हाजी अब्दुल रहीम निःस्वार्थ सेवा की मिसाल .....हरीश सिंह
शिक्षक दिवस पर एक ख़ास रिपोर्ट
सबसे पहले हमारे ब्लॉगर्स साथियों को प्रेरणा अर्गल का प्रणाम और सलाम
ईद का त्यौहार हंसी ख़ुशी संपन्न हुआ और शिक्षक दिवस आ पहुंचा और साथ ही ब्लॉगर्स मीट वीकली की 7 वीं महफ़िल भी।
अपने सभापति आदरणीय श्री रूपचंद शास्त्री मंयक जी का इस महफ़िल में स्वागत करते हैं और आप सभी हिंदी ब्लॉगर्स का भी दिल से स्वागत है।
अपने सभापति आदरणीय श्री रूपचंद शास्त्री मंयक जी का इस महफ़िल में स्वागत करते हैं और आप सभी हिंदी ब्लॉगर्स का भी दिल से स्वागत है।
दोस्तो ! यह ख़ुशी की बात है कि बहुत जल्दी प्रेरणा जी ने एक सुंदर प्रस्तुति के लिए ज़रूरी सभी बातें सीख ली हैं, नए ब्लॉगर्स के लिए यह एक मिसाल है और हमारे हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल का यह एक ‘गुडवर्क‘ भी है।
नए ब्लॉगर्स को सिखाना पुराने ब्लॉगर्स की नैतिक ज़िम्मेदारी है, इसके बिना हिंदी ब्लॉगिंग का विकास असंभव है।
प्रेरणा जी की चर्चा एक दम परफ़ैक्ट है।
अब हमारे लिए ख़ास कुछ बचा नहीं है,
सो हम कुछ लिंक ऐसे पेश करते हैं जिन तक प्रेरणा जी समय के अभाव की वजह से नहीं पहुंच सकी हैं।
सबसे पहले एक ख़ुशख़बरी !
हमारा गूगल एडसेंस अकाउंट क्रिएट हो गया है और उसमें 1.35 डॉलर भी आ गए हैं और वह भी महज़ 7 लोगों द्वारा विज्ञापन देखे जाने पर।
अगर आपकी कोई वेबसाइट या ब्लॉग अंग्रेज़ी में है तो आपका अकाउंट मंज़ूर हो जाएगा और तब आपको इंटरनेट से आय भी होने लगेगी।
नए ब्लॉगर्स को हिंदी ब्लॉगिंग से जोड़ने के मक़सद से यह तजर्बा करके देखा जो कि सफल रहा है।
इसके लिए जनाब मासूम साहब का बहुत बहुत शुक्रिया !
देखिए वह वेबसाइट जिस पर हमारे अकाउंट का कोड लगाकर देखा गया है।
Islamic Peace Mission
‘ब्लॉग की ख़बरें‘ से एक ख़बर
1200 हिट्स नवभारत टाइम्स की साइट पर
कट्टरपंथी कौन होता है ?
हमारा संवाद नवभारत टाइम्स की साइट परदो पोस्ट्स पर ये कुछ कमेंट्स हमने अलग अलग लोगों के सवालों जवाब में दिए हैं। रिकॉर्ड रखने की ग़र्ज़ से इन्हें एक पोस्ट की शक्ल दी जा रही है। नीचे पोस्ट्स के लिंक भी दिये जा रहे हैं ताकि पूरा विवरण आप वहां देख सकें।
टिप्पणी में लिंक बनाने का तरीक़ा देखिए हिंदी ब्लॉगिंग गाइड में
और एक ख़ास लेख शांति की अपील के साथ
तर्क मज़बूत और शैली शालीन रखें ब्लॉगर्स
नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर यह नियम है कि एक ब्लॉगर की पोस्ट का नंबर 3 बाद ही आता है लेकिन हमारी 3 पोस्ट्स 1 दिन में पब्लिश की गई हैं और ऐसा 2 बार हो चुका है बल्कि एक बार तो 1 घंटे के अंदर ही 3 पोस्ट्स पब्लिश कर दी गईं। यह एक रिकॉर्ड है।
इस वक्त भी हमारी 3 पोस्ट नभाटा की सुपरहिट और सबसे चर्चित पोस्ट्स के कॉलम में देखी जा सकती हैं।
क्लिक कीजिये यह लिंक
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/BUNIYAD/
कामकाजी औरतों का क्लासिफ़िकेशन The classification of working women
नफ़्स से जिहाद करना सबसे ज़्यादा मुश्किल है
आदमी अपने नफ़्स की ख्वाहिश की पैरवी करता है और हक़ को छोड़ देता है या दीन में से भी वह उतनी ही बात मानता है जो उसके नफ़्स को ख़ुशगवार लगती है। नागवार और भारी लगने वाली बातों को आदमी छोड़ देता है।नमाज़ का हुक्म सबसे अव्वल है इस्लाम में और लोगों के हक़ अदा करने पर भी बहुत ज़ोर है लेकिन नफ़्स तो बिना क़ाबू किए क़ाबू हो नहीं सकता और इसे क़ाबू करना इंसान के लिए सबसे नागवार काम है।
कमेंट्स गार्डन में भी कुछ जानकारी से लबालब भरी हुई पोस्ट्स देखी जा सकती हैं
राम मंदिर के बारे में सही नज़रिया क्या है ?
