एक वर्ष के उतर चढाव का सफर

Posted on
  • Sunday, March 6, 2011
  • by
  • आपका अख्तर खान अकेला
  • in
  • एक वर्ष का टेड़ा मेडा सफर और २३०० पोस्ट

    दोस्तों कल मेने हिसाब लगाया ब्लॉग की दुनिया में आने के बाद मेने क्या खोया क्या पाया तो मेने एक वर्ष पूर्व ७ मार्च देखा यानि ७ मार्च २०१० को दिन के तीन बजे मेरे १७ वर्षीय पुत्र शाहरुख खान ने मुझे ब्लॉग बना कर दिया था यकीन मानिये मुझे हिंदी और इंग्लिश दोनों टाइप करना नहीं आते थे लेकिन पहला ब्लॉग मेने डरते डरते लिखा और फिर आज तक का सफर २३०० पोस्टें आपके सामने हें इन दिनों मेने ब्लोगिस्तान की दुनिया के बहुत बहुत उतार चढ़ाव देखे हे कई तकरारें कई प्यार देखे हें में अपने अनुभव अपने भाइयों से बाँट रहा हूँ ।
    दोस्तों यकीन मानिये पत्रकारिता छोडकर वकालत में आने के बाद वेसे तो वक्त की कमी थी लेकिन समाज सेवा कार्यों में लगे रहने के शोक के कारण में घटनाओं से जुड़ा रहा अपने दुसरे साथियों को आर्टिकल और खबरें देने के मामले में खबरों से जुड़ा रहा अख़बारों से जुड़ा रहा और प्रेस क्लब कोटा के सदस्य के रूप में अपने सभी पत्रकार साथियों के साथ प्यार बांटता रहा जिनका प्यार मुझे लगातार मिलता रहा हे बस इसी शोक के खातिर में चाहता था के कोई ऐसा रास्ता निकले के लिखने की मेरे हाथों की खुजली भी मिट जाए और वक्त भी बच जाए इन दिनों कई स्थानीय और दुसरे बाहर से प्रकाशित देनिकों ,मेग्ज़िनों के ऑफर लेखन के लियें मेरे पास थे मेरे वकालत के दफ्तर में एक प्रादेशिक देनिक सभी सुविधाएं देकर मुझे ब्यूरो चीफ बनाने के इच्छुक थे उनका प्रपोजल लालच भरा था और मेरा मन चटपटा रहा था में अंतर द्वन्द्ध में था सोचता था के अगर फिर से पत्रकारिता को पूर्णकालिक अपना लिया तो वकालत का क्या होगा जो मेहनत वकालत में खुद को स्थापित करने में की हे वह बेकार जाएगी बस इसी वक्त ब्लोगिस्तान की दुनिया का सफर शुरू हुआ जहां मेरी पत्रकारिता की भूख शांत हो गयी ।
    मुझे हिंदी इंग्लिश टाइप नहीं आती थी लेकिन इसी बीच ट्रांसलेटर डाउन लोग हुआ और में जब अंग्रेजी में टाइप कर रहा था तब अचानक मेरे अलफ़ाज़ हिंदी में कन्वर्ट होता देख में अपनियो ख़ुशी रोक नहीं पाया और फिर में कन्वर्टर पर लिखने लगा कई अशुद्धिया कई गलतिया जो आज भी मेरे ब्लॉग में में सुधर नहीं पाया हूँ लेकिन मेरे लेखन में जो दर्शन जो सोच जो सुचना प्रधान ब्लॉग का सपना में लेकर चला था आज वोह सपना मेरा पूरा हुआ हे एक वर्ष के पूर्व संध्या पर मेने देखा में पहला ब्लोगर हूँ जिसके एक वर्ष में इतने ब्लॉग इतने साथी इतने मार्गदर्शक में ख़ुशी से फुला नहीं समाया कुल २३०० से भी अधिक पोस्टें और उनमें कई दर्जन ऐसी पोस्टें जो आज भी यादगार बनी हुई हें मेरी पत्रकारिता के स्वभाव के तहत निर्भीक लेखन से घबराए मेरे कई अपनों में मुझे संदेश देकर टोका भाई यह ठीक नहीं हे बेबाकी कभी दुखी कर सकती हे में थोड़ा ठिठका तो सही फिर वापस सच के पथ पर चलता रहा और चलता रहा ।
    मुझे सर्व प्रथम उदय भाई ने सीख दी फिर भाई दिन्द्श राय जी द्विवेदी ने सम्भाला उन्हीं के जरिये में भाई ललित शर्मा जी तक पहुंचा और फिर ब्लोगिंग के कई टिप्स कई सुझाव मिले इसी बीच में सलीम भाई ,मासूम रजा, डोक्टर अनवर जमाल ,बहन शिखा कोशिक ,बहन वन्दना जी ,बहन संगीता जी , पावला जी , खुशदीप जी , अशोक पामिस्ट जी ,उदय मणि जी सहित कई ऐसे ब्लोगर भाई बहनें थी जिन्होंने मुझे प्रभावित किया इसी बीच ब्लोगिस्तान में धर्म युद्ध जाती युद्ध छोटा बढ़ा युद्ध छिड़ गया एक दुसरे ब्लोगर एक दुसरे ब्लोगर पर फब्तियां कसने लगे उपहास उढ़ाने लगे जाती और धर्म के नाम पर नफरत फेलाने लगे अनर्गल गंदे ,भद्दे अल्फाजों का इस्तेमाल करने लगे मुझे अजीब सा लगा पहले तो मेने सोचा के साइबर एक्ट के तहत कोटा में किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर इन्हें सबक सिखाया जाए फिर सोचा सब भटके हुए भाई हे रास्ते पर आजायेंगे मेरा मानना हे के देश में सभी को अपनी वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का