गिले शिकवे मिटा देना ........
दोस्तों इन दिनों ब्लोगिंग की दुनिया का घमासान देख कर
कुछ पंक्तिया मुझे याद आ रही हें जो आपकी खिदमत में
पेश हें .....
गिले शिकवे
ना दिल से
लगा लेना
कभी मान जाना
तो कभी
मना लेना
कल का क्या पता
हम हों ना हों
इसलियें जब भी
मोका मिले
कभी नसीहत देना
कभी पोस्ट अच्छी लगे
तो टिप्पणी का
मीठा शहद पिला देना .
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान .
1 comments:
कभी आपको कोई टिपण्णी पसंद आये न आये
पर मुस्कुराना ,छोड़ देना, बुरा mat मान जाना.
क्या कहूं पंक्तियाँ बिलकुल भी पसंद ......
से बाहर नहीं हैं.अर्थात बहुत पसंद आयी हैं..
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