नफ़रत दिल में रखने के बाद आप किसी भी सच्चाई को नहीं समझ सकते
दुनिया की पहली हिंदी ब्लॉगिंग गाइड
‘हिंदी ब्लॉगिंग गाइड‘ Hindi Blogging Guide
चन्द्र भूषण मिश्र 'ग़ाफिल'
वो जमाना और था अब ये जमाना और है।
वो तराना और था अब ये तराना और है॥
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भाई ख़ुशदीप जी की पोस्ट पढ़कर
दुख हुआ कि इरोम शर्मिला 10 साल से एक ऐसी मांग के लिए अनशन कर रही है जिसे हमारे देश के प्रधानमंत्री भी एक जायज़ मांग मानते हैं और उससे भी ज़्यादा दुखद बात यह है कि शर्मिला की आवाज़ को बाबा रामदेव और अन्ना की आवाज़ जैसी तवज्जो नहीं दी गई।
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श्रमजीवी महिलाओं को लेकर कानूनी जागरूकता.
और एक आलेख - खुशबु गोयल
प्रस्तुति-शालिनी कौशिक
समाज के लिए अभिशाप बनता नशा
आखिर वे कौन से कारण है, जिससे प्रभावित होकर नवयुवतियां नशाखोरी जैसी कुप्रवृत्तियों का शिकार होती जा रही हैं ?
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'आकुल' जी ने एक ब्लॉग का लिंक भेजा है:
वर्ग पहेली का आनंद लें
ब्लॉग: सान्निध्य
भेजें: ज्ञान सामर्थ्य 1 - हिन्दी वर्गपहेली
लिंक: http://saannidhya.blogspot. com/2011/09/1.html
मनोज कुमार जी भी अपनी ख़ुशी शेयर कर रहे हैं
उनकी पोस्ट को एक अख़बार ने जगह दी है
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आज माहेश्वरी कनेरी जी का ब्लॉग देखा तो उनकी उपलब्धियों का पता चला,
सचमुच बहुत कम लेखक यहां तक पहुंच पाते हैं,
उनके विचार भी मन को झिंझोड़ते हैं।
अभिव्यंजना
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सुशीला जी की ईद
( प्रेमचंद जी की पूरी कहानी बहुत मुख्तसर अल्फ़ाज़ में )
ईद पर बरबस, आज याद आ गई "ईदगाह"
हामिद और उसकी दादी की; अनूठी गाथा
अपनी बूढ़ी दादी की वो आँखों का तारा था
बहुत सलोना, बड़ा ही प्यारा औ न्यारा था
बूढ़ी दादी जतन से चूल्हे पे बनाती रोटियाँ
बिना चिमटे वो अक्सर जलाती उंगलियाँ
ईद का त्यौहार आया, घर-घर खुशियाँ लाया
तोहफ़ों की सौगात लिए मीठी सेवइयां लाया
बच्चे उत्साह से डोलते, गली-गली चहकते थे
नए कपड़े, मेला, ईदी ! उनके चेहरे दमकते थे
तीन पैसे की दौलत लिए, हामिद चला मेले में
झूमता, नाचता-गाता; शामिल लोगों के रेले में
मेले की चकाचौंध भैया, खूब हामिद को ललचाने लगी
झूले, खिलौने, मिठाई से जा उसकी नज़र टकराने लगी
चरखी आई किलके बच्चे! हाथी-घोड़ों पर झूल रहे
वह दूर खड़ा; ख़याल और ही उसके मन में तैर रहे
सिपाही, भिश्ती, वकील; सब उसको खींच रहे
तीन पैसे मगर, मजबूती से मुट्ठी में भींच रहे
सोहन हलवा, गुलाबजामुन और रेवड़ियाँ
हामिद को लुभाएँ, खट्टी-मीठी गोलियाँ
पर अपना संयम, हामिद हर्गिज नहीं गँवाता है
मिठाइयों के नुकसान, मन ही मन दोहराता है
लोहे की दूकान ,चिमटे पे निगाह उसकी ठहर गई
जली उंगलियाँ दादी की, ज़हन में उसके तैर गई
पाँच पैसे का चिमटा, जेब में उसकी कुल पैसे तीन
