अच्छी टिप्पणियाँ ही ला सकती हैं प्यार की बहार Hindi Blogging Guide (22)

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  • Wednesday, August 3, 2011
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  • DR. ANWER JAMAL
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  • ब्लॉगिंग से सम्बद्ध हिंदी से प्यार करने वालों के लिए पहली हिंदी गाइड का प्रकाशन वास्तव में सुखद है. बड़ी ही स्वाभाविक-सी बात है कि हर इन्सान की अपनी समझ, अनुभूति, अनुभव और अभिव्यक्ति होती है.परन्तु प्रायः देखा जाता रहा है कि कई कारणों से, मसलन, संकोचवश, अज्ञानतावश अथवा आत्मविश्वास की कमी के कारण आदमी अपने अन्दर उमड़ते-घुमडते विचारों को अभिव्यक्त नहीं कर पाता था . कई बार वो अपने विचार पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से कहने में कामयाब हो जाता था परन्तु कई बार उसके लेख/आलेख/निबंध/कविता और कहानी इत्यादि संपादक के नज़रिए से उनकी पत्र-पत्रिका के लिए उपयुक्त नहीं पाई जाती थी और उनकी अभिव्यक्ति के पंख कतर दिये जाते थे. कंप्यूटर युग आया.सम्प्रेषण आसान हुआ,दूरियां सिमट गईं. ब्लॉगिंग की सुविधा ने अंततः अभिव्यक्ति के रास्ते का हर रोड़ा हटा दिया.आप अपना ब्लॉग बनाकर अपने विचार किसी भी विधा में अपने ब्लॉग पर लगाने के लिए और उसे देश-दुनिया के पाठको के सामने प्रस्तुत करने के लिए स्वतंत्र हो गए.
    ज़रा सोचये ,अब क्या हमारी ज़िम्मेदारी यह नहीं बन जाती कि हम निष्पक्ष और स्वस्थ विचार के लिए ही अपने ब्लॉग का इस्तेमाल करें.अगर एक ब्लोगर अपनी रचना अथवा लेख/आलेख के माध्यम से मानवता और समाज की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए लेखन करता है तो उसकी क़लम और उसका लेखन सार्थक और प्रणम्य है.
    ब्लॉग के ज़रिये आपकी अभिव्यक्ति तुरन्त देश-दुनिया के पाठकों का ध्यान आकर्षित करती है.ज़ाहिर है,समाज में व्याप्त बुराइयों को, ब्लॉग का सही इस्तेमाल करते हुए, हम आसानी से और जल्द दूर कर सकते हैं और एक स्वस्थ समाज की परिकल्पना को मूर्त रूप दे सकते हैं. 
    अब अहम् सवाल ये उठता है कि क्या ब्लोगर उपर्युक्त नज़रिए से ब्लोगिंग का सही इस्तेमाल कर रहा है ?.कहीं ऐसा तो नहीं कि हम इसे महज़ एक सुविधा मानते हुए  बरसों से दबी अपनी भड़ास निकालने का टूल (tool) समझ बैठे हैं ? 
    प्रायः देखने में आता है कि विवादित विषय को ब्लॉग पर ब्लॉगर उछाल देते हैं और टिप्पणियों के माध्यम से बहस होते देख मन ही मन प्रसन्न होते हैं और गौरवान्वित महसूस करते हैं. हाज़िर है मेरी एक ग़ज़ल का कुछ अंश  :-

    अजब ब्लॉग दुनिया के भी हैं झमेले,
    धड़ा-धड़ यहाँ पोस्टों के हैं रेले.
    कहीं बात अम्नो-अमाँ की भी देखी,
    कई धर्म की आड़ ले ले के खेले.

    क्या ऐसा करना ब्लोगर की साफ़-सुथरी और स्वस्थ मानसिकता को दर्शाता है ?
    ये सारे सवाल टिप्पणीकर्ताओं पर एक बड़ी और निम्न महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी डालते हैं,मसलन :-
    • हमें अच्छे समाज की संरचना के लिए ब्लॉग को सावधानी से पढ़ते हुए निष्पक्ष टिप्पणी देनी होगी.
    • हमें सही को सही और ग़लत को ग़लत कहने का साहस जुटाना होगा.
    • हमें गुणवत्तापरक टिप्पणियों पर ध्यान देना होगा.
    ब्लोगिंग सही अर्थों में तभी तो सार्थक होगी. है ना.
    और अंत में अपने प्यारे ब्लोगर साथियों को समर्पित मेरे निम्न अशआर:-
    आप मेरे हमसफ़र हैं,हमक़दम,हम ख्वाब हैं.
    हम उसी दर्ज़ा यक़ीनन आपके अहबाब है.
    आप मंजिल की तरफ बेताब हो के देखिये,
    मंजिलें भी पास आने के लिए बेताब हैं.

