तब पतरस ने पास आकर, उससे कहा, हे प्रभु, यदि मेरा भाई अपराध करता रहे, तो मैं कितनी बार उसे क्षमा करूँ ?, क्या सात बार तक ?
यीशु ने उससे कहा, मैं तुझसे यह नहीं कहता कि सात बार, वरन सात बार के सत्तर गुने तक।
- बाइबिल, मत्ती, 21-23
हरेक इंसान को अपना भाई समझो और जितना हो सके उसे माफ़ करो ताकि तुम्हें शाँति मिले Bible
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2 comments:
prernadayak
क्षमा, दया और करुणा का यह अनूठा समागम प्रभु यीशु ही में मिलता है, और उन्होंने अपने चेलों से भी ऐसे ही क्षमाशीलता को चाहा. बाइबल से इसी विषय पर प्रभु यीशु द्वारा कहे कुछ और पद उद्वत करता हूँ:
Mat 6:14 इसलिये यदि तुम मनुष्य के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा।
Mat 6:15 और यदि तुम मनुष्यों के अपराध क्षमा न करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा न करेगा।
Luk 6:32 यदि तुम अपने प्रेम रखने वालों के साथ प्रेम रखो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई क्योंकि पापी भी अपने प्रेम रखने वालों के साथ प्रेम रखते हैं।
Luk 6:33 और यदि तुम अपने भलाई करने वालों ही के साथ भलाई करते हो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई क्योंकि पापी भी ऐसा ही करते हैं।
Luk 6:34 और यदि तुम उसे उधार दो, जिन से फिर पाने की आशा रखते हो, तो तुम्हारी क्या बड़ाई क्योंकि पापी पापियों को उधार देते हैं, कि उतना ही फिर पाएं।
Luk 6:35 वरन अपने शत्रुओं से प्रेम रखो, और भलाई करो: और फिर पाने की आस न रख कर उधार दो; और तुम्हारे लिये बड़ा फल होगा और तुम परमप्रधान के सन्तान ठहरोगे, क्योंकि वह उन पर जो धन्यवाद नहीं करते और बुरों पर भी कृपालु है।
Luk 6:36 जैसा तुम्हारा पिता दयावन्त है, वैसे ही तुम भी दयावन्त बनो।
Joh 3:16 क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।
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