सवाल उठता है की महाभारत क्यों. मैं जबसे इस ब्लॉग की दुनिया में प्रवेश लिया हूँ. देख रहा हूँ. जितने भी ब्लोगर हैं जो चाहते है अपनी मर्ज़ी से पोस्ट लिखते है और चल देते है. जी नहीं यह अच्छी प्रवित्ति नहीं है. " सामुदायिक ब्लॉग पर कुछ तो अलग होना ही चाहिए. आज जब हर जगह प्रतियोगिता का दौर है तो यहाँ क्यों नहीं......... यहाँ भी होगी प्रतियोगिता..............यहाँ भी होगा महाभारत..
प्रतियोगिता का स्वरूप.......
हर माह में एक प्रतियोगिता का आयोजन होगा. इसके लिए हर बार अलग-अलग एक निर्णायक मंडल का गठन होगा .... पुरस्कार..........
इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले हमारे " भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" के सदस्यों के अलावा वे लोग भी शामिल हो सकते हैं , जो सिर्फ हमारे पाठक है, हमारे लेखक भाई जहाँ अपनी पोस्ट प्रकाशित करेंगे वही जो लोग इस ब्लॉग के लेखक नहीं बने है वे मेल द्वारा अपनी रचनाये हमें भेजेंगे जिन्हें हम प्रकाशित करेंगे. इस प्रतियोगिता में जो भी लेखक भाग लेगा, उसकी रचनाओ को एक निर्णायक मंडल परखेगा और चुने गए लेखको को प्रथम द्वितीय और तृतीय पुरस्कार से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा. चुने गए लेखको को प्रशस्ति पत्र "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" की ओर से दिया जायेगा. यह प्रतियोगिता लगातार छः माह तक चलेगी, हर बार अलग अलग विषयों पर .. यह प्रतियोगिता का प्रथम स्टेज होगा समाप्ति नहीं. हर छः माह के बाद विजयी हुए सभी लेखको को एक कार्यक्रम आयोजित करके ऐसा पुरस्कार दिया जायेगा जो आज तक किसी प्रतियोगिता में नहीं मिला होगा... उसकी कीमत का अंदाज़ा कोई नहीं लगा सकता. और यह कार्यक्रम पहले चरण की समाप्ति के बाद सितम्बर में लखनऊ में होगा.
प्रतियोगिता का पहला महाभारत...................?
लेखनी का महाभारत |
प्रेम उदय तो होता है एह क्षणिक आकर्षण से परे पलता और पुष्ट होता है विश्वास के विशाल
वृक्ष के तले और तब्दील हो जाता है स्वयं एक विशाल वृक्ष में जिसके तले जीवन के अन्य
आवेग पलते है जैसे ममता क्रोध इत्यादि और रसमय कर देता है खुद को अपनी ही
प्रतिध्वनियों में, पर अंत नहीं होता प्रेम का जब तक साँसे साथ नहीं छोडती, या स्पन्दन्हीन नहीं होता मन........
आज प्रेम का मतलब बदल गया जहा पर भी लोग प्रेम की बात करते है वह सिर्फ प्रेमी और प्रेमिका की परिकल्पना होती है. पर आप भी जानते है. प्रेम का स्वरूप बहुत विस्तृत है. प्रेम किसी से भी हो सकता है.
तो महाभारत के प्रथम अध्याय में आप लोंगो को विषय दिया जाता है. ....
"प्रेम का जीवन में वास्तविक महत्व और सच्चे प्रेम का स्वरुप "इस विषय पर अपनी रचनाये इस सामुदायिक ब्लॉग पर पोस्ट करें.
निर्णायक मंडल .............
इस प्रतियोगिता के पहले चरण में चार लोग निर्णायक मंडल में शामिल होंगे......१......... डॉ, श्याम गुप्ता जी.
२....... डॉ. अनवर जमाल साहब
३....... बहन रेखा श्रीवास्तव जी
४....... बहन निर्मला कपिला जी.
इस प्रतियोगिता के विजयी की घोषणा निर्णायक मंडल करेगा ..... अंतिम निर्णय "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" मंच करेगा.."
इस प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल शामिल नहीं होगा. बल्कि निर्णायक मंडल के लिए के विशिष्ट पुरस्कार निर्धारित किया जा रहा है..... निर्णायक मंडल भी पोस्ट करेगा और निर्णायक मंडल के प्रतिभागी विजेता की घोषणा LBA & AIBA के संयोजक सलीम खान करेंगे.
...... शर्ते लागू... इस प्रतियोगिता के पहले चरण में सलीम खान, मिथिलेश द्विवेदी और मैं खुद पोस्ट लिख सकते है किन्तु इनकी पोस्ट प्रतियोगिता में शामिल नहीं की जाएगी.....
तो आप सभी लोंगो से आह्वान है आईये और अपने सारे हथियार लेकर महाभारत की पहली जंग में शामिल होकर हिंदी ब्लोगिंग में एक नयी शुरुआत करिए, तो देर किस बात बोल दीजिये हमला और देखिये विजय किसकी होती है..इस नए महाभारत की जंग में शामिल होकर हिंदी ब्लॉग में एक नई और विशुद्ध परम्परा का आगाज़ करे.
2 comments:
सराहनीय प्रयास..
नया विचार और सराहनीय प्रयास ।
भाई ये बताइये कि क्या इस प्रतियोगिता में बम्बई वाली आपकी ' वो ' भी शामिल हो रही हैं जिन्हें आपने अपने विवाहित होने के बारे में नहीं बताया था और फिर भी कुछ ऐसा नहीं हुआ कि आपका प्रेम अपवित्र होता ?
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