                कुँवर कुसुमेश
    4/738, विकास नगर ,लखनऊ-226022
    मोबा :- 09415518546
    Blog : kunwarkusumesh.blogspot.com
    E-Mail : kunwar.kusumesh@gmail.कॉम

    18 comments:

    आपका अख्तर खान अकेला said...

    beshak anvar bhaai yahi sach hai ..akhtar khan akela kota rajsthan

    Bharat Bhushan said...

    टिप्पणियों की गुणवत्ता ब्लॉगिंग जगत में अपने आप में एक प्यास है. परंतु यह टिप्पणी करने वाले व्यक्ति पर निर्भर करती है.

    Bharat Bhushan said...

    टिप्पणियों की गुणवत्ता ब्लॉगिंग जगत में अपने आप में एक प्यास है. परंतु यह टिप्पणी करने वाले व्यक्ति पर निर्भर करती है.

    Kunwar Kusumesh said...

    प्रविष्टि लगाने के लिए आभारी हूँ.

    Mahesh Barmate "Maahi" said...

    कुँवर जी !
    बहुत बढ़िया आलेख है...

    हिन्दी ब्लॉगिंग गाइड के संग आपको देख कर बहुत खुशी हुई...

    :))

    Ayaz ahmad said...

    कुँवर जी अच्छे लेख के लिए बधाई ।

    Sawai Singh Rajpurohit said...

    बहुत सच कहा है!

    मनोज कुमार said...

    कुंवर जी आप एक चिंतनशील प्राणी है, और हमेशा जगत की बेहतरी के लिए सोचते रहते हैं। यह सोच आपकी ग़ज़लों में स्पष्ट दिखती ही रही है, आज इस आलेख में आपने और भी खुल कर बात रखी है और मैं आपकी बातों का समर्थन करता हूं।

    संजय भास्‍कर said...

    कुँवर जी !
    सच कहा है बहुत बढ़िया आलेख है..

    Urmi said...

    कुसुमेश जी, आलेख बहुत बढ़िया लगा! इस उम्दा आलेख के लिए बहुत बहुत बधाई!

    संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

    कुसुमेश जी ,

    सार्थक लेख है , टिप्पणियाँ देना भी एक कला है .. और इसमें गुणवत्ता होनी ही चाहिए ...


    हमें सही को सही और ग़लत को ग़लत कहने का साहस जुटाना होगा.

    जो साहस करते हैं उनको बहुत बार व्यर्थ ही विवाद में घसीट लिया जाता है ..

    शायद आपने भी यह महसूस किया हो ..

    लेख विचारणीय है ..आभार

    DR. ANWER JAMAL said...

    यह लेख सचमुच एक बेहतरीन लेख है। फ़ेसबुक पर भी हमने इसका लिंक दिया है ताकि इसका फ़ायदा ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचे।
    http://www.facebook.com/profile.php?id=100001238817426

    amrendra "amar" said...

    Kuwar Sahab Sabse pahle to aapko badhai..aapne bikul sahi likha hai kisi bhi post ko sartahk banane ke piche uske tippdikaro ka hi hath hota hai............
    swagat hai aapka

    ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

    आद. कुंवर जी,
    बहुत ही अच्छा आलेख है ! जो कुछ भी आपने लिखा है एक दम सच है मगर ब्लॉग जगत की दुनियाँ में टिप्पणियों की संख्या को ज्यादा महत्व दिया जाता है! जहाँ तक गुणवक्ता का सवाल है , पहले यह सोचने की बात है कि कितने लोग सच लिखते हैं ! टिप्पणियों की संख्या कम हो जाने का डर अधिकतर लोगों की टिप्पणी में साफ़ झलकता है !
    आभार !

    vandana gupta said...

    विचारणीय आलेख है मगर यहाँ अगर गलत को गलत कह दो तो अच्छा भला हंगामा खडा हो जाता है जिसे देखकर बाकी लोग भी चुपचाप साधारण टिप्पणी करके निकल जाते हैं जिससे ब्लोगिंग का ही नुकसान है………सबसे पहले तो ब्लोगजगत को टिप्पणियो का मोह निकालना होगा तभी जाकर कोई सार्थक कदम उठाया जा सकेगा कुछ लोग तो सिर्फ़ लिखते ही टिप्पणियो के लिये ही हैं।

    Rajiv said...
    This comment has been removed by the author.
    Rajiv said...

    सर,आपका आलेख बहुत अच्छा है ! टिप्पणियों की अपेक्षा तो होती है मगर कम टिप्पणियों से निराश होने की जरूरत भी नहीं है.बहुत अच्छा विचार सामने रखा है आपने. मैं वंदना जी की बात से पूरी तरह इतेफाक रखता हूँ. .

    prerna argal said...

    आपकी पोस्ट "हिंदी ब्लॉगर वीकली {३}"के मंच पर सोमबार ७/०८/११को शामिल किया गया है /आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। कल सोमवार को
    ब्लॉगर्स मीट वीकली में आप सादर आमंत्रित हैं।

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