थी ग़ुरबत बहुत मगर, कभी ना माना खुद को दीन
भारी दिल, भारी क़दमों से; हामिद आगे बढ़ लिया
बोहनी का समय, सौदा तीन पैसे में तय कर लिया
कंधे पर चिमटे को उसने रखा बड़े ही नाज़ से
लोहे की दूकान ,चिमटे पे निगाह उसकी ठहर गई
जली उंगलियाँ दादी की, ज़हन में उसके तैर गई
पाँच पैसे का चिमटा, जेब में उसकी कुल पैसे तीन
थी ग़ुरबत बहुत मगर, कभी ना माना खुद को दीन
भारी दिल, भारी क़दमों से; हामिद आगे बढ़ लिया
बोहनी का समय, सौदा तीन पैसे में तय कर लिया
कंधे पर चिमटे को उसने रखा बड़े ही नाज़ से
ज्यों सिपाही की बंदूक हो चला बड़ी ही शान से
नासमझी का उसकी; किया दोस्तों ने खूब उपहास
हामिद भी चतुर बड़ा था,किया उनसे खूब परिहास
मिट्टी के खिलौने, टूट-फूट मिट्टी में ही मिल जाते
मेरा चिमटा रुस्तमे-हिंद ! इसकी शान कहाँ पाते
घर लौटते ही दादी ने, उसे गोद में खींच लिया
देख हाथ में चिमटा! अपने सिर को पीट लिया
लौटा मेले से भूखा-प्यासा, तू कैसा अहमक है
चिमटा लाकर क्यों दादी को देता तोहमत है ?
सहमा-सा हामिद बोला-तू अपना हाथ जलाती थी
बूढ़ा मन हुआ गदगद, अश्रु-धार ना रोके रूकती थी
बूढ़ी अमीना हाथ उठा , दुआएँ देती जाती थी
अपने नन्हे हामिद की, बलाएँ लेती जाती थी |
देख हाथ में चिमटा! अपने सिर को पीट लिया
लौटा मेले से भूखा-प्यासा, तू कैसा अहमक है
चिमटा लाकर क्यों दादी को देता तोहमत है ?
सहमा-सा हामिद बोला-तू अपना हाथ जलाती थी
बूढ़ा मन हुआ गदगद, अश्रु-धार ना रोके रूकती थी
बूढ़ी अमीना हाथ उठा , दुआएँ देती जाती थी
अपने नन्हे हामिद की, बलाएँ लेती जाती थी |
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भारत भूषण जी पूछते हैं कि
हिंदी अधिकारी-उर्फ़-तेरा क्या होगा कालिया
786 के अंक को आधार बनाकर पं. दयानंद शास्त्री जी ने भविष्यवाणी की है कि'हिंदू धर्म और इस्लाम का मधुर मिलन लाज़िमी है।'
पंडित जी, आपके मुंह में घी शक्कर !
पंडित जी, आपके मुंह में घी शक्कर !
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"शिक्षक दिवस" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
आता है शिक्षक दिवस, एक साल के बाद।
गुरुओं के सम्मान की, हमें दिलाने याद।।
सर्वपल्ली को आज हम, करते नमन हजार।
जिसने शिक्षक दिन दिया, भारत को उपहार।।
धन्य हुए गुरुजन सभी, पाकर यह सौगात।
आओ सब मिल कर करें, अध्यापक की बात।।
जो कहलाता था कभी, प्रभु से अधिक महान।
घटा आज क्यों देश में, शिक्षक का सम्मान।।
अध्यापक दिन पर सभी, गुरुवर करें विचार।
बन्द करें अपने यहाँ, ट्यूशन का व्यापार।।
छात्र और शिक्षक अगर, सुधर जाएँगे आज।
तो फिर से हो जाएगा, उन्नत देश-समाज।।
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घर बैठे जौनपुर की सैर कर सकते हैं आप जनाब मासूम साहब की वेबसाइट के ज़रिये
नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर सलीम ख़ान साहब की पोस्ट्स भी लोकप्रियता का शिखर छू रही हैं। उनका नाम उनका टैग भी है। देखिए
खुरचहा पतियों से बचाने का कोई उपाय है?
