प्यार-मोहब्बत के फरिश्तों का हमजुबां होना
सब गुनाहों से बुरा है दिल में अरमां होना .
अहसास की आँखों से देखी हैं रुस्वाइयाँ
महज़ इत्तफाक नहीं दिल का परेशां होना .
नजदीकियां भी बुरी होती हैं दूरियों की तरह
जरूरी है कुछ फासिलों का दरम्यां होना .
गर गरूर है उन्हें महलों का तो रहने दो
मेरे लिए काफी है सिर पे आसमां होना .
न जाने क्यों खुदा होना चाहते हैं लोग
काफी होता है एक इंसां का इंसां होना .
जीना मकसद है जिंदगी का 'विर्क' जीता रह
क्यों चाहता है अपने कदमों के निशां होना .
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3 comments:
वो अपने हैं लेकिन दग़ा दे रहे हैं
मेरे जलते घर को हवा दे रहे हैं
क़सम ले के पहले मुझसे न मिलने की
मुझे अपने घर का पता दे रहे हैं
nice post.
बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति .
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