अबला को
बला ना समझो
बल उसका कभी ना भूलो
यादें अपनी ताज़ा कर लो
इतिहास उठा कर देख लो
निर्बल उसे कभी ना मानो
अपने को बल को,अपना ना
समझो
माँ के दूध का नतीजा
समझो
अब अपनी आँखें खोलो
माँ के दूध
की लाज रख लो
नारी की रक्षा करो
सम्मान से उसे देखो
निरंतर ख्याल उसका रखो
उचित स्थान उसे दे दो
गलती अब तो सुधार लो
08—03-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर
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