"खुरचहे" क़िस्म के वे पति होते हैं जो पत्नी के हर काम में कोई न कोई ग़लती निकालते रहते हैं
-----------------------------राजेंद्र स्वर्णकार जी का संदेश
नाहक़ मत रखिए यहां कभी किसी से बैर !
सब बंदे अल्लाह के, कौन यहां पर ग़ैर ! ?
और एक खबर आपके लिए
भाई दिनेश राय द्विवेदी जी को आज उनके जन्म दिन पर हार्दिक बधाई
शब्बख़ैर , शुभ रात्रि !!!
अनवर जमाल खान अब नभाटा की 'बुनियाद' पर |
21 comments:
शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ और सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन जी को नमन!
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शाम को फिर आऊँगा!
आप भी आइए ना!
आपकी टिप्पणियों सो हमें हौसला मिलता है!
स्नेह के साथ स्मरण करने के लिए आभार!
बहुत सुन्दर प्रयास...हमारा भी लिंक है...धन्यवाद
माननीय दिनेशराय जी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें ! हमेशा की तरह यह ब्लॉगर मीट भी सुन्दर लिंक्स से सुसज्जित है ! बहुत आनंद आया यहाँ आकर ! सभी पाठकों को शिक्षक दिवस की अनेकानेक शुभकामनायें !
आदरणीय वकील साहब ! ईमेल से सूचना मिलने पर आप आए और आपने कोई ऐतराज़ नहीं किया , आपका अहसान है,
शुक्रिया !
:)
जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें !
...लेकिन प्रेरणा जी जानती नहीं हैं और उन्होंने रचना जी का फ़ोटो लगा डाला,
ख़ुदा ख़ैर करे,
अब इंतज़ार कर रहे हैं कि कब उन्हें पता चलेगा और कब वे आकर इसे हटवाएंगी ?
@ प्रेरणा जी , हिंदी ब्लॉग जगत में कोई भी रचना जी का फ़ोटो नहीं लगाता, ऐसा उनकी इच्छा के सम्मान में किया जाता है और उनकी पोस्ट का लिंक देने के लिए भी उनसे पूछना पड़ता है, यह उनके ब्लॉग पर लिखा हुआ है।
आप आइंदा उनकी भावनाओं का ध्यान अवश्य रखें, ऐसी आपसे विनती है।
दिनेशराय जी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई.
बेहतरीन लिंक्स.मुझे स्थान दिया ,आभार.
सु्न्दर लिंक्स्।
बहुत ही सुंदर संयोजन....प्रेरणा जी को धन्यवाद.....अनवर जी को आभार..और सभी गुणीजनों को प्रणाम.....।
Bahut hi achcha sanklan , bahut sare acche links padne ko mile. Abhar
आज शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी को बधाई... प्रेरणा आप जो भी काम करतीं हैं मेहनत और आस्था से करती हैं ये तो मैं जानती ही हूँ... आभार आपने मेरी पोस्ट का चयन किया ....अनवर जी बधाई आपको भी... बढ़िया संकलन के लिए ...!!
bahut sunder link mile hain dhanyavaad.meri yaatra ko shaamil karne ke liye haardik aabhar.aapko shubhkaamnayen.
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद की आप सब इस मंच पर पधारे और हमारे प्रयासों की सराहना की /मेरी पूरी कोशिश रहती है की मैं ज्यादा से ज्यादा ब्लोगर्स के अच्छे अच्छे मेहनत से लिखे गए लिनक्स मंच पर प्रस्तुत करूं /और उसको सब ब्लोगर्स साथियों के साथ साझा करूं /आप सबका सहयोग इसी तरह मिलता रहेगा ,मेरी हमेशा ऐसी कामना है /आप सभी को शिक्षक दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं /
दिनेशराय जी को जन्मदिन की बहुत मुबारकबाद. अच्छे लिंक्स देने के लिए आपका आभार.
