कैसी यह मुहब्बत है और कैसा यह त्यौहार है ? Holi 2011

Posted on
  • Saturday, April 2, 2011
  • by
  • DR. ANWER JAMAL
  • in
  • Labels: , ,
  • बच्चे ज़्यादा समझदार हैं बड़ों से, इस होली पर मुझे ऐसा ही लगा।
    Dr. Anwer Jamal
    Dr. Anwer Jamal
    शनिवार को मुझे अपने पेट में दर्द महसूस हुआ। दवाई ले ली। रविवार को सोचा कि अल्ट्रासाउंड करा लिया जाए ताकि पित्ताशय की पत्थरी के साइज़ का भी पता चल जाए। होली की वजह से सभी सेंटर्स मुझे बंद मिले। लौटते हुए एक मशहूर चैराहे पर मुझे कुछ  बच्चों ने अपनी पिचकारी दिखाई, मैंने कहा, बेटे ! हरेक आदमी पर रंग नहीं डालते।
    मेरे इतना कहते ही वे मान गए।
    आज सुबह मैं अपने घर से निकल कर चंद क़दम ही गया था कि हमारे पड़ोसी पं. प्रेमनारायण शर्मा जी हाथ में रंग की बाल्टी और गुलाल लेकर मेरी तरफ़ बढ़े। मैं घबराया नहीं। मुझे उम्मीद थी कि मैं उन्हें बताऊंगा कि मेरे पेट में दर्द हो रहा है, हल्का सा बुख़ार भी है और मैं अल्ट्रासाउंड कराने जा रहा हूं तो वह मान जाएंगे।
    वह मेरे पास आए और मेरे मना करने के बाद भी और मुझसे मेरी परेशानी जानने के बावजूद भी उन्होंने मेरा मुंह गुलाल से हरा कर दिया और फिर जब उनका दिल इससे भी नहीं भरा तो उन्होंने दो मग भरकर रंगीन पानी डाल दिया।
    Pandit Premnarayan Sharma
    Pandit Premnarayan Sharma

    उनकी इस हरकत से मुझे तकलीफ़ तो हुई लेकिन मैंने उन्हें बुरा भला इसलिए नहीं कहा क्योंकि अपनी तरफ़ से वे अपनी मुहब्बत का इज़्हार कर रहे थे
    क्या मुहब्बत में अपने प्यारों की तकलीफ़ को भी नज़रअंदाज़ कर देना मुनासिब है ?
    मैं घर लौटा और कपड़े बदले और दोबारा फिर घटिया से कपड़े पहने ताकि फिर से कोई अपनी मुहब्बत का इज़्हार करने वाला मिले कम से कम कपड़े तो बच जाएं।
    कैसी यह मुहब्बत है और कैसा यह त्यौहार है ?
    बच्चे फिर भी ग़नीमत हैं।
    बड़े लोग अगर बच्चों की तरह हो जाएं तो काफ़ी दिक्क़तें दूर हो जाएं।

    2 comments:

    shyam gupta said...

    इतनी उम्र होगयी अभी तक होली का मतलव नहीं समझ आया...

    DR. ANWER JAMAL said...

    डाक्टर श्याम गुप्ता जी ! मैं समझा नहीं कि किसकी समझ में नहीं आया ?
    होली का मतलब मेरी समझ में नहीं आया या फिर आपकी समझ में नहीं आया ?

    Read Qur'an in Hindi

    Read Qur'an in Hindi
    Translation

    Followers

    Wievers

    join india

    गर्मियों की छुट्टियां

    अनवर भाई आपकी गर्मियों की छुट्टियों की दास्तान पढ़ कर हमें आपकी किस्मत से रश्क हो रहा है...ऐसे बचपन का सपना तो हर बच्चा देखता है लेकिन उसके सच होने का नसीब आप जैसे किसी किसी को ही होता है...बहुत दिलचस्प वाकये बयां किये हैं आपने...मजा आ गया. - नीरज गोस्वामी

    Check Page Rank of your blog

    This page rank checking tool is powered by Page Rank Checker service

    Promote Your Blog

    Hindu Rituals and Practices

    Technical Help

    • - कहीं भी अपनी भाषा में टंकण (Typing) करें - Google Input Toolsप्रयोगकर्ता को मात्र अंग्रेजी वर्णों में लिखना है जिसप्रकार से वह शब्द बोला जाता है और गूगल इन...
      12 years ago

    हिन्दी लिखने के लिए

    Transliteration by Microsoft

    Host

    Host
    Prerna Argal, Host : Bloggers' Meet Weekly, प्रत्येक सोमवार
    Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

    Popular Posts Weekly

    Popular Posts

    हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide

    हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide
    नए ब्लॉगर मैदान में आएंगे तो हिंदी ब्लॉगिंग को एक नई ऊर्जा मिलेगी।
    Powered by Blogger.
     
    Copyright (c) 2010 प्यारी माँ. All rights reserved.