रख.
जिसकी मिसाल ढूँढनी मुमकिन न हो सके
हम सब के सामने कोई ऐसी मिसाल रख.
अपना बचाव करने का हक हर किसी को है
तलवार रख म्यान में, हाथों में ढाल रख.
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