यह भी एक अच्छी ख़बर है कि अब इंटरनेट के ज़रिये आमदनी भी शुरू हो गई है।
शुरूआत कितनी ही मामूली क्यों न हो लेकिन अहम होती है।
हाजी अब्दुल रहीम अंसारी साहब जैसे उस्ताद के बारे में जानकर ख़ुशी हुई .
यह एक अच्छा ख़याल है। इस मजलिस के बहाने आपस में एक दूसरे के ख़यालात पता चल जाते हैं और यह जानकर अच्छा लगता है कि ज़्यादातर लोग अच्छा ही सोचते हैं।
यह ताक़त अगर संगठित हो जाए तो फिर थोड़े से बुरे लोग मुल्क की दौलत और मुल्क के अमन को बर्बाद नहीं कर सकते।
फ़र्क़ यही है कि अच्छे लोग अच्छे होने के बावजूद बंटे हुए हैं और इसी बंटवारे का फ़ायदा ये बुरे लोग उठा रहे हैं और अच्छे लोगों को सता रहे हैं।
अपने मज़मून के उनवान यहां देखकर अच्छा लगा।
शुक्रिया ।
prerna ji v anwar ji -aap dono ka hi yah prayas saraniy hai .aabhar
बहत बहुत बधाई सफल आयोजन के लिए | साथ ही साथ धन्यवाद मेरी रचना को शामिल करने के लिए और आभार इतने सरे ब्लोगर्स तक पहुचाने के लिए |
निरंतर सफलता की सीढियां चढ़ाता रहे आपका ये प्रयास ओर हम सभी की duaayen इसके साथ जुडी रहें बधाई एक ओर सफल आयोजन की मेरी दो-दो प्रस्तुतियों को स्थान देने के लिए आभार
शिक्षक दिवस की बधाइयाँ
Great links! Many many thanks to you Prerna ji.
divyaaji,bushanji.ayaajahamadji,pradipji.sikhaji,shaliniji,aap sabhi ka bahut bahut dhanyawaad ki aap is manch per padhaare aur hamaare prayaashon ki sarahanaa ki .aasha hai aage bhi aap sabakaa sahyog is manch ko milataa rhaegaa.aabhaar,
सबसे पहले तो देर से आने के लिए माफी चाहता हूँ! इसका कारण यह रहा कि मैं 2 दिन से स्लो कनेक्शन से नेट चला रहा था। जिससे टिप्पणी करना कठिन था। अब ब्रॉडबैण्ड चल गया है तो हाजिर हो गया हूँ!
ब्लॉगर मीट की सातवीं पायदान पर पहुँचने के लिए मैं इसके आयोजकों को अपनी शुभकामनाएँ देता हूँ!
इस पोस्ट को संयोजित करने के लिए वाकई में ब्लॉग-व्यवस्थापक और बहन प्रेरणा अर्गल ने बहुत मेहनत की है।
मैं यहाँ पर आलोचना नहीं और समालोचना भी नही बल्कि एक सुझाव देना चाहता हूँ।
कई बार बहुत मेहनत की जाती है और प्रतिफल आशा के अनुरूप नहीं मिलता है। इसका मंथन भी यहाँ करना जरूरी है।
च्रचा का मुझे एक लम्बा अनुभव है। उसी के आधार पर मैं यह कहना चाहता हूँ कि यदि किसी रचनाधर्मी की पूरी की पूरी ही पोस्ट आप लगा देंगे तो वह यहीं पर पूरी रचना पढ़कर निकल जाएगा।
फिर उसे लिंक वाले ब्लॉग पर जाने की तो आवश्यकता ही नहीं होगी।
इससे हमारी मेहनत तो निष्फल होगी ही साथ ही रचनाकार का भी कुछ लाभ नहीं होगा।
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मै सभी पाठकों का और उनका भी-
जिनकी पोस्टों की चर्चा यहाँ की गई है। सबको बहुत-बहुत मुबारकवाद पेश करता हूँ।
साथ ही आशा भी करता हूँ कि ब्लॉगर मीट की आठवीं पायदान एक नये कलेवर के साथ सोमवार को आपके सामने आयेगी।
पुनः शुभकामनाओं के साथ!
बहुत बहुत धन्यवाद् शास्त्रीजी /आपने बिलकुल ठीक सुझाव दिया है /ब्लोगर्स मीट वीकली की अगली पोस्ट पर इसका ध्यान रखा जाएगा /आपके मार्गदर्शन की हमें हमेशा जरुरत है /
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