आज हिंदी दिवस के शुभअवसर पर हमारे
ब्लोगर साथियों को बहुत शुभकामनाएं
अंग्रेज चले गए अंग्रेजी छोड़ गए
आज हमारे देश में हर तरफ अंग्रेजी का बोलबाला है
/हर शिक्षित इंसान अंग्रेजी में बात करता हुआ ही
नजर आता है /बल्कि ये कहा जाए की अंग्रेजी
में बोलना स्वाभिमान या (स्टेटस सिम्बल) हो
गया है तो अतिशोक्ति नहीं होगी /अगर आपको
अंग्रेजी में बात करना नहीं आता तो आपको
हिकारत की नजरों से देखा जाता है /तुच्छ समझा
जाता है भले आप कितने ही पढ़े लिखे क्यों नहीं हो /
कितने ही ज्ञानी क्यों नहीं हो /अंग्रेजी बोलना नहीं
आया तो आपका सब ज्ञान बेकार हो जाता है /
हिन्दुस्तान में रहकर आराम और बढे शान से
इन्सान बोलता है की मुझे हिंदी बोलना नहीं
आता या मुझे हिंदी बोलने में दिक्कत होती है
/सोचिये कितने शर्म की बात है की हम अपनी
मात् भाषा को बोलने में और पढने में शर्माते
हैं और अंग्रेजी बोलनें में गर्व महसूस करते हैं /
आज कल स्कूलों में हिंदी की गिनती नहीं
सिखाई जाती बच्चों को अगर हिंदी में संख्या
बोल दो तो बच्चे पूछने लगतें हैं छत्तीस
याने क्या तब उनको बोलो बेटा छत्तीस
माने थर्टी -सिक्स /ये हाल है हमारे देश का /
जबकि विदेशों में ऐसा नहीं होता वहां के लोग
अपनी देश की भाषा बोलनें में गर्व महसूस
करतें हैं /मैंने तो कई देशों के प्रधानमन्त्री
और राष्ट्रपति को देखा है की वो अपनी
भाषा में ही बात करना या भाषण देना
पसंद करते हैं /चाहे उन्हें दोभाषिया की भी
सहायता क्यों ना लेना पढ़े / उन्हें तो अपनी
भाषा में बोलने में कोई शर्म नहीं आती /
हम लोग अंग्रेजों की गुलामी से तो मुक्त
हो गए परन्तु अंग्रेजी के गुलाम हो गए /
मैं ये नहीं कह रही की दूसरी भाषा में बोलना
या सीखना बुरी बात है परन्तु दूसरी भाषा
के सामने अपनी राष्ट्र भाषा को तुच्छ समझना
उसको बोलने में शर्म महसूस करना या कोई
बोल रहा है उसको हिकारत की नजर से देखना
ये तो अच्छी बात नहीं हैं /आज अगर आपको
ऊँची सोसाइटी में आना जाना है तो अंग्रेजी
बोलना जरुर आना चाहिए नहीं तो आप
उनकी नजरों में गंवार नजर आयेंगे वो
आपको निम्न समझेंगे /हमारे दक्षिण
प्रदेशों के तो और भी बुरे हाल हैं वहां
अंग्रेजी के कुछ शब्द तो फिर भी लोग
समझ लेते हैं परन्तु हिंदी का कोई भी
शब्द नहीं समझते/बल्कि हिंदी
बोलने वालों के साथ उनका ब्यवहार
ही अलग होता है / अपने प्रदेशों की भाषा बोलना
तो ठीक है परन्तु अपनी राष्ट्र भाषा का ज्ञान भी हर हिन्दुस्तानी को होना जरुरी है /
आज हिंदी दिवस पर हम सबको हिंदी भाषा के
प्रचार और प्रसार को बढ़ाने के लिए उपयुक्त
कदम उठाना चाहिए /और अपने जाननेवालों
को हिंदी में बात करने के लिए प्रोत्साहित
करना चाहिए /बच्चों को भी हिंदी भाषा का
ज्ञान देना बहुत जरुरी है /सारे देश के स्कूलों
में हिंदी विषय का ज्ञान जरुर देना चाहिए /
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है और उसका हमें
दिल से सम्मान करना चाहिए /उसको बोलनें में
शर्म नहीं गर्व महसूस करना चाहिए /
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा
हिंदी हैं हम वतन हैं
हिन्दुस्तां हमारा
3 comments:
बहुत उत्तम एवं महत्त्व पूर्ण आलेख के लिए बधाई आज कल ऐसे आलेखों की बहुत आवश्यकता है उसी से प्रेरित होकर मैंने आज से हिंदी में टिपण्णी देनी शुरू कर दी है !हिंदी दिवस की बधाई !
"राष्ट्रभाषा जब हिंदी है फिर अंग्रेजियत छोड़ दो;
हिंदुस्तान में रहते हो तो दोहरी नियत छोड़ दो |"
बहुत बढ़िया लेख | आज हिंदी को उसका उचित स्थान दिलाने के लिए बहुत कुछ करने की जरुरत है और ये जिम्मेदारी हम हिंदी भाषियों को ही उठानी पड़ेगी | हिंदी दिवस की आपको भी शुभकामनायें |
मेरी नई रचना जरुर देखें-
**मेरी कविता:राष्ट्रभाषा हिंदी**
बहुत बहुत धन्यवाद आप सबका की आपने मेरे लेख को पसंद किया और इतने अच्छे सन्देश देकर मेरा उत्साह बढ़ाया /आशा है आगे भी आप सबका आशीर्वाद मेरी रचनाओं को मिलता रहेगा /आभार /
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