अधिकार हे लेकिन ऐसा अधिकार नहीं जो किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाए किसी का अपमान करे किसी का तिरस्कार करे और ऐसे लोग सजा प्राप्त करने के हकदार हें एक अभियान चलाया गया कई लोग नाराज़ हुए कई लोगों ने गालियाँ तक लिख कर भेजी में नाम नहीं बताना चाहूँगा लेकिन एक ब्लोगर भाई को जब मेने साइबर एक्ट के कुछ प्रावधान और छद्म नाम से आई डी बनाने पर भी उसे रंगे हाथो साइबर तकनीक से पकड़ने की प्रणाली भेजी तो इन जनाब ने पहले तो फिर आवेश में गालियाँ लिखीं मुझे टिप्पणियाँ डी लिट करना नहीं आती थीं बस मेरे एक हमदर्द ने मुझे तकलीफ समझ कर हिदायत दी और मेने गलियाँ दी लिट कर दिन एक माह गुजरने के बाद मुझे इन गलियां लिखने वाले जनाब ने खुद शर्मिंदा होने की बात कही माफ़ी मांगी और कहा के में गलत फहमी में था इसलियें माफ़ी चाहता हूँ अब शिकायत नहीं मिलेगी बस अब यह जनाब मेंरे अच्छे मित्रों में से हें ।
    ब्लॉग की इस दुनिया में एक टिप्पणियों का भी झगड़ा चला एक स्तर हीन पोस्ट पर दर्जनों टिप्पणियां और एक स्तरीय ब्लॉग पर एक टिप्पणी भी नहीं पहले में भी हेरान था ब्लॉग युद्ध चला फिर महाभारत हुई सीनियर जूनियर ब्लॉग बने महिला पुरुष विवाद हुए और फिर शान्ति ओम शान्ति टिप्पणियों का युद्ध खत्म में खुद टिप्पणियों की उपेक्षा से प्रारम्भ में परेशान था लेकिन बाद में मुझे पता चला के यह तो दुसरे की मर्जी हे हम तो खुद देखें के क्या कर रहे हें और खुद के जजमेंट में मेने जब खुद को पास किया तो फिर मेरे भी दोस्त बनते गये आज में ६१३ ब्लॉग का फोलोव्र हूँ और मेरे भी ७० फोलोवर हे फेस बुक पर ३२० प्रशंसक हे गूगल बज में भी काफी प्रशंसक और फोलोवर हें बस कई लोगों ने मुझे समझाया लिखने की स्पीड कम करो अलग अलग लिखों मेने खुद को बदलने की भी कोशिश की लेकिन स्वभाव जिद्दी जो अच्छा हे उसे स्थिर रखना चाहिए बदलना नहीं चाहिए और उसी पर कायम रहना चाहिए बस लोग समझ जायेंगे और आज लोग समझ गये के जो कुछ भी लिखा जा रहा हे वोह तो लिखा ही जाएगा ।
    एक साल के इस सफर में मेने कई अग्रीगेटर बंद होते देखे हें ब्लोग्वानी,चिटठा जगत वन्द हुआ फिर शुरू हुए कई एग्रीगेटर चले लेकिन अभी हाल ही में डोक्टर अनवर जमाल । सलीम भाई और दुसरे साथियों ने मिल कर प्रगतिशील ब्लॉग संघ,ब्लॉग खबरें, हिनुस्तान का अद्र्द, हिंदी ब्लोगर संघ सहित कई ब्लॉग ऐसे बनाये हें जिनमें तकरार के साथ प्यार बांटा जा रहा हे और बस इसीलियें एक स्मेक के नशे की तरह पत्रकारिता का नशा जो मुझ पर हावी था जो नशा मुझ से नहीं छुट रहा था वोह नशा मेने ब्लोगिंग से पूरा किया इस दुनिया में मुझे बहुत कुछ सिखने को मिला हट प्यार मिला ज्ञान मिला अपनापन मिला और आगे भी मिलता रहेगा इसी उम्मीद के साथ मेरी इस अपनी पोस्ट को में खत्म कर रहा हूँ खुदा इस ब्लॉग की दुनिया को पांचवां स्तम्भ ऐसा बना दे के देश में व्याप्त भ्रष्टाचार,अराजकता शोषण को खत्म करने के लियें यह दुनिया इसे खत्म करने का मिल का पत्थर साबित हो क्योंकि यही ऐसी दुनिया हे जहां अभी विज्ञापन या व्यवसाय का लालच नहीं हे यहाँ प्यार दो प्यार लो का लालच हे हाँ में भाई पावला जी को जरुर धन्वाद दूंगा के उन्होंने जन्म दिनों और शादी की मुबारकबाद का एक ऐसा केलेंडर बनाया जो सभी ब्लोगर भाइयों को भा गया इस केलेंडर ने सभी ब्लोगरों को एक दुसरे से प्यार करना सिखा दिया एक संवाद का अवसर दिया मेरी उम्मीद हे मेरी आशा हे मेरी दुआ हे के प्यार का कुच्घ ऐसा सबक मिले जिससे देश दुनिया मने सबसे आगे बढ़े और यह सिर्फ हम और आप मिलकर ही कर सकते हें एक दुसरे की कमिया उजागर कर मजाक उढ़ाने के स्थान पर कमिय सुधारे रास्ते बताये भटके हुए को रास्ते पर लायें और यही संदेश हम जारी रखें तो बस फिर मेरा हिन्दुस्तान मेरा भारत महानऔर यहाँ सबसे बहतरीन गुलदस्ता हे सबसे खुबसुरत बागबान हे ब्लोगिस्तान ब्लोगिस्तान का नारा आम हो जाए जय हिंद जय भारत ............ । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

