इंसान का मक़सद इंसानियत है और बहुत से प्लान और विधियां समय समय पर सामने आती रहीं जिनका मक़सद इंसान को नेकी और भलाई के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देना, इंसान को इंसानियत के जज़्बे से मालामाल करना था। धर्म, दर्शन, कला और विज्ञान, इनमें से हरेक का असली मक़सद यही था कि इंसान का भला हो, उसे सुख, प्रसन्नता और आनंद प्राप्त हो।
सारी धरती पर आबाद एक ही परिवार हैं। सुख, सम्मान और सुरक्षा सभी का जन्मसिद्ध मौलिक अधिकार है। इस मक़सद के लिए सभी को मिलकर काम करना था लेकिन हुआ इसका उल्टा। एक ज़मीन को बहुत से टुकड़ों में बांट लिया गया और इंसान को इंसान बनाने वाली विधियों के नामों की आड़ लेकर एक वर्ग के ज़ालिमों ने दूसरे वर्गों के लोगों पर ज़ुल्मो-सितम के पहाड़ तोड़ दिए और फिर उन्होंने बख्शा अपने वर्ग के कमज़ोरों को भी नहीं। यह सिलसिला आज तक जारी है। न्याय के बजाय हर तरफ़ ताक़त का राज है।
ब्लॉगिंग ने राजनैतिक सीमाओं का अतिक्रमण कर दिया है और इंसानियत के हक़ में और उसके खि़लाफ़ सोचे गए हरेक ख़याल को एक जगह इकठ्ठा कर दिया है। इस घटना का साक्षी हिंदी ब्लॉग जगत भी बन रहा है। यह एक सुनहरा वक्त है। हम इस वक्त का लाभ उठाते हुए सारी वसुधा को फिर से एक कुटुंब बना सकते हैं, हरेक निकृष्ट विचार को छोड़ते हुए सर्वोत्तम विचार को ग्रहण कर सकते हैं।
हिंदी ब्लॉगिंग का मक़सद यही होना भी चाहिए।
‘हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल‘ को वुजूद में लाने का मक़सद यही था। इसने तमाम तरह की दिक्क़तों के बीच अपना सफ़र जारी रखा और अलग अलग वर्गों के थोड़े से लोगों का सहयोग भी इसे मिला। उन थोड़े से लोगों में भी सक्रियता दिखाने वाले कम ही रहे, चाहे हालात कुछ भी रहे हों।
हरेक ब्लॉगर का आज अपना निजी ब्लाग भी है और उनमें से ज़्यादातर किसी न किसी साझा मंच के सदस्य या फ़ोलोअर भी हैं। अब ज़रूरत है कि साझा मंच भी आपस में जुड़कर बैठें। उसका कोई भी तरीक़ा निकाला जा सकता है। हमने यह तरीक़ा सोचा है कि साझा मंच से जुड़े हुए किसी अनुभवी आदमी को ‘ब्लॉगर्स मीट वीकली‘ का सभापति बनाया जाए और उनके अनुभवों से लाभ उठाया जाए। एक मास तक एक ही सभापति की निगरानी में गोष्ठी की जाए और इस बीच मंच पर उनकी कुछ विशेष पोस्ट्स को भी पब्लिश किया जाए। इस तरह एक साल में न सिर्फ़ बारह योग्य और सीनियर ब्लॉगर्स के ज्ञान और अनुभव से लाभ उठाना मुमकिन है बल्कि मिल-जुल बैठने के एक नए अंदाज़ की शुरूआत भी हो जाएगी। जिसके अच्छे असरात पड़ना लाज़िमी हैं।
इस क्रम में हमने सबसे पहले आदरणीय श्री रूपचंद शास्त्री ‘मयंक‘ जी से सादर अनुरोध किया कि वे सोमवार को होने वाली ‘ब्लॉगर्स मीट वीकली‘ के सभापति पद को ग्रहण करना स्वीकार करें और थोड़ी सी इल्तेजा के बाद वे आखि़रकार मान भी गए। इसके लिए उन्होंने लिखित तौर पर भी सूचित कर दिया है।
