यह महंगाई तो सरकार प्रायोजित है
एक सोची समझी रणनीति का नतीजा
16 जुलाई को दैनिक जागरण के प्रथम पृष्ठ पर दो ख़बरों को टॉप बॉक्स बनाया गया था. पहली खबर थी-32 हज़ार में नैनो मकान और दूसरी खबर थी-720 रुपये में मिलेगा गैस सिलेंडर. पहली खबर बीपीएल के लिए थी और दूसरी एपीएल के लिए. एक को सौगात दूसे पर बोझ. दरअसल यही कांग्रेसनीत यूपीए सरकार का गुप्त एजेंडा है. वोटों का एक नया समीकरण बनाने का प्रयास. बांटों और राज्य करो की ब्रिटिशकालीन नीति का नया संस्करण. आजादी के बाद लंबे समय तक ब्रह्मण, हरिजन और मुसलमान के जातीय समीकरण के आधार पर सत्तासुख प्राप्त कार चुकी कांग्रेस इस वोट बैंक के खिसकने के बाद अब बीपीएल-एपीएल के आधार पर समाज को नए सिरे से विभाजित कर बीपीएल मतदाताओं का समर्थन पाने का ख्वाब देख रही है. उसके गणित के मुताबिक बीपीएल संख्या में ज्यादा हैं. वे साथ हो लें तो राजपाट सुरक्षित हो जायेगा. इसीलिए सरकार जानबूझकर सब्सीडी हटा रही है और महंगाई बढ़ा रही है. वह मान चुकी है कि एपीएल का वोट उसे चाहिए ही नहीं. इसीलिए महंगाई के खिलाफ आवाज़ उठने पर उसके नुमाइंदे पूरी बेशर्मी के साथ सीना ठोक कर कहते हैं कि महंगाई तो बढ़ेगी.
1 comments:
आपकी नजरिये से पूरी तरह सहमत |
Post a Comment