    0 comments:

    Read Qur'an in Hindi

    Read Qur'an in Hindi
    Translation

    Followers

    Wievers

    join india

    गर्मियों की छुट्टियां

    अनवर भाई आपकी गर्मियों की छुट्टियों की दास्तान पढ़ कर हमें आपकी किस्मत से रश्क हो रहा है...ऐसे बचपन का सपना तो हर बच्चा देखता है लेकिन उसके सच होने का नसीब आप जैसे किसी किसी को ही होता है...बहुत दिलचस्प वाकये बयां किये हैं आपने...मजा आ गया. - नीरज गोस्वामी

    Check Page Rank of your blog

    This page rank checking tool is powered by Page Rank Checker service

    Promote Your Blog

    Hindu Rituals and Practices

    Technical Help

    • - कहीं भी अपनी भाषा में टंकण (Typing) करें - Google Input Toolsप्रयोगकर्ता को मात्र अंग्रेजी वर्णों में लिखना है जिसप्रकार से वह शब्द बोला जाता है और गूगल इन...
      12 years ago

    हिन्दी लिखने के लिए

    Transliteration by Microsoft

    Host

    Host
    Prerna Argal, Host : Bloggers' Meet Weekly, प्रत्येक सोमवार
    Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

    Popular Posts Weekly

    Popular Posts

    हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide

    हिंदी ब्लॉगिंग गाइड Hindi Blogging Guide
    नए ब्लॉगर मैदान में आएंगे तो हिंदी ब्लॉगिंग को एक नई ऊर्जा मिलेगी।
    Powered by Blogger.
     
    Copyright (c) 2010 प्यारी माँ. All rights reserved.