अतः हम इस बात की सूचना सभी ब्लॉगर भाईयों को देना चाहते हैं कि इस सोमवार को होने वाले साप्ताहिक समारोह की अध्यक्षता आदरणीय शास्त्री जी करेंगे।
सारी धरती पर आबाद एक ही परिवार हैं। सुख, सम्मान और सुरक्षा सभी का जन्मसिद्ध मौलिक अधिकार है। इस मक़सद के लिए सभी को मिलकर काम करना था लेकिन हुआ इसका उल्टा। एक ज़मीन को बहुत से टुकड़ों में बांट लिया गया और इंसान को इंसान बनाने वाली विधियों के नामों की आड़ लेकर एक वर्ग के ज़ालिमों ने दूसरे वर्गों के लोगों पर ज़ुल्मो-सितम के पहाड़ तोड़ दिए और फिर उन्होंने बख्शा अपने वर्ग के कमज़ोरों को भी नहीं। यह सिलसिला आज तक जारी है। न्याय के बजाय हर तरफ़ ताक़त का राज है।
ब्लॉगिंग ने राजनैतिक सीमाओं का अतिक्रमण कर दिया है और इंसानियत के हक़ में और उसके खि़लाफ़ सोचे गए हरेक ख़याल को एक जगह इकठ्ठा कर दिया है। इस घटना का साक्षी हिंदी ब्लॉग जगत भी बन रहा है। यह एक सुनहरा वक्त है। हम इस वक्त का लाभ उठाते हुए सारी वसुधा को फिर से एक कुटुंब बना सकते हैं, हरेक निकृष्ट विचार को छोड़ते हुए सर्वोत्तम विचार को ग्रहण कर सकते हैं।
हिंदी ब्लॉगिंग का मक़सद यही होना भी चाहिए।
‘हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल‘ को वुजूद में लाने का मक़सद यही था। इसने तमाम तरह की दिक्क़तों के बीच अपना सफ़र जारी रखा और अलग अलग वर्गों के थोड़े से लोगों का सहयोग भी इसे मिला। उन थोड़े से लोगों में भी सक्रियता दिखाने वाले कम ही रहे, चाहे हालात कुछ भी रहे हों।
हरेक ब्लॉगर का आज अपना निजी ब्लाग भी है और उनमें से ज़्यादातर किसी न किसी साझा मंच के सदस्य या फ़ोलोअर भी हैं। अब ज़रूरत है कि साझा मंच भी आपस में जुड़कर बैठें। उसका कोई भी तरीक़ा निकाला जा सकता है। हमने यह तरीक़ा सोचा है कि साझा मंच से जुड़े हुए किसी अनुभवी आदमी को ‘ब्लॉगर्स मीट वीकली‘ का सभापति बनाया जाए और उनके अनुभवों से लाभ उठाया जाए। एक मास तक एक ही सभापति की निगरानी में गोष्ठी की जाए और इस बीच मंच पर उनकी कुछ विशेष पोस्ट्स को भी पब्लिश किया जाए। इस तरह एक साल में न सिर्फ़ बारह योग्य और सीनियर ब्लॉगर्स के ज्ञान और अनुभव से लाभ उठाना मुमकिन है बल्कि मिल-जुल बैठने के एक नए अंदाज़ की शुरूआत भी हो जाएगी। जिसके अच्छे असरात पड़ना लाज़िमी हैं।
इस क्रम में हमने सबसे पहले आदरणीय श्री रूपचंद शास्त्री ‘मयंक‘ जी से सादर अनुरोध किया कि वे सोमवार को होने वाली ‘ब्लॉगर्स मीट वीकली‘ के सभापति पद को ग्रहण करना स्वीकार करें और थोड़ी सी इल्तेजा के बाद वे आखि़रकार मान भी गए। इसके लिए उन्होंने लिखित तौर पर भी सूचित कर दिया है।
