एक कतरा लहू का मेरे बस देश के काम आये

Posted on
  • Saturday, August 6, 2011
  • by
  • Unknown
  • in
  • Labels:
  • नहीं चाहता मखमल के गद्दे में मुझको आराम आये,
    नहीं चाहता व्यापार में मेरा कोई बड़ा दाम आये,
    चाहत मेरी बड़ी नहीं बस छोटी सी ही है,
    एक कतरा लहू का मेरे बस देश के काम आये |
                                              
    नहीं चाहता लाखों की लौटरी कोई मेरे नाम आये,
    नहीं चाहता खुशियों भरा बहुत बड़ा कोई पैगाम आये,
    ख्वाहिश मेरी ज्यादा नहीं बस थोड़ी सी ही है,
    एक कतरा लहू का मेरे बस देश के काम आये |

    नहीं चाहता मधुशाला में मेरे लिए अच्छा जाम आये,
    नहीं चाहता फायदा भरा बहुत बड़ा कोई काम आये,
    सपने  मेरे अनेक नहीं बस एक ही तो है,
    एक कतरा लहू का मेरे बस देश के काम आये |

    नहीं चाहता प्रसिद्धि हो, नाम मेरा हर जुबान आये,
    नहीं चाहता जीवन में कोई अच्छा बड़ा उफान आये,
    इश्वर से दुआ मेरी बस इतनी सी ही है,
    एक कतरा लहू का मेरे बस देश के काम आये |

    नहीं कोई देशभक्त बड़ा मैं, नहीं देश का लाल बड़ा,
    पर दिल में एक ज्वाला सी है, देश हित करूँ कुछ  काम बड़ा,
    भारत माँ के चरणों में नत एक बात मन में आये,
    एक कतरा लहू का मेरे बस देश के काम आये |

    www.pradip13m.blogspot.com

    6 comments:

    Asha Lata Saxena said...

    बहुत अच्छी रचना के लिए बधाई |
    आशा

    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...
    This comment has been removed by the author.
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

    ऐ वतन तुझको सौ-सौ नमन!
    देशभक्ति की बहुत अच्छी प्रस्तुति।
    --
    मेरे प्यारे वतन, जग से न्यारे वतन।
    मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।।

    अपने पावों को रुकने न दूँगा कहीं,
    मैं तिरंगे को झुकने न दूँगा कहीं,
    तुझपे कुर्बान कर दूँगा मैं जानो तन।
    मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।।

    जन्म पाया यहाँ, अन्न खाया यहाँ,
    सुर सजाया यहाँ, गीत गाया यहाँ,
    नेक-नीयत से जल से किया आचमन।
    मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।।

    तेरी गोदी में पल कर बड़ा मैं हुआ,
    तेरी माटी में चल कर खड़ा मैं हुआ,
    मैं तो इक फूल हूँ तू है मेरा चमन।
    मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।।

    स्वप्न स्वाधीनता का सजाये हुए,
    लाखों बलिदान माता के जाये हुए,
    कोटि-कोटि हैं उनको हमारे नमन।
    मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।।

    जश्ने आजादी आती रहे हर बरस,
    कौम खुशियाँ मनाती रहे हर बरस,
    देश-दुनिया में हो बस अमन ही अमन।
    मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।।

    DR. ANWER JAMAL said...

    अच्छी पोस्ट और यादगार टिप्पणी !

    prerna argal said...

    आपकी पोस्ट " ब्लोगर्स मीट वीकली {३}"के मंच पर सोमबार ७/०८/११को शामिल किया गया है /आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। कल सोमवार को
    ब्लॉगर्स मीट वीकली में आप सादर आमंत्रित हैं।

    Unknown said...

    Bahut bahut dhanyawad sabhi ka..
    Shastri ji ki tippani yaadgar rahegi..

    Read Qur'an in Hindi

    Read Qur'an in Hindi
    Translation

    Followers

    Wievers

    join india

    गर्मियों की छुट्टियां

    अनवर भाई आपकी गर्मियों की छुट्टियों की दास्तान पढ़ कर हमें आपकी किस्मत से रश्क हो रहा है...ऐसे बचपन का सपना तो हर बच्चा देखता है लेकिन उसके सच होने का नसीब आप जैसे किसी किसी को ही होता है...बहुत दिलचस्प वाकये बयां किये हैं आपने...मजा आ गया. - नीरज गोस्वामी

    Check Page Rank of your blog

    This page rank checking tool is powered by Page Rank Checker service

    Promote Your Blog

    Hindu Rituals and Practices

    Technical Help

    • - कहीं भी अपनी भाषा में टंकण (Typing) करें - Google Input Toolsप्रयोगकर्ता को मात्र अंग्रेजी वर्णों में लिखना है जिसप्रकार से वह शब्द बोला जाता है और गूगल इन...
      11 years ago

    हिन्दी लिखने के लिए

    Transliteration by Microsoft

    Host

    Host
    Prerna Argal, Host : Bloggers' Meet Weekly, प्रत्येक सोमवार
    Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

    Popular Posts Weekly

    Popular Posts

    हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide

    हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide
    नए ब्लॉगर मैदान में आएंगे तो हिंदी ब्लॉगिंग को एक नई ऊर्जा मिलेगी।
    Powered by Blogger.
     
    Copyright (c) 2010 प्यारी माँ. All rights reserved.