अतः हम इस बात की सूचना सभी ब्लॉगर भाईयों को देना चाहते हैं कि इस सोमवार को होने वाले साप्ताहिक समारोह की अध्यक्षता आदरणीय शास्त्री जी करेंगे।
मंच के सदस्यों को या किसी अन्य को इस संबंध में यदि कोई सुझाव देना है तो वह ईमेल से भेज दे ताकि उस पर विचार कर लिया जाए। टिप्पणियों के माध्यम से मिलने वाले किसी सुझाव को आपत्तिजनक पाए जाने की दशा में डिलीट भी किया जा सकता है।
शुरूआती व्यवस्था के लिए अभी इतना ख़ाका काफ़ी है। बाक़ी समय आने के साथ इसमें मज़ीद रंग भरते ही चले जाएंगे। नए अध्यक्ष द्वारा समय न दे पाने की दशा में पिछले सभापति बदस्तूर सरपरस्ती करते रहेंगे। ब्लॉगर्स मीट वीकली की तमाम गतिविधियों पर अध्यक्ष महोदय का निर्णय अंतिम होगा क्योंकि सीनियर्स को सम्मान देने और उनके अनुभवों से लाभ उठाने के लिए ही यह पद सृजित किया गया है।
हरेक ब्लॉगर और ग़ैर-ब्लॉगर नेट यूज़र सादर आमंत्रित है।
मंच के सदस्यों समेत सभी से अनुरोध है कि वे कल तक अपनी रचनाओं के लिंक ईमेल से अवश्य भेज दें ताकि उन्हें चर्चा में जगह दी जा सके और उसके बाद सप्ताह में कम से कम एक पोस्ट इस मंच पर ज़रूर पेश कर दिया करें ताकि उनकी सक्रियता से मंच को भी लाभ हो और ख़ुद उनको भी।
चर्चा करने वाली एक उदीयमान महिला ब्लॉगर के बारे अभी न बताकर सोमवार को ही बताया जाएगा ताकि क़यास लगाने वालों के लिए एक पहेली हल करने के का मज़ा बदस्तूर क़ायम रहे।
शुक्रिया !
शुरूआती व्यवस्था के लिए अभी इतना ख़ाका काफ़ी है। बाक़ी समय आने के साथ इसमें मज़ीद रंग भरते ही चले जाएंगे। नए अध्यक्ष द्वारा समय न दे पाने की दशा में पिछले सभापति बदस्तूर सरपरस्ती करते रहेंगे। ब्लॉगर्स मीट वीकली की तमाम गतिविधियों पर अध्यक्ष महोदय का निर्णय अंतिम होगा क्योंकि सीनियर्स को सम्मान देने और उनके अनुभवों से लाभ उठाने के लिए ही यह पद सृजित किया गया है।
हरेक ब्लॉगर और ग़ैर-ब्लॉगर नेट यूज़र सादर आमंत्रित है।
मंच के सदस्यों समेत सभी से अनुरोध है कि वे कल तक अपनी रचनाओं के लिंक ईमेल से अवश्य भेज दें ताकि उन्हें चर्चा में जगह दी जा सके और उसके बाद सप्ताह में कम से कम एक पोस्ट इस मंच पर ज़रूर पेश कर दिया करें ताकि उनकी सक्रियता से मंच को भी लाभ हो और ख़ुद उनको भी।
चर्चा करने वाली एक उदीयमान महिला ब्लॉगर के बारे अभी न बताकर सोमवार को ही बताया जाएगा ताकि क़यास लगाने वालों के लिए एक पहेली हल करने के का मज़ा बदस्तूर क़ायम रहे।
शुक्रिया !
6 comments:
congrats.
अच्छा प्रयास है आपका.
bahut achcha laga.......mubarak ho.
good.. Mujhe kal ki charcha ka intjaar hai... Badhai
good.. Mujhe kal ki charcha ka intjaar hai... Badhai
main kuchh bhi kahunga to wah bhi pahli bloggers meet ke baad...
shubhkaamnaayen sweekaaren
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